Does Intermittent fasting help lose weight? डाइट ट्रेंड में हर दिन कोई न कोई बदलाव हो रहा है। वर्तमान समय में लोगों के बीच इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी लोकप्रिय है। कई वर्षों से असंख्य संस्कृतियों का हिस्सा रहा उपवास विधि अब वजन कम करने और आकार में मां पसंद बॉडी शेप पाने का एक साधन बन गया है। फिटनेस प्रेमी वजन घटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए लो-कार्ब और कीटो जैसे आहार के साथ इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं। भले ही उपवास विधि का पालन करना सुरक्षित है, यह सभी के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है। आइए जानते हैं इसपर एक्सपर्ट का क्या कहना है।

पहले जानिए क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग (What is Intermittent Fasting?)

इंटरमिटेंट फास्टिंग खाना खाने का एक विशेष तरीका है, इसमें व्यक्ति लंबे समय तक किसी भी तरह की कैलोरी का सेवन करने से परहेज करता है। सामान्य तौर पर इसका समय 12 से 40 घंटे के बीच का हो सकता है। इस फास्टिंग विधि में कभी-कभी केवल पानी, कॉफी और अन्य कैलोरी-मुक्त पेय पदार्थों का सेवन शामिल हो सकता है। इस योजना के अनुसार किसी भी प्रकार के ठोस आहार या कैलोरी युक्त पेय का सेवन वर्जित है। उदाहरण के लिए, यदि आप रात 8 बजे रात का खाना खाते हैं। मंगलवार को और रात 8 बजे तक उपवास करें। बुधवार को, आपने 24 घंटे का उपवास पूरा कर लिया है।

क्या यह उपवास विधि सभी के लिए अच्छा है ? (Is Intermittent Fasting Good for Everyone?)

इंडियन एक्सप्रेस में छपे के लेख के मुताबिक फोर्टिस सी डीओसी के कार्यकारी अध्यक्ष और डायबेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अनूप मिश्र का कहना है कि हमारे ऋषि मुनि बहुत शांत, संयमित और ऊर्जावान थे, लेकिन इंटरमिटेंट उपवास का पालन करने वालों में हमेशा ऐसा नहीं हो सकता है। कुछ लोगों में चिड़चिड़ापन, मनोदशा संबंधी विकार, चक्कर आना, थकान और सिरदर्द हो जाता है। खासकर इस उपवास के शुरुआती दिनों में ऐसा हो देखने को मिल सकता है। मधुमेह के कुछ रोगियों में कुछ भी खा लेने से और उच्च कैलोरी लेने के कारण इस दौरान रक्त शर्करा में वृद्धि हो सकती है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग से मधुमेह रोगियों को क्यों सावधान रहना चाहिए? (Intermittent Fasting is a safe choice for diabetics?)

डॉक्टर अनूप मिश्रा के मुताबिक इस उपवास विधि के दौरान मधुमेह रोगियों को भी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनमें शर्करा का स्तर कम हो सकता है, विशेष रूप से उपवास की अवधि के दौरान ऐसा हो सकता है। इसके साथ ही गैर-उपवास अवधि के दौरान ब्लड शुगर के स्तर में बढ़ोतरी, मेटाबॉलिज्म संतुलन को बिगाड़ सकता है। रक्त शर्करा के ऐसे उतार-चढ़ाव अंग प्रणालियों को कमजोर कर सकते हैं।

डॉक्टर अनूप का कहना है कि SGLT2 अवरोधक दवाएं (Empagliflozin, Canagliflozin और Dapagliflozin) लेने वाले मधुमेह के रोगियों को विशेष रूप से खतरनाक और तीव्र रूप से विकसित होने वाले डायबेटिक केटोएसिडोसिस (Ketoacidosis) का सामना करना पड़ सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आप शरीर में वसा के साथ-साथ मांसपेशियों को भी खो सकते हैं; इससे आप पहले से बेहद कमजोर हो सकते हैं। इसलिए मधुमेह रोगियों को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए। यदि ऐसा कुछ करना चाहते हैं तो अपने पोषण विशेषज्ञ और चिकित्सक से सलाह लेना न भूलें।