Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2020 Quotes, Messages, Images, Speech, History, Essay: छत्रपति शिवाजी को भारत के सबसे बहादुर शासकों में से एक माना जाता है, जो औरंगज़ेब, मुग़ल सम्राट और मराठा साम्राज्य की स्थापना के खिलाफ खड़े होने के लिए जिम्मेदार थे। हर साल 19 फरवरी को, शिवाजी का जन्मदिन मनाया जाता है, विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। वह पहले भारतीय शासकों में से एक थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण पक्ष की रक्षा के लिए “नौसेना बल” की अवधारणा पेश की थी। वह अपने मूल में धर्मनिरपेक्ष थे और अपनी बटालियन में कई मुस्लिम सैनिकों को नियुक्त करता था। शिवाजी महाराज की जयंती के लिए यहां से तैयार करें स्पीच-

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2020 Images, Quotes, Photos

स्पीच 1: छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा राजवंश के संस्थापक और मराठा या महाराष्ट्र के लोगों के योद्धा राजा थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में भी जाना जाता है। छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था। 15 वर्षों में, उन्होंने तोरण किले पर विजय प्राप्त की। चाकन किले और कोंडाना किले को आदिल शाही गवर्नर राजे शिवाजी को रिश्वत देकर लिया गया था, राजे शिवाजी ने टाइगर के पंजे से उसे मार डाला। वह मुगल सम्राट औरंगजेब के सबसे बड़े दुश्मन बन गए। उन्हें आगरा के किले में औरंगजेब द्वारा गिरफ्तार किया गया था। 1674 में उन्होंने खुद को राजा बनाया।

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15:17 (IST)19 Feb 2020
शिवाजी के नाम पर है भारतीय सेना का एक युद्धपोत

शिवाजी के स्मारक पूरे भारत में पाए जाते हैं। विशेषकर महाराष्ट्र में शिवाजी अधिक महत्‍व रखते हैं। महाराष्ट्र के लगभग हर शहर में शिवाजी की प्रतिमाएँ और स्मारक पाए जाते हैं। भारतीय नौसेना के INS शिवाजी का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

14:11 (IST)19 Feb 2020
निचली जाति के नायक के रूप में किए गए चित्रित

19 वीं शताब्दी के मध्य में, समाज सुधारक ज्योतिराव फुले ने शिवाजी की एक बार नये सिरे से व्‍याख्‍या की। उन्‍होनें शिवाजी को निचली जातियों के नायक के रूप में चित्रित किया। उन्होंने ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए शिवाजी के बारे में चल रहे मिथकों का उपयोग करने का प्रयास किया।

13:33 (IST)19 Feb 2020
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti: पत्नी और पुत्र : 

छत्रपति शिवाजी महाराज का विवाह सन् 14 मई 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुना में हुआ था। उनके पुत्र का नाम सम्भाजी था। सम्भाजी (14 मई, 1657– मृत्यु: 11 मार्च, 1689) शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी थे, जिसने 1680 से 1689 ई. तक राज्य किया। शम्भुजी में अपने पिता की कर्मठता और दृढ़ संकल्प का अभाव था। सम्भाजी की पत्नी का नाम येसुबाई था। उनके पुत्र और उत्तराधिकारी राजाराम थे।

12:29 (IST)19 Feb 2020
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti: धोखे से जब शिवाजी को मारना चाहा :

 
शिवाजी के बढ़ते प्रताप से आतंकित बीजापुर के शासक आदिलशाह जब शिवाजी को बंदी न बना सके तो उन्होंने शिवाजी के पिता शाहजी को गिरफ्तार किया। पता चलने पर शिवाजी आगबबूला हो गए। उन्होंने नीति और साहस का सहारा लेकर छापामारी कर जल्द ही अपने पिता को इस कैद से आजाद कराया। तब बीजापुर के शासक ने शिवाजी को जीवित अथवा मुर्दा पकड़ लाने का आदेश देकर अपने मक्कार सेनापति अफजल खां को भेजा। 

