Diwali 2018, Rangoli Designs 2018 Latest Images, Photos: दिवाली का त्योहार भारत के अलावा दुनिया के अन्य कई देशों में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। दंतकथाओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही राम जी अपने 14 साल के वनवास से लौटे थे और इसलिए पूरे अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत बड़ें ही बेहतरीन तरीके से किया था। पूरे अयोध्या में खूबसूरत रंगोली बनाई गई थी। दिवाली के त्योहार का इंतजार हर उम्र के लोग करते हैं। इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों और अपनों को गिफ्ट्स देते हैं। दिवाली आने के पहले से ही लोग अपने घर की साफ-सफाई शुरू कर देते हैं। इस दिन लोग अपने घर को दियों और लाइट्स से सजाते हैं। दिवाली के दिन आमतौर पर लड़कियां अपने घर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए रंगोली बनाती हैं। रंगोली को और आकर्षित बनाने के लिए आप उसमें अलग-अलग रंग भर सकते हैं।
रंगोली बनाने के लिए आप रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप बाजार में मिलने वाले रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो घर पर मौजूद चीजों से रंगोली के रंग बना सकते हैं। हल्दी, सूजी, आटें, अनार के छिलको का पाउडर बनाकर आप कलर्स बना सकते हैं। इस दिवाली आप इंटरनेट पर देखकर कई प्रकार की रंगोली के डिजाइन्स बना सकते हैं।






इस दिवाली आप अपने घर को इन रंगोलियों की मदद से और अधिक खूबसूरत बना सकते हैं और रंगोली में अपने पसंद की रंग भरकर इन्हें और अधिक खूबसूरत बना सकते हैं।


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रंगोली को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार एक राजा के पुरोहित के पुत्र की मृत्यु हो जाती है। ब्रह्मा जी राजा को कहते हैं कि वह लड़के का रेखाचित्र जमीन पर बनवा दें जिससे पुत्र की जान वापस की जा सके। इसके बाद से रंगोली की शुरुआत मानी जाती है।
रंगोली शुभता और संपन्नता का प्रतीक मानी जाती है। यह सकारात्मक शक्तियों को घर में आकर्षित करती है। रंगोली का निरादर किया जाना अशुभ माना गया है। रंगोली को झाड़ू या कपड़े से हटाया जाना वास्तु के अनुसार गलत है।
रंगोली को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। जैसे कि भगवान की टूटी हुई मूर्ति कहीं भी नहीं फेंक दी जाती है। जैसे धार्मिक ग्रंथ को आम कागजों की तरह फेंक नहीं दिया जाता। उसी तरह से रंगोली को हटाने के लिए भी कई तरह की परंपराएं प्रचलित हैं।
उत्तर भारत में प्रमुख त्योहारों पर रंगोली बनाने का चलन है। लेकिन दक्षिण भारत में हर दिन रंगोली बनाई जाती है और आंगन में निर्मित रहती है। इसे घर की सुंदरता के साथ सौभाग्य भी बढ़ता है।
रंगोली बनाने के लिए आपको सिंथेटिक रंग का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है। आप अपने घर के किचन में रखे मसालों से भी खूबसूरत रंगोली बना सकते हैं।
यदि आप कुछ नया करना चाहते हैं तो ऑयल पेंटिंग से अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं। कुछ क्रिएटिव कर इस दिवाली को यादगार बना सकते हैं। ऑयल पेंट का उपयोग कर सुंदर रंगोली बनाई जा सकती है। यह रंगोली लंबे समय तक बनी रहती है। दूर से ही नजर आती है।
पारंपरिक रंगोली बनाने के लिए गांव के लोग गेरू से लीपे घरों में मांडना की आकृतियां बनाते थे। चावल के आटे को घोलकर इन्हें बनाया जाता था। माॅर्डन रंगोली बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे सबसे ज्यादा फायदा ये होता है कि लोगों को सिंथेटिक रंग का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है। यह आसानी से साफ भी हो जाता है।
रंगोली को भगवान का स्वागत करने से जोड़ा गया है। रंगोली अलग-अलग रंगों से जमीन पर बनाई जाती है। माना जाता है कि जब भगवान का आगमन होता है तो वह रंगोली देखकर काफी प्रसन्न होते हैं।
