किसी को भी गुस्सा आना एक सामान्य सी बात है। हालांकि, कई बार गुस्से के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बात-बात पर गुस्सा आने से रिश्ते, सेहत और मानसिक शांति इन सभी पर काफी बुरा असर पड़ता है। कई लोग तो गुस्से में ही बिना सोचे समझे निर्णय लेते हैं, जिसका काफी दूरगामी परिणाम भी देखने को मिलता है। वहीं, गुस्सा आए तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इस पर सद्गुरु ने यह भी बताया कि गुस्से से परेशान लोगों को क्या करना चाहिए।

गुस्से को लेकर सद्गुरु ने क्या कहा?

सद्गुरु ने गुस्से को लेकर कहा कि यह इस पर निर्भर करता है कि गुस्से का शिकार कौन है। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप अपनी मां से गुस्सा हैं तो आप अलग तरह से व्यवहार करेंगे। वहीं, दोस्त से गुस्सा होने पर आप दूसरे तरह से व्यवहार करेंगे।

हमारे आस-पास होती हैं कई चीजें

उन्होंने आगे कहा कि गुस्सा अगर पसंद ही नहीं है तो इसको करना ही क्यों है। सद्गुरु ने एक उदाहरण देते हुए यह भी बताया कि आस-पास कई ऐसी चीजें होती हैं, जिसको हम कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। हालांकि, हम यह तो बखूबी तय कर सकते हैं कि हमारे भीतर क्या हो रहा है। अगर गुस्सा पसंद नहीं है तो इसको करना ही क्यों है।

सद्गुरु ने आगे कहा कि उन लोगों से कभी भी प्रेरणा नहीं लेनी चाहिए, जो किसी भी बात पर बार-बार गुस्सा हो जाते हैं। आप अपने शरीर, विचार और भावना को खुद देखें और खुद ही निर्णय लें कि आप क्यों गुस्सा हो रहे हैं। अगर कोई दूसरा व्यक्ति यह तय कर रहा है कि आपके भीतर क्या होना चाहिए तो यह सबसे बड़ी गुलामी है। ऐसे में आपके साथ क्या हो आप ही डिसाइड करें। आगे पढ़िएः मीठे पपीते की पहचान कैसे करें?