11:48 (IST)19 Feb 2020
छत्रपति शिवाजी से जुड़ी जानकारी

लंबी बीमारी के चलते 1680 में वीर छत्रपति शिवाजी ने दम तोड़ दिया और उनके साम्राज्य को उनके बेटे संभाजी ने संभाल लिया। गौ-ब्राह्मण प्रतिपालक, यवन-परपीडक, प्रौढ़ प्रताप पुरंधर, क्षत्रिय कुलावातंश, राजाधिराज, महाराज, योगीराज, श्री श्री श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की जय...जय भवानी। जय शिवाजी।

11:26 (IST)19 Feb 2020
शिवाजी के नाम पर है भारतीय सेना का एक युद्धपोत

शिवाजी के स्मारक पूरे भारत में पाए जाते हैं। विशेषकर महाराष्ट्र में शिवाजी अधिक महत्‍व रखते हैं। महाराष्ट्र के लगभग हर शहर में शिवाजी की प्रतिमाएँ और स्मारक पाए जाते हैं। भारतीय नौसेना के INS शिवाजी का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

11:08 (IST)19 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी के दुर्ग (किले) :

मराठा सैन्य व्यवस्था के विशिष्ट लक्षण थे क़िले। विवरणकारों के अनुसार शिवाजी के पास 250 किले थे। जिनकी मरम्मत पर वे बड़ी रकम खर्च करते थे। शिवाजी ने कई दुर्गों पर अधिकार किया जिनमें से एक था सिंहगढ़ दुर्ग, जिसे जीतने के लिए उन्होंने तानाजी को भेजा था। इस दुर्ग को जीतने के दौरान तानाजी ने वीरगति पाई थी।- गढ़ आला पण सिंह गेला (गढ़ तो हमने जीत लिया पर सिंह हमें छोड़ कर चला गया)। बीजापुर के सुल्तान की राज्य सीमाओं के अंतर्गत रायगढ़ (1646) में चाकन, सिंहगढ़ और पुरन्दर सरीखे दुर्ग भी शीघ्र उनके अधिकारों में आ गए।

10:55 (IST)19 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी की आगरा यात्रा :

अपनी सुरक्षा का पूर्ण आश्वासन प्राप्त कर छत्रपति शिवाजी आगरा के दरबार में औरंगजेब से मिलने के लिए तैयार हो गए। वह 9 मई, 1666 ई को अपने पुत्र शम्भाजी एवं 4000 मराठा सैनिकों के साथ मुगल दरबार में उपस्थित हुए, परन्तु औरंगजेब द्वारा उचित सम्मान न प्राप्त करने पर शिवाजी ने भरे हुए दरबार में औरंगजेब को 'विश्वासघाती' कहा, जिसके परिणमस्वरूप औरंगजेब ने शिवाजी एवं उनके पुत्र को 'जयपुर भवन' में कैद कर दिया। वहां से शिवाजी 13 अगस्त, 1666 ई को फलों की टोकरी में छिपकर फरार हो गए और 22 सितम्बर, 1666 ई. को रायगढ़ पहुंचे।

10:38 (IST)19 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti 2020: शिवाजी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

 
1.पूना से लेकर सल्हर तक का क्षेत्र कोंकण का क्षेत्र, जिसमें उत्तरी कोंकण भी सम्मिलित था, पेशवा मोरोपंत पिंगले के नियंत्रण में था।
2. उत्तरी कनारा तक दक्षिणी कोंकण का क्षेत्र अन्नाजी दत्तों के अधीन था।
3.दक्षिणी देश के जिले, जिनमें सतारा से लेकर धारवाड़ और कोफाल का क्षेत्र था, दक्षिणी पूर्वी क्षेत्र के अंतर्गत आते थे और दत्ताजी पंत के नियंत्रण में थे। इन तीन सूबों को पुनः परगनों और तालुकों में विभाजित किया गया था। परगनों के अंतर्गत तरफ और मौजे आते थे।

10:24 (IST)19 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी के राज्य की सीमा : 

शिवाजी की पूर्वी सीमा उत्तर में बागलना को छूती थी और फिर दक्षिण की ओर नासिक एवं पूना जिलों के बीच से होती हुई एक अनिश्चित सीमा रेखा के साथ समस्त सतारा और कोल्हापुर के जिले के अधिकांश भाग को अपने में समेट लेती थी। पश्चिमी कर्नाटक के क्षेत्र बाद में सम्मिलित हुए।

