Happy Saraswati Puja 2020 Wishes Images, Quotes, Status, SMS, Messages, GIF Pics: वसंत पंचमी एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है जो हर साल माघ महीने में हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह माघ के पांचवें दिन मनाया जाता है। यह दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार फरवरी या मार्च के महीनों में आता है। दिन का महत्व ज्ञान और प्रतीक वसंत ऋतु की शुरुआत देवी सरस्वती की पूजा में निहित है। वसंत पंचमी को ही सरस्वती पूजा के रुप में भी जाना जाता है। इस साल 29 जनवरी को वसंत पंचमी देशभर में मनाया जाएगा। आज के समय में, यह त्योहार किसानों द्वारा वसंत के मौसम के आने पर मनाया जाता है। यह दिन बड़े पैमाने पर भारत के उत्तरी भागों में मनाया जाता है। यहां, लोग ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं और देवी सरस्वती के नाम पर अनुष्ठान आयोजित करते हैं।
Happy Basant Panchami 2020: Wishes Images, Quotes, Photos, Status, Wallpapers, Messages
इस दिन से जुड़ी एक और परंपरा युवा में पढ़ाई शुरू करने की है। इस दिन पीले रंग की मिठाई भी बांटी जाती है और लोगों को गरीबों को किताबें और अन्य साहित्यिक सामग्री दान करते हुए भी देखा जा सकता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को सोशल मीडिया के जरिए ढेर सारी शुभकामनाएं देते हैं और बेहतरीन कोट्स और शायरी शेयर करते हैं।
1. मां सरस्वती का वरदान हो आपको,
हर दिन नई मिले ख़ुशी आपको,
दुआ हमारी है खुदा से ऐ दोस्त,
जिन्दगी में सफलता हमेशा मिले आपको,
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
2. वीणा लेकर हाथ में,
सरस्वती हो आपके साथ में,
मिले मां का आशीर्वाद हर दिन,
मुबारक़ हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन,
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का धरती पर आगमन हुआ था। भगवान कृष्ण ने सरस्वती मां से प्रसन्न होकर उनके जन्मदिवस को एक उत्सव की तरह मनाने का उन्हें वरदान दिया। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन कामदेव औक उनकी पत्नी रति धरती पर आकर प्रेम रस का संचार करते हैं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा भी की जाती है।
बसंत पंचमी के मौके पर पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए। किसी जरूरतमंद को आदर से भोजन करवाएं और साथ ही सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए। इस दिन गरीब बच्चों में पुस्तक और कलम बांटने चाहिए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि के रचनाकार भगवान ब्रह्मा ने जब संसार को बनाया तो पेड़-पौधों और जीव जन्तुओं सबकुछ दिख रहा था, लेकिन उन्हें किसी चीज की कमी महसूस हो रही थी। इस कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का तो सुंदर स्त्री के रूप में एक देवी प्रकट हुईं। उनके एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में पुस्तक थी। तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। यह देवी थीं मां सरस्वती। मां सरस्वती ने जब वीणा बजाया तो संस्सार की हर चीज में स्वर आ गया। इसी से उनका नाम पड़ा देवी सरस्वती।
पंचमी के दिन मूर्ति स्थापना होती है और षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद प्रारंभ हो रही है। ऐसे में आप दोपहर के बाद संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन करें।
पंचमी तिथि बीते दिन यानी की 29 जनवरी को 10.45 से लग चुकी है। जोकि 30 जनवरी को दोपहर 1.19 तक रहेगी। इस दौरान ही शुभ मुहूर्त है। जिसे खत्म होने में कुछ ही समय शेष है।
इस दिन उत्तर भारत के कई भागों में पीले रंग के पकवान बनाए जाते हैं और लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। पंजाब में ग्रामीणों को सरसों के पीले खेतों में झूमते तथा पीले रंग की पतंगों को उड़ाते देखा जा सकता है। पश्चिम बंगाल में ढाक की थापों के बीच सरस्वती माता की पूजा की जाती है तो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रसिद्ध सिख धार्मिक स्थल गुरु−का−लाहौर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन ही सिख गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था।
– जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या हो ,आज से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें.
– मां सरस्वती के चित्र की स्थापना करें ,इसकी स्थापना पढ़ने के स्थान पर करना श्रेष्ठ होगा.
