Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार योग की शुरुआत है। लेकिन, इसके बारे में अब भी लोगों में जानकारी की कमी है। ऐसी स्थिति में आप सूर्य नमस्कार के बारे में जानना चाहिए कि योग इस मुद्रा की शुरुआत कहां से हुई, सूर्य नमस्कार करने का सही समय क्या है और सूर्य नमस्कार दिन में कितनी बार करना चाहिए। इसके अलावा स्ट्रेस से लेकर वेट लॉस तक इसके कितने पोज करें, आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

सूर्य नमस्कार का अर्थ क्या होता है-What is the meaning of surya namaskar

सूर्य नमस्कार, एक पारंपरिक भारतीय योग अभ्यास है जो शारीरिक मुद्राओं, श्वास तकनीकों और ध्यान को जोड़ता है। “सूर्य नमस्कार” शब्द दो संस्कृत शब्दों से लिया गया है:

  1. “सूर्य” (सूर्य) जिसका अर्थ है “सूर्य”
  2. “नमस्कार” (नमस्कार) का अर्थ है “प्रणाम”
    इस प्रकार, सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ है “सूर्य को नमस्कार।”

सूर्य नमस्कार का अपना एक दार्शनिक महत्व था। पहले ये एक शारीरिक व्यायाम से ज्यादा आध्यात्मिक अभ्यास के लिए जाना जाता था। दरअसल, सूर्य को प्रत्यक्ष देव और एनर्जी का इकलौता सोर्स माना जाता है जो कि

  • शरीर और मन में ऊर्जा
  • रोशनी
  • गर्मी
  • आध्यात्मिक विकास
  • आंतरिक रोशनी यानी तमाम अंगों के काम काज को एक शुरुआत देती है।
    तो सूर्य नमस्कार करके, अभ्यासकर्ता सूर्य के महत्व को स्वीकार करते हैं और इसकी ऊर्जावान और परिवर्तनकारी शक्ति से जुड़ने का प्रयास करते हैं।

सूर्य नमस्कार का आविष्कार किसने किया था-Who invented Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार का अविष्कार सूर्य की पूजा से हुई है लेकिन, कृष्णमाचार्य जो एक प्रसिद्ध योग गुरु थे उन्हें 20वीं सदी की शुरुआत में सूर्य नमस्कार को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है। विशेष रूप से हठ योग और राज योग में इसे किया जाता रहा है और यही इसकी शुरुआत है। हालांकि, योग ऋषि पतंजलि ने अपने योग सूत्र में सूर्य नमस्कार जैसी प्रथाओं का उल्लेख किया है। इसके बाद इन लोगों ने सूर्य नमस्कार को फेमस कर दिया है जिनमें शामिल हैं

  • बी.के.एस. अयंगर (1918-2014)
  • के. पट्टाभि जोइस (1915-2009)
  • टी. कृष्णमाचार्य के बेटे, टी.के.वी. देसिकाचार
    -स्वामी शिवानंद (1887-1950)

सूर्य नमस्कार दिन में कितनी बार करना चाहिए-How many minimum surya namaskar per day

  • पहले सप्ताह हर दिन 3-5 राउंड (12-20 आसन) करें।
  • धीरे-धीरे प्रति सप्ताह 5-10 राउंड (20-40 आसन) तक बढ़ाएं।
  • सप्ताह में 3-5 बार जरूर करें।
    -स्ट्रेस कम करने के लिए (surya namaskar for stress) हर दिन 5-10 राउंड करें।
  • लचीलेपन और मजबूती के लिए (surya namaskar for strength training) हर दिन 10-20 राउंड करें।
  • वजन घटाने के लिए (surya namaskar for weight loss) हर दिन 20-30 राउंड सूर्य नमस्कार करें।

सूर्य नमस्कार करने का सही समय-Best time to do surya namaskar

सूर्य नमस्कार करने का सबसे सही समय है सूर्य के उदय के साथ। इसके बाद आप शाम में शांति से आरामदायक समय में भी कर सकते हैं।

