भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ने साफ कर दिया है कि इस बार उनकी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। आज़ाद की घोषणा के साथ विरोधी उन पर कई आरोप लगा रहे हैं। हालांकि ऐसे सभी आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया था। उन पर बीजेपी की बी-टीम का भी आरोप लगाया गया था। लेकिन वह कई इंटरव्यू में ऐसे सभी आरोपों को बेबुनियाद बता चुके हैं। एक इंटरव्यू में उनसे चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को समर्थन करने को लेकर भी सवाल किया गया था।

‘UP Tak’ के साथ इंटरव्यू में उनसे सवाल पूछा गया था, ‘ये बताइये चंद्रशेखर जी, अगर कुछ सीटें हाथ में आ जाती हैं और सरकार बनाने के करीब पहुंच जाती है बीजेपी। क्या आप समर्थन करेंगे अगर वो मंत्री बनाने का ऑफर देते हैं तो? क्या आप उनके साथ जाएंगे?’ इसका जवाब देने से पहले चंद्रशेखर मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘अगर बीजेपी प्रधानमंत्री भी बनाएगी तो भी नहीं जाऊंगा क्योंकि दुश्मन के खेमे में किसी कीमत पर नहीं खड़ा होउंगा। बीजेपी मेरी विचारधारा से दुश्मन है।’

भीम आर्मी चीफ आगे कहते हैं, ‘हमें कांशीराम साहब ने भी सिखाया है कि एक सुई लो और उसे नींबू में डुबोने के बाद दूध की बाल्टी में छोड़ दो। उसके बाद देखो कि एक सुई पूरा दूध फाड़ देगी। ये चरित्र है भाजपा का। इसलिए हम कभी बीजेपी और संघ के लोगों के साथ खड़े नहीं होंगे। जीवन में मरना पसंद करेंगे, लेकिन बीजेपी के साथ खड़ा होना पसंद नहीं करेंगे। क्योंकि हमारी बीजेपी से विचारधारा की लड़ाई है और हमें अपनी विचारधारा सबसे ज्यादा पसंद है। हम समझौता अपनी विचारधारा से किसी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा।’

स्कॉर्पियो है तो आरक्षण क्यों चाहिए? एक अन्य इंटरव्यू में उनसे आरक्षण को लेकर सवाल किया गया था। उनसे पूछा गया था, ‘अगर आपके पास स्कॉर्पियो है और बड़ा घर है तो आपको आरक्षण क्यों चाहिए?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘आरक्षण का असली मतलब सामाजिक भागीदारी से था। अगर हमारे लोग ऊपर नहीं होंगे तो हमारी बात कौन रखेगा? अभी ऊपर ऐसे लोग होंगे जो आरक्षण को पानी पी-पीकर गाली देते हैं तो हमारे बारे में कौन सोचेगा? आज भी ऊपर के पदों पर दलितों की भागीदारी बहुत ज्यादा कम है। इसलिए हम सामाजिक भागीदारी की बात करते हैं।’