Constant Stress Effects on Body : हर किसी की ज़िन्दगी में कभी न कभी तनाव यानी स्ट्रेस की स्थिति आती है। लेकिन अगर स्ट्रेस ज्यादा दिनों तक रहता है तो इसका हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर होता है। इससे डिप्रेशन में जाने की संभावनाएं बहुत ज्यादा होती हैं जिसका असर हमारे शरीर पर दिखना शुरू हो जाता है। ज्यादा स्ट्रेस से हमारे चेहरे और बालों को बहुत नुकसान होता है।
स्ट्रेस की वजह से आते हैं बदलाव (Changes in Body Due to Stress)
मुहांसे
स्ट्रेस से चेहरे पर पिंपल्स यानी मुहांसे होने लगते हैं। जब हम तनाव में होते हैं तब हमारा शरीर कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का स्राव ज्यादा करने लगता है। इससे हमारे चेहरे पर मौजूद रोमछिद्रों में अधिक तेल बनता है जिससे वो बन्द होने लगते है और मुहांसे निकलने लगते हैं। साउथ कोरिया के एक एपिडेमियोलॉजिकल स्टडी के मुताबिक, तनाव, नींद की कमी और शराब का सेवन आदि मुहांसों की समस्या को और अधिक बढ़ा देते हैं।
सूखी त्वचा
स्ट्रेस की वजह से चेहरे की त्वचा सुखी और बेजान दिखाई पड़ने लगती है। स्ट्रेटम कोरेनियम हमारे त्वचा की बाहरी परत होती है। स्ट्रेस इसे सही ढ़ंग से काम करने के रास्ते में बाधक बनता है और त्वचा बेजान हो जाती है। स्ट्रेस की वजह से धीरे-धीरे त्वचा पीली भी पड़ जाती है। एक स्टडी के मुताबिक स्ट्रेस से सूखी पड़ने वाली त्वचा लंबे समय तक ठीक नहीं हो पाती है।
चकत्ते
तनाव से हमारा प्रतिरक्षा तंत्र भी कमजोर पड़ने लगता है। कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र की वजह से हमारी आंत और त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया में असंतुलन पैदा होता है जिसे डिसबायोसिस कहा जाता है। इसमें हमारे चेहरे की त्वचा पर चकत्ते हो जाते हैं। बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने पर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सफेद बाल
तनाव के कारण बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। स्ट्रेस की वजह से बालों के असमय सफेद होने की समस्या भी होने लगती है। शरीर में मौजूद मेलानोसाइट्स कोशिकाएं मेलानिन नामक पिगमेंट पैदा करती है जिससे हमारे बालों को रंग मिलता है। स्ट्रेस की वजह से इनमें असंतुलन पैदा होता है जिससे बाल सफेद होने लगते हैं। ‘नेचर’ में 2020 में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, तनाव में हमारे शरीर से मेलानोसाइट्स गायब होने लगता है और हमारे बाल सफेद होने लगते है। लगातार स्ट्रेस से हमारे बाल बढ़ने की प्रक्रिया भी रुक जाती है।