Neck Rash in Babies: नवजात बच्चे काफी कोमल होते हैं और यही कारण है कि उनकी सही तरीके से देखभाल करनी चाहिए। बच्चे की त्वचा को लेकर एक छोटी सी भी लापरवाही उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। पसीना होने के कारण गर्दन पर अक्सर रैशेज पड़ जाते हैं। इन रैशेज के कारण खुजली, दर्द, लालीपन और सूजन हो जाती है। बच्चों को इसके कारण बहुत परेशानी होती है। इस समस्या से अपने बच्चे को बचाने के लिए किसी मेडिकेटेड क्रीम लगाने के बजाय प्राकृतिक उपाय करें। प्राकृतिक उपाय त्वचा को किसी प्रकार का कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं।
नारियल के तेल से मालिश:
नारियल तेल में विटामिन-ई और एंटी-माइक्रोबियल तत्व होने के कारण बच्चों की रैशेज की समस्या कम हो जाती है। इसलिए आपको अपने बच्चे की त्वचा का ध्यान रखते हुए नारियल तेल से मालिश करनी चाहिए।
साफ रखें:
गंदगी के कारण फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है जिससे रैशेज हो जाते हैं। इसलिए कोशिश करें की शिशु की सफाई का ख्याल रखें। शिशु को रोजाना नहलाएं और उसके आसपास की जगह और घर को हमेशा स्वच्छ रखें।
एलोवेरा जेल:
एलोवेरा जेल त्वचा के लिए बेहद लाभकारी होता है। यह छोटे बच्चे की त्वचा पर इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त है क्योंकि इससे बच्चे की त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता है। इसमें प्राकृतिक रुप से एंटी बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेंट्री और एंटी-फंगल गुण होते हैं तो त्वचा के रैशेज तथा उनसे होने वाली खुजली को कम करते हैं।
कपड़ों को गीला होने से रोकें:
बच्चों को नहलाने के बाद अच्छे से तौलिए से पोंछे बिना कपड़े पहना देने से भी उनके कपड़े अक्सर गीले रह जाते हैं। इसके अलावा कभी-कभी अधिक पसीने आने के कारण भी ऐसा होता है, जिससे बच्चों की त्वचा पर रैशेज हो जाते हैं। इससे बचने के लिए बच्चे की त्वचा पर पसीना जमा ना होने दें और उन्हें स्वच्छ रखें।
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