Real Banana Identify Tricks: बाजार से अधिकतर लोग ताजे फल ही खरीदते हैं। हालांकि, कई बार लोग इन फलों को खरीदते समय उन पर लगे केमिकल को चेक करना भूल जाते हैं। ऐसे में वे फलों के साथ केमिकल भी अनजाने में खा लेते हैं। वहीं, केले को भी पकाने के लिए केमिकल का उपयोग किया जाता है। केले को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड जैसे हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है।

कैल्शियम कार्बाइड से पके केले देखने में तो पीले और ताजे लगते हैं, लेकिन अंदर से कच्चे रहते हैं और सेहत पर गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में केले को खरीदते समय इसकी पहचान करना बहुत जरूरी हो जाता है। यहां हम आपके लिए 3 टिप्स लेकर आए हैं, जिनसे आप केमिकल से पके केले की पहचान कर सकते हैं।

रंग और चमक को देखें

केले को खरीदते समय रंग और चमक को जरूर देखें। दरअसल, केमिकल से पके केले बहुत ज्यादा पीले और एकदम चमकीले नजर आते हैं। वहीं, नेचुरली पका हुआ केला हल्का पीला होता है और उस पर हल्के काले धब्बे नजर आते हैं।

गंध से करें केमिकल वाले केले की पहचान

केमिकल वाले केले की पहचान आप उनकी गंध से भी कर सकते हैं। नेचुरली पके केले में मीठी, ताजा और हल्की सुगंध आती है। वहीं, केमिकल से पकाए गए केले में तेज या हल्की रासायनिक गंध महसूस होती है। ऐसे में आप इस तरीके से भी ताजे और नेचुरली पके केले को आसानी से पहचान सकते हैं।

पानी से करें पहचान

नेचुरल तरीके से पके हुए केले की पहचान आप पानी से भी कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले केले को पानी में डालना होगा। अगर केला पानी में डूब जाता है, तो वह असली होता है। अगर वह पानी के ऊपर तैरने लगता है, तो वह कार्बाइड से पका हुआ हो सकता है।

कार्बाइड से पके केले खाने के नुकसान

कार्बाइड से पकाए गए केले सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं। केमिकल से पके केले खाने से कैंसर सहित कई तरह की खतरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं। मालूम हो कि केले में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन A, विटामिन B6, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। वहीं, कार्बाइड से पके केले से इनका लाभ कम और नुकसान ज्यादा हो जाता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए एक्सपर्ट से जरूर परामर्श करें।