  1. सुबह 6:00 – 8:00 के बीच ऊर्जा, लचीलेपन और कंस्ट्रक्शन बढ़ाने के लिए योग करें।
  2. दोपहर में 4:00 से शाम 6:00 बजे तक योग करें। ये तनाव को कम करने के साथ ब्लड सर्कुलेशन को तेज करने में मददगार है।
  3. योग या वर्कआउट से पहले: लचीलेपन, ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने और चोटों को रोकने के लिए सूर्य नमस्कार के साथ वार्म-अप करें।

सूर्य नमस्कार के 12 आसन-Surya namaskar 12 steps images

प्रणामासन या पर्वत मुद्रा-Pranamasana or Mountain Pose

  • पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखकर सीधे खड़े हो जाएं।
  • हाथ जोड़कर नमस्ते प्रार्थना मुद्रा में आएं।
  • कोर को इक्ट्ठा करें, कंधों को आराम दें।

हस्त उत्तानासन-Hasta Uttanasana

-हाथों को आसमान की ओर ऊपर उठाएं। कोहनियों को थोड़ा मोड़कर रखें। आगे की ओर देखें और सीना चौड़ा करें।

उत्तानासन-Uttanasana

  • घुटनों को थोड़ा मोड़ते हुए आगे की ओर झुकें
  • हाथ जमीन पर या पिंडलियों पर
  • रीढ़ की हड्डी को तानें, गर्दन को आराम दें।

अश्व संचलानासन-Ashwa Sanchalanasana or Low Lunge

  • दाहिना पैर आगे, बायां पैर पीछे करें
  • घुटने 90 डिग्री पर मुड़ लें
  • हाथ जमीन पर रखें, कोर संलग्न करें।

चतुरंग दंडासन-Chaturanga Dandasana or Plank Pose

  • हाथ कंधे की चौड़ाई से अलग करें।
  • सिर से एड़ी तक शरीर सीधी रेखा में रखें।
  • कोर संलग्न करें, कंधों को आराम दें।

विपरीत शलभासन-Viparita Shalabhasana or Upward-Facing Dog

  • हथेलियों को जमीन पर, सिर और पैर उठाएं।
  • कोहनियों को थोड़ा मोड़कर रखें।
  • आगे की ओर देखें, सीना चौड़ा करें।

अधो मुख संवासन-Adho Mukha Svanasana or Downward-Facing Dog

  • हाथ और पैर जमीन पर
  • शरीर उल्टे V आकार में
  • रीढ़ की हड्डी को तानें, गर्दन को आराम दें

अश्व संचलानासन-Ashwa Sanchalanasana or Low Lunge

  • बायां पैर आगे, दायां पैर पीछे
  • घुटने 90 डिग्री पर मुड़े हों
  • हाथ ज़मीन पर रखें, कोर संलग्न करें

उत्तानासन-Uttanasana or Forward Fold

-घुटनों को थोड़ा मोड़ते हुए आगे की ओर झुकें

  • हाथ जमीन पर या पिंडलियों पर रखें
  • रीढ़ की हड्डी को तानें, गर्दन को आराम दें।

हस्त उत्तानासन-Hasta Uttanasana or Raised Arms Pose

-हाथों को आसमान की ओर ऊपर उठाएं

-कोहनियों को थोड़ा मोड़कर रखें

  • -आगे की ओर देखें, सीना चौड़ा करें

प्रणामासन (पर्वत मुद्रा)-Pranamasana or Mountain Pose

  • पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखकर सीधे खड़े हो जाएं।
  • हाथ जोड़कर नमस्ते करें।
  • कोर संलग्न करें और कंधों को आराम दें।

सवासना-Savasana or Relaxation Pose

  • आराम से लेटें या बैठें।
  • पूरे शरीर को आराम दें।
  • सांसों पर ध्यान दें, मन शांत रखें।

इस प्रकार से आप सूर्य नमस्कार से 12 आसन कर सकते हैं। ये आपको हर प्रकार से फिट रहने और खुश रखने में मदद करेगा। इसके अलावा ये मानसिक रूप से तनाव को कम करने में भी मददगार है।