– मां सरस्वती का बीज मंत्र भी लिखकर टांग सकते हैं.
– जिन लोगों को सुनने या बोलने की समस्या है वो लोग सोने या पीतल के चौकोर टुकड़े पर माँ सरस्वती के बीज मंत्र “ऐं” को लिखकर धारण कर सकते हैं.
भ्रमण करते हुए ब्रह्माजी एक जगह ठहरे और अपने कमंडल से थोड़ा सा जल लेकर छिड़का तो एक महान ज्योतिपुंज उपस्थित हुए जिससे एक देवी प्रकट हुईं। वीणा लिए यह देवी थीं मां सरस्वती। चेहरे पर अद्भुत तेज लिए मां सरस्वती ने ब्रह्माजी को प्रणाम किया। इस प्रकार वह ब्रह्माजी की पुत्री कहलाईं। उनके प्राकट्य के उत्सव के तौर पर बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है।
इस दिन मंदिर में जाकर पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए और किसी जरूरतमंद को घर पर आदर से बुलाकर उन्हें स्वच्छ भोजन करवाएं और साथ ही सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा दें। मान्यता है कि इसी दिन संसार को शब्दों की ताकत मिली थी, इसलिए मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। इस दिन गरीब बच्चों में पुस्तक और कलम बांटें।
बसंत पंचमी को श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, ऋषि पंचमी नामों से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. ऋग्वेद के अनुसार ब्रह्मा जी अपनी सृष्टी के सृजन से संतुष्ट नहीं थे. चारों तरफ मौन छाया हुआ था. तब उन्होंने अपने कमण्डल से जल का छिड़काव किया, जिससे हाथ में वीणा लिए एक चतुर्भुजी स्त्री प्रकट हुईं. ब्रह्माजी के आदेश पर देवी ने वीणा पर मधुर सुर छेड़ा जिससे संसार को ध्वनि और वाणी मिली. इसके बाद ब्रह्मा जी ने इस देवी का नाम सरस्वती रखा, जिन्हें शारदा और वीणावादनी के नाम से भी जानते हैं. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन करते हैं.
बसंत के आगमन से सराबोर मन,
करता है सहर्ष खुशियों का अभिनंदन।।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
इस साल का यह बसंत, आपको खुशियां दें अनंत,
प्रेम और उत्साह से भर दे जीवन के रंग
बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी पर कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा की जाती है। कामदेव और रति को पुराणों में प्रेम के देवी-देवता के तौर पर बताया गया है। कहते हैं कि बसंत पचंमी के दिन कामदेव और रति ऋतुराज बसंत के साथ पृथ्वी पर आते हैं।
इस दिन पूजा के समय सरस्वती वंदना, सरस्वती मंत्र और सरस्वती माता की आरती करनी जरूरी है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करके माता की आराधना की जाती है। पूजा के समय सरस्वती वंदना, मंत्र और आरती करने से उसका विशेष फल प्राप्त होता है। माता सरस्वती के आशीर्वाद से व्यक्ति को कला और शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलताएं प्राप्त होती हैं।
माघ शुक्ल पंचमी के दिन स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद आप पीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफकर गंगा जल से पवित्र करें। अब मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद देवी सरस्वती को सफेद वस्त्र पहनाएं, साथ ही सिन्दूर तथा श्रृंगार की वस्तुओं से उनको सुशोभित करें। अब उनकी प्रतिमा को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
पंचमी के दिन मूर्ति स्थापना होती है और षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद प्रारंभ हो रही है। ऐसे में आप दोपहर के बाद संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन करें।
1. बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करें
2. सफेद फूलों से मां की उपासना करना लाभदायक होता है
3. पीले पुष्प और पीले फलों से मां की उपासना करें
4. बृहस्पति के कमजोर होने पर विद्या प्राप्त करने में बाधा आती है
5. कुंडली में अगर बुध कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर हो जाती है
6. करियर का चुनाव भी नहीं हो पाता है
7. अगर शुक्र कमजोर हो तो मन की चंचलता भी होती है
8. मां को हरे फल अर्पित करें तो लाभदायक होगा
सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे, तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छिड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। वहीं अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जब इस देवी ने वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई, तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा।
बहारों में बहार बसंत,
मीठा मौसम मीठी उमंग,
रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग,
