बाजार में इस मौसम की नई सब्जियां और अनाज आने शुरू हो गए हैं। आयुर्वेद कहता है कि मौसमी फल, सब्जियां और अनाज ही खाने चाहिए। यह सेहत के लिए बहुत जरूरी है। फिर यह कि लंबे समय से एक ही तरह की सब्जियां खाते-खाते ऊब गए थे, अब उससे भी छुट्टी मिलेगी। तो इस बार इस मौसम में आने वाली कुछ सब्जियों की चर्चा।
गोभी मुसल्लम
मुसल्लम यानी पूरा। फूल गोभी को बिना काटे बनाई जानी वाली सब्जी। फूल गोभी की फसल वास्तव में इसी मौसम में तैयार होती है। हालांकि अब तो हर मौसम में यह सब्जी मिलती है, मगर इसके तैयार होने का मौसम सर्दियों का ही है। फूल गोभी हर किसी को पसंद होती है। हर जगह इसे किसी न किसी रूप में बना कर खाया जाता है। कई लोग इसे केवल सब्जी के रूप में बनाते हैं, तो कुछ लोग इसका परांठा भी बनाते हैं, कुछ लोग पकौड़े और चटनी भी। इसकी सब्जी बनाने के तरीके कई हैं। आमतौर पर इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर पकाया जाता है।
मगर पूरी गोभी को बिना काटे पकाएं तो देखने में भी सुंदर लगता है और खाने में इसका स्वाद भी अलग होता है। रोज बेशक गोभी मुसल्लम न बना सकें, मगर कभी जब घर में मेहमान आएं या कोई उत्सव हो या फिर जब फुरसत में हों और कुछ अलग खाने का मन हो, तो गोभी मुसल्लम बना कर खाएं, आनंद आएगा।
गोभी मुसल्लम बनाना कठिन नहीं है। सामान्य सब्जी की अपेक्षा इसे बनाने में थोड़ा समय जरूर अधिक लगता है। मगर कुछ अच्छा खाना है, तो थोड़ा समय अधिक खर्च करने में क्या कंजूसी। गोभी मुसल्लम बनाने के लिए छोटे आकार की गोभियां लें। चार लोगों के लिए दो गोभी पर्याप्त होती है। इसके अलावा इसकी तरी बनाने के लिए तीन मध्यम आकार के टमाटर, आठ-दस काजू, थोड़ा खसखस और बाकी रोजमर्रा इस्तेमाल होे वाले खड़े और पिसे मसालों की जरूरत पड़ती है। गोभी मुसल्लम को अगर घी में बनाएं, तो स्वाद अच्छा आता है। नहीं, तो सरसों के तेल में भी बना सकते हैं।
सबसे पहले गोभी के डंठल को काट कर निकाल दें और थोड़ी देर पानी में भिगो कर रखें ताकि अच्छी तरह साफ हो जाए। फिर उसे धोकर पानी अच्छी तरह निथार लें। अब एक कड़ाही में चार खाने के चम्मच बराबर घी गरम करें। उसमें एक तेजपत्ता, छोटा टुकड़ा दालचीनी, एक छोटा चम्मच साबुत धनिया, आधा चम्मच जीरा, आधा चम्मच सौंफ का तड़का दें और फिर आंच मध्यम कर दें। उसमें गोभियों को डंठल वाले हिस्से को नीचे की तरफ करके रख दें। अब कड़ाही पर ढक्कन लगा दें, ताकि मसालों की सुगंध गोभियों में जज्ब हो जाए।
इस बीच टमाटरों को मोटा-मोटा काट कर गोभियों के चारों तरफ डाल दें। इसी के साथ काजू और खसखस भी डाल कर ढक्कन लगा दें। पांच मिनट बाद गोभियों को पलट दें। इसी तरह पांच मिनट तक दूसरी तरफ से भी पका लें। गोभियां आधा से ज्यादा पक जाएं, तो उन्हें बाहर निकाल कर अलग कटोरे में ढंक कर रख दें। अब तक टमाटर भी पक कर नरम हो चुके होंगे, उन्हें भी निकाल कर थोड़ा ठंडा होने दें।
फिर उसमें से तेज पत्ता और दालचीनी का टुकड़ा बाहर निकालें और सारी सामग्री को मिक्सर में डाल कर अच्छी तरह पीस लें। पीसने के बाद फिर से उसी कड़ाही में डालें और चलाते हुए घी छोड़ने तक पकाएं। अब इसमें आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, एक से डेढ़ चम्मच पिसा हुआ धनिया, ए चम्मच गरम मसाला और चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर डाल कर दो मिनट तक चलाते हुए भूनें। अब इसमें आधा गिलास पानी डालें और अच्छी तरह मिला लें।
जरूरत भर का नमक डालें और ढक्कन लगा कर उबाल आने दें। उबाल आ जाए तो गोभियों को डंठल वाला हिस्सा ऊपर की तरफ को करके रख दें और चम्मच से तरी उठा कर गोभी के ऊपर डालें। इस तरह तरी गोभी के भीतर तक पहुंचेगी और गोभी पूरी तरह तरी में डूब जाएगी। ढक्कन लगा कर पांच मिनट तक और पकाएं और फिर आंच बंद कर दें। गोभियों को एक कटोरे में उलट कर रखें और उनके ऊपर तरी डालें। इस पर हरा धनिया, अदरक का लच्छा और हरी मिर्च डाल कर सजाएं और गरमागरम परोसें।
कमल ककड़ी के कोफ्ते
कमल ककड़ी में लौह तत्त्व यानी आयरन और आयोडीन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इसे खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इसकी पैदावार का कोई खास मौसम नहीं होता। बारहों महीने और आजकल हर जगह मिल जाती है। कमल ककड़ी की सब्जी भी बनती है और पकौड़े भी। मगर इसके कोफ्ते का आनंद ही अलग होता है।
कमल ककड़ी के कोफ्ते बनाने के लिए करीब ढाई सौ ग्राम कमल ककड़ी लें। उन्हें अच्छी तरह धोकर पीलर से ऊपर की पतली परत उतार दें। फिर टुकड़ों में काटें और कुकर में थोड़े पानी में नमक मिला कर दो से तीन सीटी आने तक उबाल लें। उबलने के बाद पानी निथार लें और जब थोड़ा ठंडा हो जाए, तो उन्हें हथों से दबा कर अच्छी तरह मसल लें। अब इसमें एक से डेढ़ चम्मच बेसन, चुटकी भर हल्दी पाउडर, आधा छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, आधा चम्मच धनिया पाउडर, जरूरत भर का नमक, एक हरी मिर्च कटी हुई और कटा हरा धनिया डाल कर अच्छी तरह गूंथें। अगर इसमें चाहें तो कुछ मूंगफली के दाने कूट कर या काजू काट कर डाल सकते हैं, इससे स्वाद थोड़ा और बेहतर हो जाएगा।
इस मिश्रण में से थोड़ा-थोड़ा हिस्सा लेकर कोफ्ते बना लें। फिर कड़ाही में तेल गरम करें और मध्यम आंच पर कोफ्तों को सुनहरा होने तक तल लें। इसके बाद इसकी तरी बनाएं। तरी बनाने के लिए टमाटर-प्याज-लहसुन का उपयोग करें, तो अच्छा रहता है। तरी बना कर कोफ्तों के ऊपर डाल दें या फिर कोफ्तों को दो से तीन मिनट तक तरी में ही उबाल लें। हरा धनिया, अदरक लच्छा और हरी मिर्च के साथ सजा कर परोसें। रोटी, परांठे या चावल के साथ इसे खा सकते हैं।