Diwali Without Crackers: दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस वर्ष 31 अक्टूबर को पूरे देश में दिवाली को सेलिब्रेट किया जाएगा। इस दिन लोग अपने घरों को दीये और रंगोली से भी सजाते हैं। दिवाली पर सभी लोग माता लक्ष्मी का स्वागत अपने घरों में धूमधाम से करते हैं। हालांकि, इस दिन चारों ओर दीपों के साथ-साथ पटाखों की अलग ही धूम होती है।
बच्चों के साथ कैसे मनाएं दिवाली?
दिवाली के दिन अधिकांश लोग अपने परिवार के साथ दीये जलाते हैं। हालांकि, कुछ लोग इस दिन पटाखे भी जलाते हैं। वहीं, पटाखें को देख कर बच्चे भी इसकी ओर आकर्षित होते हैं। कई बार बच्चे भी पटाखे जलाने की जिद करते हैं, लेकिन बच्चों का पटाखा जलाना रिस्की साबित हो सकता है। दिवाली के मौके पर सबसे जरूरी है कि बच्चों को पटाखों से दूर रखा जाए।
दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की होती है पूजा
दीपों के त्योहार दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन लोग मिठाइयां बांटते हैं और एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं। इस दिन आप बच्चों के साथ सेफ और बिना पटाखों के दिवाली को खास तरीके से सेलिब्रेट कर सकते हैं।
बच्चों के साथ बनाएं रंगोली
दिवाली के मौके पर आप अपने घरों को सजाते समय बच्चों की मदद ले सकते हैं। इस दिन दिये को जलाया जाता है और रंगोलियां भी बनाई जाती है। इस दिन आप बच्चों के साथ रंगोली बना सकते हैं।
शुभकामना कार्ड
दिवाली पर कई जगहों पर शुभकामना कार्ड देने की परंपरा है। आप इस शुभकामना कार्ड को बच्चों से बनवा सकते हैं। इस दिन कलरफुल कार्ड भी बच्चों से बनाव सकते हैं, जिससे उनको काफी कुछ सीखने को भी मिलेगा। इस कार्ड को आप पड़ोसियों को उनके साथ देने भी जा सकते हैं। कार्ड देते समय आप बच्चों की तारीफ भी कर सकते हैं, जिससे उनको काफी अच्छा लगेगा।
बच्चों को सुनाएं दिवाली की कहानियां
पुराने समय में नानी-नाना और दादी-दादा दिवाली के मौके पर पौराणिक कहानियां सुनाया करते थे। हालांकि, यह चलन अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। आप इस दिन अपने बच्चों को दिवाली क्यों मनाई जाती है इसके पीछे की कहानी क्या है बता सकते हैं।