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रंगोली शब्द संस्कृत के एक शब्द 'रंगावली' से लिया गया है। ये भारत की वो रंगबिरंगी कला है जो हर शुभ मौके पर बनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रंगोली बनाई जाती है।
फूलों की रंगोली के साथ आप भगवान की प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं। इससे घर में खुशियों के आने की मान्यता है।
यह रंगोली काफी प्यारी लग रही है। और बाकी की रंगोलियों से काफी अलग है। आप इसे भी बना सकते हैं।
दिवाली पर कई सारे लोग फूलों की रंगोली बनाना पसंद करते हैं। आप भी अपने घर पर ऐसी ही फूलों की शानदार रंगोली बना सकते हैं।
यह रंगोली भी काफी खूबसूरत है। आप दिवाली के मौके पर इसे भी अपने घर के आंगन में बना सकते हैं।
एक अन्य कथा के अनुसार माना जाता है कि ब्रह्म देव ने आम के पेड़ से रस निकालकर जमीन पर बनी स्त्री की आकृति पर डाली और वहां एक अतिसुंदर स्त्री का जन्म हुआ। उसे उर्वशी की संज्ञा दी गई। पौराणिक ग्रंथों में जहां पर रामायण में सीता के विवाह मंडप की चर्चा दिखाई देती है, वहां पर रंगोली का उल्लेख भी मिलता है।
कथा के अनुसार एक राजा के पुरोहित के पुत्र की मृत्यु हो जाती है। ब्रह्मा जी राजा को कहते हैं कि वह लड़के का रेखाचित्र जमीन पर बनवा दें जिससे पुत्र की जान वापस की जा सके। इसी के बाद से रंगोली की शुरुआत हुई।
दिवाली पर फूलों की रंगोली बनाने का भी चलन है। आप फूलों से बनी इस खूबसूरत रंगोली को देख सकते हैं।
फूलों वाली रंगोली को साफ करना आसान माना जाता है। उसके लिए पत्तियों को इकठ्ठा करने के बाद किसी पौधे में डाल देना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता का संचार हमेशा रहता है। इससे परिवार के एकता आती है।
दिवाली पर अधिकतर लोग अपने घर के गेट के सामने रंगोली बनाते हैं। रंगोली एक ऐसी पारंपरिक कला है। रंगोली शब्द संस्कृत के एक शब्द ‘रंगावली’ से लिया गया है। ये भारत को वो रंगबिरंगी कला है जो हर शुभ मौके पर बनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रंगोली बनाई जाती है।
रंगोली खराब हो जाए तो उसे जल की सहायता से हटाना शुभ माना जाता है। जल को हिंदू धर्म में पवित्र कार्यों में प्रयोग किया जाता है। माना जाता है कि रंगोली हटाना चाहते हैं तो उसे जल गिराकर हटाया जा सकता है।
रंगोली शुभता और संपन्नता का प्रतीक मानी जाती है। यह सकारात्मक शक्तियों को घर में आकर्षित करती हैं। रंगोली का निरादर किया जाए तो वो अशुभ माना जाता है। रंगोली को झाड़ू या कपड़े से हटाया जाना वास्तु के अनुसार गलत है।
रंगोली को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। जैसे कि भगवान की टूटी हुई मूर्ति कहीं भी नहीं फेंक दी जाती, धार्मिक ग्रंथ को आम कागजों की तरह फेंक नहीं दिया जाता। ठीक उसी तरह से रंगोली को हटाने के लिए भी कई तरह की परंपराएं चलती हैं।
उत्तर भारत में प्रमुख त्योहारों पर रंगोली बनाने के चलन प्रचलित है। लेकिन दक्षिण भारत में हर दिन रंगोली बनाई जाती है और आंगन में निर्मित रहती है। ये रंगोली घर की सुंदरता में चार-चांद लगा देती है।
हिंदू धर्म में अनेकों धार्मिक और पौराणिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। इन्हीं में से शुभ अवसर पर रंगोली बनाना एक खास मान्यता है। दीवाली, नवरात्रि या अन्य किसी खास आयोजन पर रंगोली बनाना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मकता आने की बात कही गई है।
रंगोली को बनाने के लिए पहले तीन वृत्त यानी कि सर्कल बना लें। बीच वाले वृत्त में अपने इष्ट भगवान की आकृति बनाएं। दूसरे वृत्त में फूल तथा तीसरे वृत्त में छोटे-छोटे बॉक्स बना लें। हर बॉक्स में अलग-अलग रंग भर लें।
घरों के प्रवेश द्वारों को खूबसूरत रंगों और कलाकृतियों से सजाया जाता है। हिंदू परंपरा के हर त्यौहार बिना रंगोली के अधूरे हैं लेकिन दिवाली के दौरान रंगोली का विशेष महत्व होता है। रंगोली को बिना दिवाली अधूरी मानी जाती है।