Rare facts about India’s National Flag: इस साल भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। जिसके चलते 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान की भी शुरुआत की जा रही है। बता दें कि इस अभियान के तहत लगभग 20 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने की योजना बनाई जा रही है। हर स्वतंत्र देश का अपना एक राष्ट्रीय ध्वज होता है जो कि स्वतंत्र देश का चिन्ह भी माना जाता है।
बता दें कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय सविंधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था। यह सभा भारत को आजादी मिलने से कुछ समय पहले ही की गयी थी और फिर कुछ दिन बाद भारत को अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी मिल गयी थी। यानी कि 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया था और भारत ने अपना अलग राष्ट्रीय ध्वज फहराया। बता दें कि भारतीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है। जिसका अर्थ होता है 3 रंगों से बना हुआ ध्वज। भारतीय तिरंगे में 3 अलग अलग रंग होते हैं और तिरंगे के इन रंगो का महत्व भी अलग अलग होता है।
तिरंगे में रंगों का महत्व (What does the green, saffron and white part of Indian flag symbolizes?)
भारतीय तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग की एक पट्टी होती है जिसका अर्थ देश के प्रति साहस और सहानुभूति होता है। वहीं दूसरी ओर बीच में सफेद रंग की पट्टी होती है जो कि शांति का प्रतीक माना जाता है और सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का एक चक्र बना होता है, जिसे अशोक चक्र कहा जाता है।
तिरंगे के अशोक चक्र की खासियत (Features of Ashoka Chakra)
इसके अलावा इस चक्र में 24 तीलियां भी होती हैं, जिसे अशोक चक्र के नाम से जाना जाता है। वहीं इसके बाद तिरंगे में हरे रंग की पट्टी होती है। हरे रंग की पट्टी वृद्धि और उर्वरता की प्रतीक मानी जाती है। बात अगर तिरंगे के इतिहास की करें तो तिरंगे को आंध्र प्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इस चक्र को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है। अशोक चक्र में कुल 24 तीलियां होती हैं। इसकी 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाने का काम करती हैं। इन 24 गुणों को धर्म मार्ग भी कहा जाता है।
बता दें कि भारत इस साल अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है साथ ही जिसके लिए तैयारियां जोरो सोरों से चल रहीं हैं। जिसके लिए हर घर तिरंगा अभियान की भी शुरुआत की जा रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय ध्वज को लेकर कुछ नियम भी बनाए गए हैं और इन नियमों का पालन करना हर भारतीय का फर्ज भी है।
आइए जानते हैं तिरंगे से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में (Know About Some Facts Related to the Tricolor)
भारत में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ नाम का एक कानून है, जिसके तहत तिरंगा फहराने के कुछ नियम बनाए गए हैं और हर भारतीय को इन नियमों का पालन करना भी जरूरी है। बता दें कि अगर को व्यक्ति इस कानून को तोड़कर या कानून के खिलाफ जा कर तिरंगा फहरा देता है तो उस व्यक्ति को जेल भी हो सकती है।
बता दें कि साल 2002 से पहले कोई भी घर या किसी निजी स्थान पर तिरंगा नहीं फेहरा सकते थे। लेकिन 2002 में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ में कुछ बदलाव किये गए थे। जिसमें घर, दफ्तर व फैक्ट्री आदि में भी भारतीय लोग ध्वज फहरा सकते हैं। साल 2009 में रात के समय तिरंगा फहराने की अनुमति मिली थी।
तिरंगा से जुड़े नियमों को जानना चाहिए (Must know the rules related to tricolor)
इसके अलावा किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन से टच नहीं होना चाहिए। क्योंकि ऐसा करना तिरंगे का अपमान माना जाएगा। तिरंगे को किसी भी रूप में सजावट के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है। न ही कोई अपने किसी भी वाहन पर तिरंगा बनवा सकते हैं। जिसमें ट्रेन, नाव व हवाई जहाज भी शामिल हैं।
बता दें कि बेंगलुरु के हुबली में मात्र एक संस्थान है जिसके पास तिरंगा बनाने और सप्लाई करने का लाइसेंस है। इसके अलावा तिरंगा बनाने के लिए केवल खादी, सिल्क व कॉटन के कपड़े का ही इस्तेमाल कर सकते हैं साथ ही तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही बनाया जाएगा।
इसके अलावा भारत में तिरंगे को न तो जला सकते हैं और न ही पानी में बहा सकते हैं। लेकिन जब देश के लिए कोई शहीद होता है या फिर किसी महान शख्सियत की मृत्यु होती है तो उस समय उनका पार्थिव शरीर तिरंगे से ढका होता है और बाद में इस तिरंगे को गोपनीय व सम्मान के साथ जला दिया जाता है। या फिर पवित्र नदी में तिरंगे को जल समाधि दे दी जाती है।