कमज़ोर इम्युनिटी के कारण हम कई तरह के रोगों का शिकार हो जाते हैं इसलिए यह ज़रूरी है कि हम इस बात का ध्यान रखें कि हमारी इम्युनिटी कमज़ोर न पड़ने पाए। अब सवाल उठता है कि हम ये कैसे तय करें कि हमारी इम्युनिटी मजबूत है या कमज़ोर? इसके लिए हमें अपने शरीर के कुछ लक्षणों पर ध्यान देना होगा जो कमज़ोर इम्युनिटी की तरफ़ इंगित करते हैं। आज हम ऐसे ही 5 लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो यह बताते हैं कि हमारी इम्युनिटी कमज़ोर हो रही है, इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। ये लक्षण डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट पूजा बंगा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान बताई है।
बार – बार इंफेक्शन होना- जब शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है तब हमें इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। पूजा बंगा कहती है, ‘यह मेडिकली सिद्ध हो चुका है कि अगर आपको साल में 5 बार कान का इंफेक्शन, बैक्टीरिया साइनसाइटिस, दो से अधिक बार न्यूमोनिया और 3 से अधिक बार एंटीबायोटिक्स लेने की ज़रूरत पड़ी हो, तो ज़रूर ही आप कमज़ोर इम्युनिटी के शिकार हैं।’
अधिक स्ट्रेस होना- स्ट्रेस कमज़ोर इम्युनिटी का सबसे प्रमुख लक्षण है। अगर हम इसको लंबे समय तक नज़रंदाज़ करते रहे तो इससे हमारी इम्युनिटी बुरी तरह प्रभावित होती है। पूजा बंगा बताती हैं कि अधिक स्ट्रेस से हमारे व्हाइट ब्लड सेल्स और लिम्फोसाइट्स कम होने लगते हैं जिससे हमें खांसी जुकाम और डायरिया की शिकायत होती है।
थकान- कमज़ोर इम्युनिटी में हमें दिनभर थकान की अनुभूति होती है। रात में पर्याप्त नींद लेने के बावजूद सुबह हम फ्रेश महसूस नहीं करते और लो एनर्जी बनी रहती है।
घाव का जल्दी ठीक न होना- पूजा बंगा बताती है कि हमारी कमज़ोर इम्युनिटी नई त्वचा जल्दी नहीं बना पाती जिससे हमारा घाव जल्दी ठीक नहीं हो पाता। हमारी मज़बूत इम्युनिटी ही नए स्किन को लाने में मदद करती है।
जोड़ों का दर्द- जोड़ों में बार- बार दर्द रहना कमज़ोर इम्युनिटी का बड़ा लक्षण है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आपकी इम्युनिटी लंबे समय तक कमज़ोर रहती है, तो ऑटोइम्यून डिसऑर्डर अथवा इंफेक्शन के कारण रक्त में इन्फ्लेमेशन की शिकायत होती है। इससे जोड़ों में दर्द, सूजन आदि की शिकायत होती है।
इम्युनिटी मज़बूत बनाने के उपाय- इसके लिए सबसे पहले आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। नियमित व्यायाम के साथ एक संतुलित आहार लें जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, फैट्स, अभी विटामिंस और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा में मौजूदगी हो। अधिक प्रोसेस्ड फूड्स जैसे चिप्स, पिज़्ज़ा, बर्गर आदि से दूरी रखें और मौसमी फल, सब्ज़ियों का सेवन करें।