देबिना बनर्जी सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल लाइफ और उससे जुड़े मुद्दे अक्सर अपने फैंस के साथ सांझा करती रहती हैं। देबिना दो बच्चों की मां हैं। देबिना अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ने से लेकर बॉडी में होने वाले बदलाव को सोशल मीडिया पर अक्सर शेयर करती हैं। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर मदरहुड जर्नी के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं की बॉडी में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस दौरान वजन तेजी से बढ़ जाता है और उसका असर स्किन पर भी दिखने लगता है। वजन बढ़ने से ज्यादातर महिलाओं को स्ट्रेच मार्क्स की परेशानी से दो चार होना पड़ता है। बॉडी पर स्ट्रेच मार्क्स आना गर्भावस्था का एक बेहद सामान्य हिस्सा है। प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ता है और डिलीवरी के बाद ये अपने निशान स्ट्रेच मार्क्स के रूप में बॉडी पर छोड़ जाता है। ये निशान देखने में काफी खराब लगते हैं।
देबिना बनर्जी ने बताया कि आप प्रेग्नेंसी में पेट के बाहर आने से पहले ही स्ट्रेच मार्क्स से बचाव करना शुरु कर दें। दिन में दो बार पेट के आस-पास जहां स्ट्रेच मार्क्स ज्यादा आते हैं वहां पर तेल या मॉइश्चराइज़र से मसाज करना शुरु कर दें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए तेल या मॉइश्चराइजर क्या बेस्ट है?
खार और नानावती मैक्स सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में प्रैक्टिस करने वाली सलाहकार स्किन स्पेशलिस्ट और ट्राइकोलॉजिस्ट डॉ वंदना पंजाबी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान दिखने वाले स्ट्रेच मार्क्स के निशान का वैज्ञानिक नाम स्ट्राई ग्रेविडेरम (Striae gravidarum) है। ये कई महिलाओं के लिए भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक संकट पैदा कर सकता हैं।
डॉ पंजाबी के अनुसार ये निशान बैंगनी-लाल रेखाओं के रूप में शुरू होते हैं जिन्हें स्ट्राई रूब्रा कहा जाता है। ये निशान कुछ महीनों और सालों में अपना रंग खो देते हैं और सफेद और एट्रोफिक बन जाते हैं, जिन्हें स्ट्राई अल्बा कहा जाता है।
स्ट्रेच मार्क्स के निशान तब होते हैं जब स्किन की मध्य परत (डर्मिस) में इलास्टिन और कोलेजन फाइबर खिंच जाते हैं और जगह-जगह टूट जाते हैं। वे प्रेग्नेंसी के 24 सप्ताह की शुरुआत में ही दिखाई देना शुरू कर सकते हैं, लेकिन आमतौर पर प्रेग्नेंसी के छठे से सातवें महीने के बीच पेट के आस-पास ये निशान दिखाई देने लगते हैं।
प्रेग्नेंसी में स्ट्रेच मार्क्स होने का कारण:
- डॉ पंजाबी के मुताबिक यदि गर्भावस्था में आपका वजन औसत से अधिक बढ़ता है तो आपको स्ट्रेच मार्क्स होने की संभावना अधिक होती है। ज्यादातर महिलाओं का वजन लगभग 10 से 12.5 किलोग्राम बढ़ जाता है और आमतौर पर अचानक और अत्यधिक वजन बढ़ने के कारण गर्भावस्था के बढ़ने के साथ पेट और कभी-कभी स्तनों, जांघों और हिप्स पर स्ट्रेच मार्क्स के निशान हो जाते हैं।
- कई रिसर्च में ये बात भी सामने आई है जिन महिलाओं की उम्र 30 साल से कम होती है उनका वजन प्रेग्नेंसी में ज्यादा बढ़ता है। ज्यादा वजन बढ़ने से स्ट्रेच मार्क्स होने का खतरा अधिक रहता है।
- प्रेग्नेंसी में हार्मोनल परिवर्तन भी आपकी स्किन को प्रभावित कर सकते हैं और आपको स्ट्रेच मार्क्स के निशान होने की अधिक संभावना होती है।
- आनुवंशिक संवेदनशीलता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रेग्नेंसी में स्ट्रेच मार्क्स का उपचार कैसे करें:
डॉ. पंजाबी ने बताया है कि इस बात के सीमित प्रमाण मौजूद हैं कि क्या तेल या क्रीम स्किन पर होने वाले स्ट्रेच मार्क्स को रोकने में मदद करते हैं। कुछ क्रीम, लोशन और मॉइस्चराइजर स्ट्रेच मार्क्स के निशान को हटाने का दावा करते हैं, लेकिन इस बात का कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं है कि ये कितने असरदार हैं।
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि सेंटेला एशियाटिका निकालने वाली क्रीम स्ट्रेच मार्क्स के निशान की तीव्रता और गंभीरता को कम कर सकती हैं, लेकिन इन्हें गर्भावस्था के 12 सप्ताह से प्रसव तक लगाना शुरू किया जाना चाहिए। डॉक्टर के मुताबिक आप स्ट्रेच मार्क्स के निशान को दूर करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें। स्ट्रेच मार्क्स की क्रीम का इस्तेमाल डिलीवरी के बाद ही शुरु करें।