Gandhi Jayanti 2019: देशभर में आज (2 अक्टूबर) अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। बता दें कि बापू ने पूरे जीवन में शाकाहारी भोजन किया। हालांकि, उन्होंने कई बार अपने खाने की आदतों पर प्रयोग भी किए, जिसकी वजह से वह फिट रहते थे। बापू की जयंती पर हम आपको बता रहे हैं बापू की डाइट के बारे में। इस रिपोर्ट में आपको पता लगेगा कि बापू को क्या खाना पसंद था और उन्हें किस चीज से परहेज था।

चीनी से परहेज रखते थे बापू: बताया जाता है कि बापू फलों के काफी शौकीन थे, लेकिन चीनी से हमेशा परहेज करते थे। वहीं, आम उनका सबसे पसंदीदा फल था, जिसे देखकर वह रुक नहीं पाते थे। बापू ने आम के बारे में एक बात भी लिखी थी। उन्होंने 1941 में लिखा था, ‘‘आम एक शापित फल है। यह फल सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचता है।’’

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मांसाहार किया, फिर बन गए शाकाहारी: बापू का जन्म शाकाहारी परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने मांसाहार भी किया था। हालांकि, कुछ समय बाद उन्होंने इसका त्याग कर दिया था और पूर्णरूप से शाकाहारी हो गए। लेखक हेनरी स्टीफंस के मुताबिक, बापू का मानना था जिंदा रहने के लिए जिस तरह हवा व पानी की जरूरत होती है, उसी तरह शरीर को पौष्टिक तत्व की जरूरत होती है। इसी वजह से बापू अपने खाने-पीने का काफी ध्यान रखते थे।

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बच्चे को समझाने के लिए खुद छोड़ा गुड़: बताया जाता है कि बापू ने चाय व कॉफी भी छोड़ दी थी। हालांकि, उन्हें गुड़ खाना काफी पसंद था, लेकिन उन्होंने उसे भी छोड़ दिया था। बताया जाता है कि एक महिला अपने बच्चे को बापू के पास लाई थी, जिसे गुड़ खाने की आदत थी। ऐसे में बापू ने पहले खुद गुड़ खाना छोड़ा। उसके बाद उन्होंने बच्चे को समझाया था।

उपवास पर यह थी गांधीजी की राय: बापू ने 1921 में व्रत लिया था कि आजादी मिलने तक हर सोमवार को उपवास करूंगा। ऐसे में उन्होंने कुल 1341 दिन व्रत रखा था। इनमें से 3 बार 21-21 दिन उपवास किया था। गांधीजी का मानना था कि उपवास रखने से शरीर की चर्बी कम होती है। साथ ही, शरीर स्वस्थ्य रहता है।