10:00 (IST)19 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: मुगलों से टक्कर:

शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति से चिंतित हो कर मुगल बादशाह औरंगजेब ने दक्षिण में नियुक्त अपने सूबेदार को उन पर चढ़ाई करने का आदेश दिया। लेकिन सुबेदार को मुंह की खानी पड़ी। शिवाजी से लड़ाई के दौरान उसने अपना पुत्र खो दिया और खुद उसकी अंगुलियां कट गई। उसे मैदान छोड़कर भागना पड़ा। इस घटना के बाद औरंगजेब ने अपने सबसे प्रभावशाली सेनापति मिर्जा राजा जयसिंह के नेतृत्व में लगभग 1,00,000 सैनिकों की फौज भेजी।

09:42 (IST)19 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: बचपन में खेल खेल मे सीखा किला जीतना : 

बचपन में शिवाजी अपनी आयु के बालक इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक कर्म शत्रु बनकर शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि भी जीतने लगे। जैसे ही शिवाजी ने पुरंदर और तोरण जैसे किलों पर अपना अधिकार जमाया, वैसे ही उनके नाम और कर्म की सारे दक्षिण में धूम मच गई, यह खबर आग की तरह आगरा और दिल्ली तक जा पहुंची। अत्याचारी किस्म के तुर्क, यवन और उनके सहायक सभी शासक उनका नाम सुनकर ही मारे डर के चिंतित होने लगे थे।

09:23 (IST)19 Feb 2020
छत्रपति शिवाजी से जुड़ी जानकारी

छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के इतिहास के महानतम व्यक्तियों में से एक हैं। उनके जीवन की कहानियां लोगों की पहचान का एक अभिन्न हिस्सा हैं। योद्धा राजा को सम्मानित करने के लिए, सरकार ने मुंबई के तट पर एक विशाल प्रतिमा बनाने का प्रस्ताव दिया है।

21:52 (IST)18 Feb 2020
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:

शिवाजी महाराज ने मुसलमानों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखा। यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि उनकी शाही सेना में, 1,50,000 की घुड़सवार सेना से लगभग 66,000 मुस्लिम थे। उन्हें एक बहुत ही धार्मिक व्यक्ति के रूप में जाना जाता था और वे अक्सर सभी जातियों के धार्मिक नेताओं की कंपनी की मांग करते थे। शिवाजी ने सबसे पहले एक नौसैनिक बल के महत्व का एहसास किया और इस प्रकाश में, उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण पक्ष की रक्षा के लिए समुद्र तट पर एक नौसेना और किलों की स्थापना की। जयगढ़, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और अन्य स्थानों के उनके किले इस बात की गवाही देते हैं।

21:03 (IST)18 Feb 2020
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी के नाम पर है भारतीय सेना का एक युद्धपोत

शिवाजी के स्मारक पूरे भारत में पाए जाते हैं। विशेषकर महाराष्ट्र में शिवाजी अधिक महत्‍व रखते हैं। महाराष्ट्र के लगभग हर शहर में शिवाजी की प्रतिमाएँ और स्मारक पाए जाते हैं। भारतीय नौसेना के INS शिवाजी का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

20:15 (IST)18 Feb 2020
मुम्‍बई के तट पर बनेगी विशाल प्रतिमा

छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के इतिहास के महानतम व्यक्तियों में से एक हैं। उनके जीवन की कहानियां लोगों की पहचान का एक अभिन्न हिस्सा हैं। योद्धा राजा को सम्मानित करने के लिए, सरकार ने मुंबई के तट पर एक विशाल प्रतिमा बनाने का प्रस्ताव दिया है।

19:04 (IST)18 Feb 2020
निचली जाति के नायक के रूप में किए गए चित्रित

19 वीं शताब्दी के मध्य में, समाज सुधारक ज्योतिराव फुले ने शिवाजी की एक बार नये सिरे से व्‍याख्‍या की। उन्‍होनें शिवाजी को निचली जातियों के नायक के रूप में चित्रित किया। उन्होंने ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए शिवाजी के बारे में चल रहे मिथकों का उपयोग करने का प्रयास किया।

