Contraceptive injection for male, Birth control Pills: दुनियाभर में अब तक गर्भनिरोध को महिलाओं की जिम्मेदारी समझा जाता है, इसलिए महिलाएं अनचाहे गर्भ और बच्चों में अंतर के लिए कभी गर्भनिरोधक गोलियां तो कभी कॉपर टी तो कभी फैमिली प्लानिंग से जुड़े आॅपरेशन तो कभी आपातकालीन गर्भनिरोधक (इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव) गोलियों का सेवन करती है। लेकिन अब पुरुष भी गर्भनिरोध में बराबर की जिम्मेदारी निभा सकेंगे। भारत में दुनिया का पहला पुरुष जन्म नियंत्रण (बर्थ कंट्रोल) गर्भनिरोधक इंजेक्शन तैयार किया गया है, जिससे अनचाहे गर्भ या बच्चों के जन्म को नियंत्रण किया जा सकता है। यही नहीं यह इंजेक्शन एक बार लगवाने के बाद 13 साल तक प्रभावी रहेगा।

हाल ही में भारत के शोधकर्ताओं ने एक ऐसे इंजेक्शन को बना लेने की घोषणा की कि जो पुरुषों को पिता बनने से रोकेगा। इस इंजेक्शन का नाम आरआइएसयूजी है, जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस इंजेक्शन यानी पुरुष जन्म नियंत्रण (मेल बर्थ कंट्रोल) का सफल क्लीनिकल परीक्षण हो चुका है। इस पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन का एक नहीं बल्कि तीन बार क्लीनिकल ट्रायल किया जा चुका है, जो पूरी तरह से सफल रहा है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि इंजेक्शन का क्लीनिकल परीक्षण लगभग 300 मरीजों पर किया गया। इस इंजेक्शन को 300 मरीजों को दिया गया, अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने किसी भी मरीज पर इस इंजेक्शन के विपरित प्रभाव को नहीं पाया। इंजेक्शन के सफल परीक्षण के बाद वैज्ञानिकों ने दावा है कि एक बार लगवाने के बाद यह इंजेक्शन 13 साल तक प्रभावी रहता है। इस इंजेक्शन को पुरुषों के पेड़ू (पेट और जांघ के बीच का हिस्सा) में लगाया जाएगा। आरआइएसयूजी इंजेक्शन शरीर में एक पॉलिमर डालेगा जिससे शुक्राणुओं को अंडकोष से बाहर निकलने से रोका जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि इंजेक्शन को लोकल ऐनस्थीसिया की डोज के साथ दिया जाएगा। इंजेक्शन लगवाने के बाद जन्म नियंत्रण (बर्थ कंट्रोल) का यह तरीका 13 साल तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद इंजेक्शन का असर खत्म हो जाएगा। पुरुष में होने वाली नसबंदी या सर्जरी के झंझट को खत्म करने के लिए यह इंजेक्शन तैयार किया गया है।

फिलहाल इस इंजेक्शन को देश में ड्रग्स को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग, ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया (डीसीजीआइ) को सौंप दिया गया है। बताया जा रहा है कि मंजूरी मिलने में छह से सात महीने का समय लग सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक बार यह प्रक्रिया हो जाए उसके बाद यह जन्म नियंत्रण (बर्थ कंट्रोल) इंजेक्शन नसबंदी का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। यह अध्ययन आइसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरएस शर्मा ने किया। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया, ‘लंबे परीक्षणों में 300 से अधिक पुरुष शामिल थे और गर्भावस्था को रोकने में उत्पाद की 97% से अधिक सफलता दर थी।’

वैज्ञानिक डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि इस इंजेक्शन के लिए दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, पंजाब और राजस्थान में लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल किए गए और ऐसे पुरुषों को चुना गया जिनके पहले से ही दो बच्चे थे। उन्होंने कहा कि परीक्षण में भाग लेने वाले पुरुषों पर इस इंजेक्शन का कोई साइड इफेक्ट नहीं रहा। इस इंजेक्शन को दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक कहा जा सकता है।’

भारत की तरह संयुक्त राज्य अमेरिका के भी वैज्ञानिक इसी तरह की दवा वासलगेल बनाने में लगे हुए हैं। 2017 में, अमेरिकी शोधकर्ताओँ ने एक अध्ययन प्रकाशित किया, जिसमें दिखाया गया कि वासलगेल बंदरों में गर्भावस्था को प्रभावी ढंग से रोक सकता है, लेकिन दवा का अभी भी मनुष्यों में परीक्षण नहीं किया गया है।