डॉयबिटीज खराब खान-पान और बिगड़ती जीवन शैली का नतीजा है। खराब खान-पान की वजह से ये बीमारी कम उम्र के लोगों को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है। भारत में कोरोना महामारी के बाद इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में इज़ाफा हुआ है। हमारे देश में डायबिटीज की बीमारी तेजी से फैल रही है इसके मरीजों की तादाद पांच करोड़ तक पहुंच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक देश और दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की तादाद 2030 तक आठ करोड़ पहुंच सकती है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है अगर डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान नहीं रखा जाए तो ये बीमारी कई और बीमारियों जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी रोग, स्ट्रोक, आंखों में समस्याएं, पैरों में अल्सर होने का खतरा बढ़ सकती है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जितना डाइट पर कंट्रोल और एक्सरसाइज करना जरूरी है उतना ही कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं कि ब्लड शुगर को मैनेज कैसे करें, इस तरह आसान भाषा में समझिए इसका गणित और इससे बचने का तरीका
ब्लड में शुगर की मात्रा को समझिएः जब हम कोई चीज खाते हैं या पीते हैं तो इसमें कार्बोहाइड्रैट रहता है। यही कार्बोहाइड्रैट शुगर होता है। कोई भी चीज खाने या पीने के बाद यह पेट में जाती है, पेट में यह पचकर ग्लूकोज बन जाती है। यही ग्लूकोज खून में दौड़ता रहता है। ग्लूकोज के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं लेकिन जब खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाए यानी शुगर की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो परेशानी पैदा होती है।
इंसुलिन की क्या भूमिका हैः सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ब्लड शुगर बढ़ता ही क्यों है।
खून में जब भी ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है तो पैनक्रियाज नाम की एक ग्रंथि से इंसुलिन हार्मोन निकलता है। यह इंसुलिन ग्लूकोज की मात्रा को कोशिकाओं तक पहुंचाने में मदद करता है। जब ग्लूकोज कोशिकाओं तक पहुंच जाता है तो इसका इस्तेमाल शरीर में ऊर्जा बनाने में होता है। टाइप 2 डायबिटीज में ग्लूकोज कोशिका तक पहुंचने के बजाय खून में जमा होने लगता है यानी पैनक्रियाज में इंसुलिन को कई कारक बनने से रोकते हैं। इस स्थिति में पैनक्रियाज में इंसुलिन उत्पादन की क्षमता कम हो जाती है।
ऐसे करें मैनेज – ब्लड शुगर को मैनेज करने के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर की सही मात्रा के बारे में पता करना होगा। इसके लिए खून की जांच की जाती है। अगर खून में फास्टिंग के दौरान शुगर की मात्रा 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम है तो आपको डायबिटीज का कोई खतरा नहीं है। अगर यह 100 से 125 के बीच है तो यह डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। अगर 126 या इससे ज्यादा है तो आपको टाईप 2 डायबिटीज है।
अब क्या करें- खून जांच के बाद यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो आप इसका मैनेज आसानी से कर सकते हैं.
- सबसे पहले सिगरेट शराब छोड़ दें। किसी भी रूप में तंबाकू का भी सेवन न करें। इससे न केवल डायबिटीज बढ़ेगी बल्कि कैंसर, हार्ट, लंग्स की बीमारी भी हो सकती है।
- वजन को नियंत्रित करें। वजन बढ़ना कई बीमारियों का जड़ है। वजन घटा कर आप डायबिटीज की गंभीरता को कम कर सकते हैं।
- एक्सरसाइज बेहद जरूरी है, जितना एक्सरसाइज करेंगे डायबिटीज को जोखिम उतना ही कम होगा।
- खाने के प्रति सतर्कता सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसी कोई चीज नहीं खाएं जिससे शुगर की मात्रा बढ़ें। वसायुक्त, तेलीय, तला-भूना, चीनी, नमक, मीट, ज्यादा प्रोटीन युक्त भोजन आदि को सबसे पहले बाय कह दें। डॉक्टरों से लिस्ट बना लें कि क्या नहीं खाना चाहिए।
- स्मार्ट चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। अपनी डाइट में हरी सब्जी, फ्रूट, साबुत अनाज, बींस, फलियां, मसूर की दाल, बादाम, अखरोट, मछली आदि का सेवन कर आप डायबिटीज के खतरनाक जोखिम से बच सकते हैं।