राम विलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में दावेदारी की लड़ाई जारी है। राम विलास के बेटे चिराग पासवान पार्टी में अपनी पकड़ बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। वहीं, पशुपतिनाथ पारस ने केंद्र में मंत्रीपद की शपथ लेकर साबित कर दिया कि वह भी पीछे नहीं हैं। चिराग ने अपने पिता की जयंती पर 5 जुलाई को आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत कर दी थी और जनसमर्थन जुटाने में लग गए।

बड़ी मां से मिलकर भावुक हुए चिराग: हाजीपुर से शुरू हुई चिराग पासवान की यात्रा समस्तीपुर से बेगूसराय से होते हुए शहरबन्नी गांव पहुंची। यहां चिराग पासवान की मुलाकात अपनी सौतेली मां राजकुमारी देवी से भी हुई। राजकुमारी देवी राम विलास पासवान की पहली पत्नी हैं। ‘न्यूज़18’ के मुताबिक, राजकुमारी देवी से मिलने के बाद चिराग पासवान काफी भावुक हो गए और वह उनके गले से लिपटकर रोने भी लगे। चिराग ने उनसे कहा, ‘मां चाचा ने मेरे साथ गलत किया है।’

राजकुमारी देवी ने दिया आशीर्वाद: चिराग को देखकर राजकुमार देवी ने कहा, ‘तुम खुद को अकेला क्यों समझ रहे हो? हम लोग हैं न तुम्हारे साथ।’ मां और बेटे का ये मिलन देखकर बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आया। इतना ही नहीं राजकुमारी देवी ने चिराग पासवान को अपने हाथ से खीर भी खिलाई और सिर पर पगड़ी भी पहनाई। हालांकि इससे पहले राजकुमारी देवी ने कहा था कि चिराग उनसे मुलाकात करने नहीं आते हैं।

सौतेली मां से मिले चिराग पासवान: साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘कशिश टाइम्स’ से बात करते हुए कहा था, ‘चिराग पासवान कभी हमसे मिलने नहीं आते हैं। मेरी बेटी जरूर दिल्ली से मुलाकात करने आती हैं, लेकिन चिराग कभी आशीर्वाद लेने के लिए नहीं आए। हमारे ससुर के निधन पर जरूर चिराग यहां पर आए थे। हमसे भी मुलाकात हुई थी, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि वह सीधा हमने मिलने के लिए आए हों। चिराग चुनाव भी लड़ रहे हैं। हमारा आशीर्वाद उनके साथ है। हमारे देवर भी इन चुनावों में हैं तो हम लोगों की पार्टी ही जीतेगी।’ हालांकि चिराग और राजकुमारी की मुलाकात के बाद एक बार फिर एलजेपी की कमान चिराग के हाथ में जाती दिख रही है।