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का और ही रंग,
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
बसंत है माँ सरस्वती का त्योहार
आपके जीवन में आए सदा बहार
सरस्वती द्वार आपके विराजे हरपल
हर काम आपका हो जाये सफल
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
सबसे पहले तो मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को आसन पर बैठाएं। माता के आसन के नीचे पीला, सफेद या केसरिया रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए। माता की पूजा में पीला और सफेद पुष्प का प्रयोग करना चाहिए। सरस्वती माता को प्रसाद के तौर पर अर्पित करने के लिए बूंदी, खीर, मालपुआ और ऋतु फल यानी इस मौसम में जो फल उपलब्ध हों वह पूजन स्थल पर रखें।
मां सरस्वती का वसंत है त्योहार
आपके जीवन में आये सदा बहार
सरस्वती हर पल विराजे आपके द्वार
हर काम आपका हो जाए सफल
बंसत पंचमी की शुभकामनाएं
हो जाओ तैयार, माँ सरस्वती आने वाली है।
सजा लो दरबार माँ सरस्वती आने वाली हैं।
तन,मन और जीवन हो जायेगा पावन,
माँ के कदमो की आहट से गूँज उठेगा आँगन।
सरस्वती रचनात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं और इसे ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और सीखने की देवी माना जाता है। देश के कई हिस्सों में, बच्चों को अपनी उंगलियों / कलम / पेंसिल के साथ अपना पहला शब्द लिखने या कुछ रचनात्मक कला क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। वसंत पंचमी के दिन, लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, पीले रंग की मिठाइयाँ बाँटते हैं, और देवी सरस्वती को पीले फूल चढ़ाते हैं जो उनका पसंदीदा रंग माना जाता है। कुछ स्कूल स्कूल परिसर में अपने छात्रों के लिए विशेष सरस्वती पूजा की व्यवस्था भी करते हैं।
सरस्वती पूजा का ये प्यारा त्योहार, जीवन में लाएगा खुशियां अपार
सरस्वती विराजे आपके द्वार, शुभकामना हमारी करें स्वीकार…
कमल पुष्प पर आसीत मां,
देती ज्ञान का सागर मां,
कहती कीचड़ में भी कमल बनों,
अपने कर्मों से महान बनों
सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥
सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे, तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छिड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। वहीं अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जब इस देवी ने वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई, तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तू ही देदातु
आप सब को सरस्वती पूजा की बधाई
माघ शुक्ल पंचमी के दिन स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद आप पीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफकर गंगा जल से पवित्र करें। अब मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद देवी सरस्वती को सफेद वस्त्र पहनाएं, साथ ही सिन्दूर तथा श्रृंगार की वस्तुओं से उनको सुशोभित करें। अब उनकी प्रतिमा को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
जीवन का यह बसंत, आप सबको खुशियां दे अनंत,
प्रेम और उत्साह का, भर दे जीवन में रंग,
सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
मौसम की नजाकत है, हसरतों ने पुकारा है।
कैसे कहे की कितना याद करते हैं,
यह संदेश उसी याद का एक इशारा है
हैप्पी बसंत पंचमी
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।
वीणा लेकर हाथ में, सरस्वती हो आपके साथ में
मिले मां का आशीर्वाद आपको हर दिन।
मुबारक हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन
Happy Basant Panchmi
सर्दी को तुम दे दो विदाई, बसंत की अब ऋतु है आई
फूलों से खुशबू लेकर महकती हवा है आई
बागों में बहार है आई, भंवरों की गुंजन है लाई
उड़ रही है पतंग हवा में जैसे तितली यौवन में आई
देखो अब बसंत है आई
बहारों में बहार बसंत,
मीठा मौसम मीठी उमंग,
रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग,
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का और ही रंग,
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
बहारों में बहार बसंत,
मीठा मौसम मीठी उमंग,
रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग,
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का और ही रंग,
सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं
बसंत है माँ सरस्वती का त्योहार
आपके जीवन में आए सदा बहार
सरस्वती द्वार आपके विराजे हरपल
हर काम आपका हो जाये सफल
सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी की शुभकामनाएं