Jaundice Disease : हेल्थ साइट क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक पीलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा, श्वेतपटल (आंखों का सफेद भाग) और श्लेष्मा झिल्ली (Mucous Membrane) पीली हो जाती है। जब आपके सिस्टम में बहुत अधिक बिलीरुबिन होता है। बिलीरुबिन एक पीला रंगद्रव्य है जो लिवर में डेड रेड ब्लड सेल्स के टूटने से बनता है।

बिलीरुबिन के अत्यधिक उत्पादन के कारण त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है। पीलिया से पीड़ित मरीजों में पेशाब का रंग भी पीला पड़ जाता है। नवजात शिशुओं में ये समस्या अधिकतर देखी जाती है लेकिन वयस्क भी इसके शिकार हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दूषित खाना खाने और गंदा पानी पीने से लोगों को ये बीमारी हो सकती है।

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक इस बीमारी से सामान्य रूप से मध्यम आयु वर्ग की महिलाएं और पुरुष अधिक प्रभावित होते हैं। जिन लोगों को हेपेटाइटिस है और वे अत्यधिक शराब पीते हैं, उनमें भी इसका खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण, कारण व बचाव के तरीके-

जॉन्डिस के लक्षण: कभी-कभी, बच्चों में पीलिया के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन कई बार यह सामने से दिखाई भी पड़ते हैं। इस बीमारी की गंभीरता इसके लक्षणों के साथ शरीर में हो रहे आंतरिक बदलाव पर भी निर्भर करता है। लक्षण की बात करें तो प्रमुख तौर पर पीलिया होने पर लोगों की त्वचा, आंखें और नाखून का सफेद हिस्सा तेजी से पीला होने लगता है। इसके अलावा, वजन घटना, अत्यधिक थकान, भूख की कमी, बुखार और हाथों में खुजली होना पीलिया के लक्षण हो सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कई बार मरीजों में पेट में दर्द, खाना पचाने में मुश्किल, फ्लू और उल्टी की शिकायत महसूस होती है। ऐसा होने पर व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उल्टी और दस्त होने लगे, 100 डिग्री से ज़्यादा बुखार हो, गहरे पीले रंग का पेशाब हो – यह सब लक्षण जॉन्डिस के हैं।

पीलिया होने पर बच्चे को डॉक्टर को कब दिखाएं ?

अगर आपके बच्चे की त्वचा ज्यादा पीली दिखाई दे।
त्वचा के साथ पेट, हाथ और पैर के नाखून भी पीले पड़ जाएं।
बच्चा अचानक से कमजोर नजर आने लगे।
बच्चा खाना या दूध पीना बंद कर दे या उसका वजन न बढ़े।

क्यों होता है पीलिया? (Cause of Jaundice)

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जब शरीर में बिलिरुबीन का स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो पीलिया की बीमारी होती है। बिलिरुबिन पीले रंग का पदार्थ होता है। ये ब्लड सेल्स में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं मृत हो जाती हैं, तो लिवर इन्हें ब्लड (Blood) से फिल्टर कर देता है। लेकिन, लिवर में कुछ दिक्कत होने के चलते यह ठीक से काम नहीं कर पाता है। बिलिरुबिन (Bilirubin) तब बढ़ता है, जब लिवर खराब हो गया हो या लिवर में किसी तरह की कोई अंदरूनी चोट लग गई हो।

जॉन्डिस एक ऐसी बीमारी है जो सीधे लिवर पर हमला कर उसे कमजोर कर देती है। इस बीमारी में स्किन का रंग पीला होने के साथ-साथ आंखें सफेद होने लगती है। इस बीमारी को लेकर स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने कुछ योगासन और घरेलू उपाय बताए हैं जिनके द्वारा इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।

कपालभाति: बाबा रामदेव के मुताबिक कपालभाति करने से लिवर मजबूत होता है। जिससे लिवर संबंधी हर बीमारी से छुटकारा मिलता है।
अनुलोम विलोम: शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए इस आसन को करना चाहिए। इसके जरिए सर्दी, जुकाम, दमा आदि से भी बचाव होता है।

पीलिया के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies)

बाबा रामदेव के मुताबिक पीलिया से ग्रस्त व्यक्ति को खाली पेट अरंडी का पत्तों का रस 25 एमएल पिएं। इससे 3 दिन में पीलिया ठीक हो जाता है। इसके अलावा व्यक्ति सोनाक की छाल, भूमि आंवला, पूर्नवा तीनों मे जो मिल जाए उससे रस निकाल कर पीने से फायदा मिलता है। इसके साथ ही 1-3 माह के अंदर हेपेटाइटिस ठीक हो जाता है। इसके अलावा सर्वकल्प क्वाथ, सोनाल की छाल का काढ़ा सुबह-सुबह पी सकते हैं। साथ ही अनार, पीपता, अंजीर, मुनक्का खाएं और तली-भुनी चीजों का सेवन न करें। पीलिया के मरीजों को अचार का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा नमक से भी परहेज करना चाहिए। इसके अलावा, मीट, चिकन और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।