Happy Basant Panchami 2020 Wishes Images, Quotes, Status, SMS, Messages, GIF Pics: इस साल बसंत पंचमी 29 जनवरी को देशभर में मनाया जाएगा। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। बसंत पंचमी वसंत की शुरुआत का प्रतीक है। इसे एक शुभ दिन के रूप में माना जाता है। त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार भारत के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है और माघ के हिंदू महीने के पांचवें दिन (पंचमी) को पड़ता है। बसंत पंचमी समारोह से जुड़ी कई रोचक कहानियां हैं। बसंत पंचमी पर सरसों के खेत लहलहा उठते हैं। चना, जौ, ज्वार और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं। इस दिन से बसंत ऋतु का प्रारंभ होता है। यूं तो भारत में छह ऋतुएं होती हैं लेकिन बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है।
Happy Basant Panchami 2020: Wishes Images, Quotes, Photos, Status, Wallpapers, Messages
बसंत पंचमी के दिन कुछ लोग कामदेव की पूजा भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पुराने जमाने में राजा हाथी पर बैठकर नगर का भ्रमण करते हुए देवालय पहुंचकर कामदेव की पूजा करते थे। बसंत ऋतु में मौसम सुहाना हो जाता है और मान्यता है कि कामदेव पूरा माहौल रूमानी कर देते हैं। इस त्योहार के मौके पर लोग पूजा करते हैं। इसके अलावा अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मैसेज और कोट्स भेजकर ढेर सारी शुभकामनाएं भी देते हैं।
Happy Saraswati Puja 2020 Wishes Images, Status, Quotes, Wallpapers, SMS, Messages
1. इस साल का यह बसंत,
आपको खुशियां दें अनंत,
प्रेम और उत्साह से भर दे जीवन के रंग
बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई

2. मंदिर की घंटी,
आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आए खुशियों की बहार,
आपको मुबारक हो बसंत पंचमी का त्योहार


हो जाओ तैयार, माँ सरस्वती आने वाली है।सजा लो दरबार माँ सरस्वती आने वाली हैं।तन,मन और जीवन हो जायेगा पावन,माँ के कदमो की आहट से गूँज उठेगा आँगन।
आनन्द-उमंग रंग, भक्ति-रंग रंग रंगी,
एहो ! अनुराग सत्य उर में जगावनी |
ज्ञान वैराग्य वृक्ष लता पता चारों फल,
प्रेम पुष्प वाटिका सुन्दर सजवानी |
सत्संगी समझदार, देखो यह बहार बनी,
अमृत की वर्षा सरस आनन्द बरसवानी |
कहता शिवदीन बेल छाई उर छाई-छाई,
आई शुभ बसंत संत संतन मन भावनी |
लो बसंत फिर आई, फूलों के रंग लाई हजे जल तरंग मन पर उमंग छाई लो वसंत फिर आई।
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
सरस्वती पूजा का प्यारा त्योहार
जीवन में लाएगा खुशी अपार
सरस्वती विराजे आपके घर
शुभ कामना हमारी करें स्वीकार
हैप्पी बसंत पंचमी 2020
मंदिर की घंटी, आरती की थाली,नदी के किनारे सूरज की लाली,जिंदगी में आए खुशियों की बहार
आपको मुबारक हो बसंत पंचमी का त्योहार
हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाए जाने वाले इस त्योहार के दिन ही ब्रह्माण्ड के रचयिता ब्रह्माजी ने सरस्वती की रचना की थी। जिसके बारे में पुराणों में यह उल्लेख मिलता है कि सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की पर अपने प्रारंभिक अवस्था में मनुष्य मूक था और धरती बिलकुल शांत थी। ब्रह्माजी ने जब धरती को मूक और नीरस देखा तो अपने कमंडल से जल लेकर छिड़का जिससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। यह शक्ति सरस्वती कहलाईं। उनके द्वारा वीणा का तार छेड़ते ही तीनों लोकों में कंपन हो गया और सबको शब्द और वाणी मिल गई।
गुरु बिना ज्ञान संभव नहीं है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने के बाद यदि आपने किसी को अपना गुरु बनाया है तो उनका नमन करें और आशीर्वाद प्राप्त करें। गुरु की अनुपस्थिति में आप भगवान विष्णु की भी पूजा कर सकते हैं।
सर्वप्रथम पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद देवीजी का आचमन करके स्नान कराएं। सफेद या पीले फूल और माला चढ़ाएं। इसके मां को सिंदूर अर्पित करें और श्रृंगार की अन्य वस्तुएं भी भेंट करें। मां के चरणों में गुलाल लगाएं और उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं।
इस दिन भक्त पीले वस्त्र धारण करके मां सरस्वती की आराधना करते हैं। यदि आप भी यह पूजा करना चाहते हैं तो घर स्नान के पश्चात पीत वस्त्र धारण करके पीले मीठे चावल पकाएं और मां को भोग लगाएं। इसके साथ ही प्रसाद में पीले लड्डू, बूंदी, बेर, मालपुआ और खीर का भोग लगाएं। पूजा आरती के बाद प्रसाद का वितरण पूजा में उपस्थित लोगों के बीच करना चाहिए। इससे घर में ज्ञान-विज्ञान और सुख शांति का आगमन होता है।
सरस्वती पूजा का ये प्यारा त्योहार,
जीवन में लाएगा खुशियां अपार
सरस्वती विराजे आपके द्वार,
शुभकामना हमारी करें स्वीकार...
