ईस्टर ईसाईयों का सबसे पावन त्योहारों में से एक त्योहार माना जाता है। इस बार भारत में ईस्टर रविवार (21 अप्रैल) को मनाया जा रहा है। ईसाईयों का मानना है कि ईसा मसीह का इसी दिन पुनस्र्ज्जीवन हुआ था। उनके इसी पुनस्र्ज्जीवन को वे याद करते है और ईस्टर का पर्व को मनाते हैं।
क्या होता है ईस्टरः बाइबल के न्यू टेस्टामेंट के अनुसार, ईसा मसीह का ईस्टर के दिन ही पुनस्र्ज्जीवन हुआ था। उनके पुनस्र्ज्जीवन को याद कर ईसाई इसे मनाते हैं। न्यू टेस्टामेंट के गॉस्पेल ऑफ जॉन के अनुसार मैरी मैग्डलीन जब उस कब्र पर गई, जहां यीशु को दफनाया गया था तो वह खाली मिली। मैरी मैग्डलीन ने तब बताया कि उन्हें देवदूत ने बताया कि ईसा मसीह स्वर्ग में बुला लिए गए हैं। इसी दिन की याद में लोग ईस्टर मनाते हैं। भारत में मिजोरम, भोपाल, अरुणाचल प्रदेश, गोवा के अलावा दक्षिण भारतीय राज्यों में भी ईस्टर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
क्या करते हैं भारत में लोग इस दिनः पूरे विश्व की तरह भारत में भी ईस्टर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन ईसाई चर्च में मोमबत्तियां जलाकर ईशू की याद में कैरल गाते हैं। वे एक-दूसरे को फूल देते हैं और चर्च जाते हैं। देश के कई राज्यों में ईस्टर के दिन जुलूस भी निकाला जाता है।
ईस्टर पर ड्रामा का आयोजनः इस पावन अवसर पर विश्व में कई जगहों पर ड्रामा का आयोजन भी होता है। इटली के अनेक शहरों में लोग नाटक आदि आयोजित करके ईस्टर मनाते है। वहीं, भारत में भी ऐसे ड्रामों का आयोजन किया जाता है। परम्परा के तहत इस दिन विशेष व्यंजन भी बनाए जाते हैं।
तमिलनाडु और गोवा में की गई प्रार्थनाः हजारों ईसाई गोवा के पणजी और तमिलनाडु के चेन्नई में ईस्टर की पूर्व रात के मौके पर इकट्ठा हुए और प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने मोमबत्तियां जलाकर ईशू को याद किया।
National Hindi News, 21 April 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
अंडे सजाने की परंपरा : रूढ़िवादी और पूर्वी कैथलिक चर्चों का मानना है कि अंडे के खोल “मसीह के मकबरा” के प्रतीक हैं। ऐसे में ईस्टर पर लोग अंडे को अलग-अलग रंगों से रंगते हैं और उन्हें सजाते हैं।