पूरे भारत में बुधवार 23 मार्च यानि आज 91वां, शहीद दिवस मनाया जा रहा है। शहीद दिवस हर साल 23 मार्च को मनाया जाता है। 1931 में अंग्रेजों ने
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ा दिया था, इन क्रांतिकारियों की कुरबानी को याद करते हुए पूरे देश में इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन क्रांतिकारियों ने भारत को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया और अंग्रेजों का जुल्म सेहते हुए हस्ते-हस्ते अपनी जान गवा दी।

भारत में 23 मार्च के अलावा 30 जनवरी को भी शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को नमन कर उनके बलिदानों को याद किया जाता है। शहीद दिवस के दिन स्कूल-कॉलेज में भाषण, कविता और निबंध प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं।

शहीद दिवस के मौके पर आप भी शहीदों को श्रृद्धांजली देना चाहते हैं तो कुछ खास मैसेज के जरिए शहीदों को नमन करें। क्रांतिकारी भगत सिंह के कुछ मैसेज और कविताएं है जिन्हें आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। शहीदों को नमक करने के लिए आप मैसेज, कोट्स व स्टेटस अपने दोस्तों को शेयर कर सकते है।

शहीद दिवस
शहीद दिवस

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाक़ी निशां होगा।

शहीद दिवस

मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए,
जब तक जिंदा रहूं, इस मातृभूमि के लिए
और जब मरूं तो तिरंगे का कफन चाहिए।

शहीद दिवस

भगत सिंह का जन्म 24 सितंबर 1906 में सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। किसान परिवार में जन्में भगत सिंह एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे, जिन्होंने अंग्रेजों की ताकतवर ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किया था।

अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था।उस समय भगत सिंह करीब बारह वर्ष के थे जब जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ था। लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आज़ादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी।

भगत सिंह को अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण जेल में भी दो साल गुजारना पड़े। जेल में रहते हुए भी उनका अध्ययन लगातार जारी रहा, इस दौरान वे लेख लिखकर अपने क्रान्तिकारी विचार व्यक्त करते रहते थे। उनके लिखे गए लेख आज भी उनके विचारों के दर्पण हैं। अपने लेखों में उन्होंने कई तरह से पूंजीपतियों को अपना शत्रु बताया है।