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं
लेकर मौसम की बहार,
आया बसंत ऋतु का त्योहार,
आओ हम सब मिलके मनाए,
दिल में भर के उमंग और प्यार,
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
इस साल का यह बसंत,आपको खुशियां दें अनंत,
प्रेम और उत्साह से भर दे जीवन के रंग
बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई
इस बसंत पंचमी मां सरस्वती आपको हर वो विद्या दें जो आपके पास नहीं है,
जो है उस पर चमक दें जिससे आपकी दुनिया चमक उठे,
बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई
देवी सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और विद्या-बुद्धि प्रदाता हैं। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी मानी गईं हैं।
फूलों की वर्षा, शरद की फुहार, सूरज की किरणे,खुशियों की बहार, चन्दन की खुशबु,अपनों का प्यार, शुभ हो आपके लिए,बसंत पंचमी का त्योहार।
हाथ में फूल लेकर गणपति का ध्यान करें। मंत्र पढ़ें- गजाननम्भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्। हाथ में अक्षत लेकर गणपति जी का आह्वान करें ‘ओम गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ।। इतना कहकर पात्र में अक्षत रखें।
माघ शुक्ल पंचमी के दिन स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद आप पीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफकर गंगा जल से पवित्र करें। अब मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद देवी सरस्वती को सफेद वस्त्र पहनाएं, साथ ही सिन्दूर तथा श्रृंगार की वस्तुओं से उनको सुशोभित करें। अब उनकी प्रतिमा को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। ऐसे में पंचमी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी बुधवार को दिन में 10:45 बजे से हो रहा है, जो 30 जनवरी गुरुवार को दोपहर 01:19 बजे तक है। ऐसे में आपको मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना बुधवार पंचमी तिथि में बुधवार को करें। लेकिन आपको मूर्ति की पूजा गुरुवार को सुबह ही करनी चाहिए क्योंकि उदया काल 30 जनवरी को प्राप्त हो रहा है।
भारतीय गणना के अनुसार वर्ष भर में पड़ने वाली छह ऋतुओं (वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर) में वसंत को ऋतुराज अर्थात सभी ऋतुओं का राजा माना गया है। पंचमी से वसंत ऋतु का आगमन हो जाता है, इसलिए यह ऋतु परिवर्तन का दिन भी है। इस दिन से प्राकृतिक सौन्दर्य निखरना शुरू हो जाता है।
वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति का कण-कण खिल जाता है। पेड़-पौधे पशु पक्षी में भी उल्लास भर जाते हैं। हर दिन नई उमंग से सूर्योदय होता है।
बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति का कण-कण खिल जाता है। पेड़-पौधे पशु पक्षी में भी उल्लास भर जाते हैं। हर दिन नई उमंग से सूर्योदय होता है।
- इस दिन मां सरस्वती की पूजा कर उन्हें फूल अर्पित किए जाते हैं।
- इस दिन वाद्य यंत्रों और किताबों की पूजा की जाती है।
- छोटे बच्चों को पहली बार अक्षर ज्ञान कराया जाता है। उन्हें किताबें भी भेंट की जाती हैं।
- इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
फूलों की वर्षा, शरद की फुहार, सूरज की किरणे,खुशियों की बहार, चन्दन की खुशबु,अपनों का प्यार, शुभ हो आपके लिए,बसंत पंचमी का त्योहार
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का धरती पर आगमन हुआ था। भगवान कृष्ण ने सरस्वती मां से प्रसन्न होकर उनके जन्मदिवस को एक उत्सव की तरह मनाने का उन्हें वरदान दिया। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन कामदेव औक उनकी पत्नी रति धरती पर आकर प्रेम रस का संचार करते हैं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा भी की जाती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म ब्रह्माजी के मुख से हुआ था। वह वाणी की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं।
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वसंत पंचमी के दिन, सुबह जल्दी उठें, अपने घर, पूजा क्षेत्र को साफ करें, और सरस्वती पूजा अनुष्ठान करने के लिए स्नान करें। चूंकि पीला देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग है, इसलिए स्नान करने से पहले अपने शरीर पर नीम और हल्दी का पेस्ट लगाएं। नहाने के बाद पीले रंग के कपड़े पहने। अगला चरण पूजा मंच / क्षेत्र में सरस्वती की मूर्ति स्थापित करना है। एक साफ़ सफ़ेद / पीला क्लॉट लें और इसे एक उभरे हुए प्लेटफ़ॉर्म जैसे टेबल / स्टूल पर रखें।
उड़े पतंग आस्मां में सबकी निराली पीली,
लाल, हरी, नीली और काली,
आओ मिलकर हम सब वसंत मनाएं,
द्वार पर अपने रंगीली रंगोली सजाएं।
Happy Basant Panchami
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
हे वीणा वादिनी, ऐसा आशीर्वाद तू सबके सिर दे,
बसंत पंचमी की बधाई
हाथ में फूल लेकर गणपति का ध्यान करें। मंत्र पढ़ें- गजाननम्भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्। हाथ में अक्षत लेकर गणपति जी का आह्वान करें ‘ओम गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ।। इतना कहकर पात्र में अक्षत रखें।
बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति का कण-कण खिल जाता है। पेड़-पौधे पशु पक्षी में भी उल्लास भर जाते हैं। हर दिन नई उमंग से सूर्योदय होता है।
जीवन का यह बसंत, आप सबको खुशियां दे अनंत
प्रेम और उत्साह का, भर दे जीवन में रंग
बसंत पंचमी की बधाई
पंचमी के दिन मूर्ति स्थापना होती है और षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद प्रारंभ हो रही है। ऐसे में आप दोपहर के बाद संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन करें।