18:20 (IST)18 Feb 2020
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti: बचपन से जुड़ी जानकारी

शिवाजी महाराज का जन्म शिवनेरी दुर्ग में 19 फरवरी 1630 में हुआ था। उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। मुगलों के साथ उनकी पहली लड़ाई 1656-57 में हुई थी। अपने जीवनकाल में उन्‍होनें कई बार मुगलों को मात दी। उनकी शूरवीरता के लिए उन्‍हें आज भी याद किया जाता है।

17:46 (IST)18 Feb 2020
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी से जुड़ी जरूरी बातें

छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा राजवंश के संस्थापक और मराठा या महाराष्ट्र के लोगों के योद्धा राजा थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में भी जाना जाता है। छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था। 15 वर्षों में, उन्होंने तोरण किले पर विजय प्राप्त की। चाकन किले और कोंडाना किले को आदिल शाही गवर्नर राजे शिवाजी को रिश्वत देकर लिया गया था, राजे शिवाजी ने टाइगर के पंजे से उसे मार डाला। वह मुगल सम्राट औरंगजेब के सबसे बड़े दुश्मन बन गए। उन्हें आगरा के किले में औरंगजेब द्वारा गिरफ्तार किया गया था। 1674 में उन्होंने खुद को राजा बनाया।

17:39 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: मुगलों से टक्कर : 

शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति से चिंतित हो कर मुगल बादशाह औरंगजेब ने दक्षिण में नियुक्त अपने सूबेदार को उन पर चढ़ाई करने का आदेश दिया। लेकिन सुबेदार को मुंह की खानी पड़ी। शिवाजी से लड़ाई के दौरान उसने अपना पुत्र खो दिया और खुद उसकी अंगुलियां कट गई। उसे मैदान छोड़कर भागना पड़ा। इस घटना के बाद औरंगजेब ने अपने सबसे प्रभावशाली सेनापति मिर्जा राजा जयसिंह के नेतृत्व में लगभग 1,00,000 सैनिकों की फौज भेजी।

17:19 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: बचपन में खेल खेल मे सीखा किला जीतना :

बचपन में शिवाजी अपनी आयु के बालक इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक कर्म शत्रु बनकर शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि भी जीतने लगे। जैसे ही शिवाजी ने पुरंदर और तोरण जैसे किलों पर अपना अधिकार जमाया, वैसे ही उनके नाम और कर्म की सारे दक्षिण में धूम मच गई, यह खबर आग की तरह आगरा और दिल्ली तक जा पहुंची। अत्याचारी किस्म के तुर्क, यवन और उनके सहायक सभी शासक उनका नाम सुनकर ही मारे डर के चिंतित होने लगे थे।

17:04 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti 2020 Speech: छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के लिए स्पीच

यह अवकाश गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। वह महाराष्ट्र में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं और न केवल उनके नाम पर कई सार्वजनिक इमारतें हैं, बल्कि कई लोगों द्वारा उन्हें एक निंदा भी माना जाता है। शिवाजी जयंती को कई रंगीन परेडों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है, जो उनके जीवन का इतिहास बताते हैं। इस दिन प्रमुख सरकारी अधिकारियों द्वारा दिए गए उनके महत्व पर कई भाषण भी हैं।

16:37 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी के बारे में जरूरी जानकारी

शिवाजी पिता शाहजी और माता जीजाबाई के पुत्र थे। उनका जन्म स्थान पुणे के पास स्थित शिवनेरी का दुर्ग है। राष्ट्र को विदेशी और आतताई राज्य-सत्ता से स्वाधीन करा सारे भारत में एक सार्वभौम स्वतंत्र शासन स्थापित करने का एक प्रयत्न स्वतंत्रता के अनन्य पुजारी वीर प्रवर शिवाजी महाराज ने भी किया था। इसी प्रकार उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। महाराणा प्रताप की तरह वीर शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक थे। आओ जानते हैं श्रीमंत छत्रपति वीर शिवाजी के बारे में।

