उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की शुरुआत 10 फ़रवरी से होने जा रही है। पार्टियां चुनाव प्रचार और नेताओं के जोड़-तोड़ में लगी हुई हैं लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव की सुर्ख़ियों से गायब है। न बसपा की हाल-फिलहाल में कोई रैली हुई और न ही बसपा प्रमुख चुनावी तेवर में नजर आईं। ऐसे में बसपा के रवैये पर विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। पार्टी पर उठ रहे कई सवालों पर बसपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सतीश चन्द्र मिश्र ने सफाई दी है।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in करें

“किसी को नहीं पता होता, बहन जी क्या बोलने वाली हैं”: द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में जब सतीश चन्द्र मिश्र से पूछा गया कि आपके आलोचक कहते हैं कि मायावती मीडिया के सामने आती हैं और एक लिखे हुए ड्राफ्ट को पढ़कर चली जाती है? सवाल को काटते हुए मिश्र ने कहा कि हम इस बात को कई बार स्पष्ट कर चुके हैं और आज फिर स्पष्ट कर रहे हैं कि बहन मायावती जी प्रेस में क्या बोलने वाली हैं या भाषणों में क्या बोलने वाली है, वो जिस समय बोलना शुरू करती है तब तक किसी को नहीं पता होता है। जब उन्हें प्रेस से बात करनी होती है तो 100 में 90 प्रतिशत बार तो तब पता चलता है, जब वो कहती हैं कि मुझे इतने बजे प्रेसवार्ता करनी है, लोगों को सूचित कर दीजिए।

पढ़कर ही क्यों बोलती हैं मायावती?: सतीश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि जहां तक आप कह रहे हैं कि वह लिखा पढ़कर बोलती हैं, क्योंकि लफ्फाजी की बातें नहीं करना चाहती हैं। वो एक सधी हुई बात, ध्यानपूर्वक और सोचकर समझकर कहने का काम करती हैं। राज्यसभा से मायावती के इस्तीफे का जिक्र करते हुए सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा कि सराहनपुर मामले को लेकर जब मायावती जी ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया तो हम तो उनके बगल में खड़े थे, हमें जरा सा भी आभास नहीं हुआ कि वो इस्तीफ़ा देने वाली हैं। उस दिन तो कोई लिखित बयान नहीं था।

सिर्फ लिखित भाषण नहीं देतीं मायावती’: सतीश चन्द्र मिश्रा का कहना है कि बहन जी का कोई भी भाषण सिर्फ लिखित नहीं होता, लेकिन जब लिखित में होता है तो उनके मन में ये जरूर रहता है कि पहले हमें ये बातें लोगों तक पहुंचानी हैं। उसके बाद हम अपनी बात जो भी कहना चाहते हैं, कहेंगे।

बता दें कि मायावती के आलोचक अक्सर उनके पढ़कर भाषण देने या प्रेस को संबोधित करने पर सवाल खड़ा करते हैं। कुछ नेता तंज भी कसते हैं। बसपा सुप्रीमों मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सतीश चन्द्र मिश्रा के अनुसार, बसपा के कार्यकर्ता पांचवी बार मायावती को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा जीवन-शैली समाचार (Lifestyle News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
First published on: 20-01-2022 at 11:52 IST