चेहरे की खूबसूरती में निखार लाने के लिए महिलाएं मेकअप करती है। मेकअप स्किन की रंगत में निखार लाता है और चेहरे की खूबसूरती को भी बढ़ाता है। मेकअप में भी आंखों का मेकअप बेहद मायने रखता है। आंखों के मेकअप में काजल सबसे अहम है। काजल महिलाओं के ब्यूटी प्रोडक्ट का एक अहम हिस्सा बन गया है। काजल का इस्तेमाल करने से आंखें खूबसूरत और गहरी लगती हैं। काजल को कई नामों से जाना जाता है। लोग इसे कोहल के नाम से भी जानते हैं,ये एक पारंपरिक भारतीय ब्यूटी प्रोडक्ट है। कुछ महिलाएं काजल का इस्तेमाल रोज़ाना करती हैं तो कुछ महिलाएं कभी-कभी खास मौकों पर ही आंखों पर काजल लगाती हैं।

परंपरागत रूप से काजल नेचुरल इंग्रीडेंट का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। हालांकि एक्सपर्ट रोज़ाना काजल का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह देते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक काजल का इस्तेमाल कभी-कभी ही करना चाहिए। अगर आप रोज़ाना इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधानी से इसका यूज़ कीजिए।

काजल के यूज को लेकर स्किन स्पेशलिस्ट डॉ माधुरी अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिखा है। उन्होंने बताया है कि काजल का इस्तेमाल आपकी आंखों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। एक्सपर्ट ने बताया कि कई बार आपने देखा होगा कि काजल लगाने के बाद कभी-कभी आपकी आंखों में बहुत जलन महसूस होती है, या आपकी आंखें बहुत शुष्क महसूस होती हैं। आंखों की ये परेशानी सूजन या संक्रमण पैदा कर सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि काजल कैसे आंखों की समस्याएं पैदा कर सकता है।

एक्सपर्ट से जानिए काजल इतनी परेशानियां क्यों पैदा करता है?

हमारी निचली पलकों में लगभग 30-35 ऑयल ग्लैंड होते हैं जो आंखों में आंसू को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए तेल का उत्पादन करते हैं। आंखों के हाइड्रेशन के लिए आंसू महत्वपूर्ण हैं। यह बहुत सारे पर्यावरणीय नुकसान को रोकने में मदद करते है और आंखों पर एक सुरक्षात्मक परत बनाते हैं, जिससे आंखों की सुरक्षा होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक काजल ऑयल ग्लैंड को ब्लॉक करता है और आंखों की कई समस्याएं पैदा करता है। एक्सपर्ट के मुताबिक रोज़ाना काजल का इस्तेमाल आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।

पारस हेल्थ, गुरुग्राम में एचओडी-प्लास्टिक सर्जरी, डॉ मनदीप सिंह ने indianexpress.com को बताया कि काजल व्यापक रूप से लोकप्रिय है और सदियों से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन आंखों पर इसके होने वाले प्रभाव को समझना जरूरी है। अनुचित तरीके से तैयार या दूषित काजल उत्पादों में सीसा या अन्य भारी धातुओं जैसे हानिकारक पदार्थ मौजूद हो सकते हैं जिन्हें आंखें ऑब्जर्व कर लेती हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जब काजल को आंखों की आंतरिक पलक या वाटर लाइन पर लगाया जाता है, तो काजल बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीवों को आंखों में छोड़ देते हैं जिससे आंखों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। काजल का रेगुलर इस्तेमाल आंखों की रोशनी को भी प्रभावित कर सकता है।