15:55 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के लिए निबंध

छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1627 को मराठा परिवार में शिवनेरी (महाराष्ट्र) में हुआ  था। शिवाजी के पिता शाहजी और माता जीजाबाई थी।  वे एक भारतीय शासक थे, जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे बहादुर, बुद्धिमानी, शौर्यवीर और दयालु शासक थे। इसीलिए उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। यूं तो शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता है, पर यह सत्य इसलिए नहीं कि उनकी सेना में तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे तथा अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे। 

 
15:32 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti: मुस्लिम विरोधी नहीं थे शिवाजी:

शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा है, पर यह सत्य इसलिए नहीं कि उनकी सेना में तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे ही, अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे। वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था। 1674 की ग्रीष्म ऋतु में शिवाजी ने धूमधाम से सिंहासन पर बैठकर स्वतंत्र प्रभुसत्ता की नींव रखी। दबी-कुचली हिन्दू जनता को उन्होंने भयमुक्त किया। 

15:15 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti 2020: छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में

शिवाजी भोसले एक भारतीय योद्धा-राजा और भोंसले मराठा कबीले के सदस्य थे। शिवाजी ने बीजापुर की गिरती हुई आदिलशाही सल्तनत के एक एन्क्लेव को उकेरा, जिसने मराठा साम्राज्य की उत्पत्ति को चिह्नित किया। 1674 में, उन्हें औपचारिक रूप से रायगढ़ में क्षेत्र के छत्रपति (सम्राट) के रूप में ताज पहनाया गया।

15:14 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti 2020 Speech: शिवाजी के जयंती के लिए बेहतरीन स्पीच

वर्ष 1869 में, महात्मा ज्योतिराव फुले ने रायगढ़ में शिवाजी महाराज की समाधि की खोज की और मराठा योद्धा के जीवन पर पहला और सबसे लंबा गीत लिखा। शिवाजी जयंती की शुरुआत महात्मा ज्योतिराव फुले ने 1870 में की थी, जिसका पहला आयोजन पुणे में हुआ था। तब से, शिवाजी जयंती समारोह का बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। इसके बाद, शिव जयंती के माध्यम से बाल गंगाधर तिलक ने ब्रिटिश काल में लोगों को एकजुट करने का काम किया। 20 वीं शताब्दी में, बाबासाहेब अम्बेडकर ने भी शिव जयंती मनाई और शिवाजी जयंती के कार्यक्रम के दो बार अध्यक्ष थे।

15:13 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti 2020: शिवाजी जयंती के मौके पर यहां से लें स्पीच

शिव जयंती के नाम से प्रसिद्ध छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है। यह दिन मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह महाराष्ट्र राज्य में एक भव्य पैमाने पर मनाया जाता है। शिवाजी जयंती को महाराष्ट्र में बैंक अवकाश माना जाता है। यह त्योहार 19 फरवरी को मनाया जाता है और यह महारास्ट्र के लोगों के लिए एक सार्वजनिक अवकाश है। कुछ लोग हिंदू कैलेंडर के अनुसार शिवाजी जयंती भी मनाते हैं, हालांकि, ज्यादातर लोग इसे हर साल 19 फरवरी को मनाते हैं।

15:12 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti 2020: शिवजयंती की शुरुआत किसने की?

महात्मा ज्योतिबा फुले: शिवजयंती की शुरुआत महात्मा ज्योतिबा फुले ने की थी। महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तेलंगाना और अन्य राज्यों में भी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किले में हुआ था।

15:10 (IST)18 Feb 2020
महाराष्ट्र में शिवाजी जयंती कैसे मनाई जाती है?

शिव जयंती या शिवाजी जयंती भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक त्योहार और सार्वजनिक अवकाश है। यह त्योहार 19 फरवरी को मराठा सम्राट, शिवाजी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार महाराष्ट्र के बाहर कुछ हद तक मनाया जाता है।

15:10 (IST)18 Feb 2020
Shivaji Maharaj Jayanti 2020: कब है शिवाजी जयंती

हर साल 19 फरवरी को शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है। महाराष्ट्र के लोग इस बहुत धूम-धाम से सेलिब्रेट करते हैं