डिप्रेशन आज के वक्त में एक बहुत ही सामान्य तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। पूरी दुनिया में डिप्रेशन से कोई न कोई परेशान है। ऐसे में सिर्फ डिप्रेशन शब्द से ज्यादा इसकी गंभीरता समझना बहुत जरूरी है। तनाव, उदासी, अवसाद (डिप्रेशन) सुनने में एक जैसे भले ही लगते है पर इन्हें अलग-अलग समझना बहुत जरूरी है। खुद को स्वस्थ रखने और अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए सही समय पर इसके बारे में बात करना जरुरी है। यदि आपको या आपके किसी जानने वाले पर भी इसका असर हो रहा है तो खास 5 सवाल खुद से जरूर पूछे जाने चाहिए।
आइये जानते है हमारे एक्सपर्ट लाइफ कोच रश्मि साहा से कि कौन से सवाल हैं जो आपको डिप्रेशन से छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे। अवसाद के लक्षण क्या हैं और ऐसा महसूस होने पर खुद से कैसी बातचीत करनी चाहिए ताकि आपको उस स्थिति में पहुंचने का मौका ही न मिले। आपको बता दें कि रश्मि साहा एक एनएलपी प्रैक्टिशनर है और अपने संस्था, मुक्ति मिशन द्वारा देश भर में लगभग 2 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंचकर मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाकर हजारों लोगों की जिंदगियां बदली हैं।
जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत करते हुए रश्मि कहती है कि आज कल भाग- दौड़ वाली जिंदगी में जहां किसी के पास हमारे लिए वक्त नहीं होता है वहां हमें खुद से खुद को आंकना बहुत जरूरी है। उनके मुताबिक ये वो सवाल हैं, जो आपको डिप्रेशन की ओर जाने से रोकेंगे और फिर उसमें सुधार करने का अहसास कराएंगे।पहला सवाल खुद से पूछे कि जिस भी चीज की चिंता आपको सता रही है और जितना हम समझ रहे है क्या वो सच में इतनी गंभीर है? या यह सिर्फ हमारा नजरिया है। (यह भी पढ़ें- स्पर्म काउंट बढ़ाने में मददगार हैं बाबा रामदेव के ये 5 टिप्स, जानिए)
– जब आप ऐसी स्थिति में हों तो खुद से पूछे कि क्या इस समस्या या परिस्थिति के लिए कोई अन्य विकल्प है जो हमारे लिए ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।
– ऐसी स्थिति में विचार करें कि क्या यह चिंता मेरे मानसिक स्वास्थ्य से बढ़कर है? यह यह समझना बहुत जरूरी है कोई भी चिंता आपके स्वस्थ से बड़ा नहीं होता। (यह भी पढ़ें- स्पर्म काउंट बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं ये 4 फूड्स, आज ही अपने डाइट में करें शामिल)
– क्या मेरी तकलीफ लेने से , चिंता करने से समस्या का समाधान मिल रहा है, या बस मैं परेशान हो रहा/ रही हूं।क्या खुद को संभाल कर, धैर्य से इस परिस्थिति को सुलझाना ज्यादा कारगर नहीं होगा ? आप डिप्रेशन के पहले किस तरह के इंसान थे? क्या किया करते थे? कितने खुश रहते थे?
ये सारे सवाल आपको जिंदगी में खुशी वापस लाने में मदद करेंगे। आप उन दिनों को याद कर पाएंगे जिनमें आप खुल कर जीते थे। जब इन दिनों को महसूस करेंगे तो जरूर उनमें वापस जाने के बारे में सोचेंगे। वरना किसी अपने परिचित, दोस्त, परिवार या एक्सपर्ट्स की मदद ले सकते हैं। अपने अवसाद को लेकर शर्माएं नहीं बल्कि खुलकर इसपर बात करें।