बढ़ती उम्र का असर आपकी सेहत के साथ-साथ अपनी स्किन पर भी नजर आने लगता है। ऐसे में एक उम्र के बाद त्‍वचा से जुड़ी प्रॉब्‍लम्‍स जैसे झुर्रियां, महीन रेखाएं, स्किन का डल दिखना, काले धब्बे और ढीली त्वचा आदि आम हो जाती हैं। हालांकि, आज का खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खाने की आदतों के चलते कम उम्र में भी लोग इस तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं से परेशान रहने लगे हैं। युवा अवस्था में भी लोगों के चेहरे खासकर माथे, गाल और गले के आसपास झुर्रियां दिखने लगती हैं, जो फिर आपकी पर्सनैलिटी पर असर डालने लगती हैं। वहीं, अगर आप भी इस तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं और तमाम तरह के महंगे एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने के बाद भी आपको इससे छुटकारा नहीं मिल पा रहा है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

दरअसल, बेहद कम लोग जानते हैं कि जिस तरह फिट और फ्लेक्सिबल बने रहने के लिए योग सबसे बेहतर विकल्प है, ठीक उसी तरह कुछ खास योगासन का अभ्यास आपकी स्किन पर भी बेहद पोजिटिव असर डालता है। खासकर रिंकल्स की समस्या में योग एंटी-एजिंग की तरह काम करता है। इसी कड़ी में योग विशेषज्ञ कामिनी बोबडे ने इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक बातचीत के दौरान झुर्रियों से निजात पाने के लिए 2 बेहद असरदार योगासन बताए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

सर्वांगासन

कामिनी बोबडे के मुताबिक, सर्वांगासन पिट्यूटरी और थायरॉइड जैसी हार्मोनल ग्रंथियों, आंखों, स्किन और बालों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे एजिंग के लक्षणों को उलटने में मदद मिलती है। इसके अलावा इस योगासन के अभ्यास से रक्त का प्रवाह उल्टा हो जाता है और ब्लड फ्लो तेजी से सिर की ओर होने लगता है। इससे आपके दिल को ऑक्सीजन युक्त रक्त को आपके चेहरे तक ले जाने के लिए भी ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। गुरुत्वाकर्षण के कारण आपकी स्किन को ताजा रक्त कोशिकाओं का प्रवाह मिलता है, जिससे चेहरे पर रेडिएंट ग्लो आता है। साथ ही बेहतर ब्लड फ्लो के चलते आपकी स्किन लंबे समय तक जवां और रिंकल फ्री भी बनी रहती है।

कैसे करें सर्वांगासन?

  • इसके लिए जमीन पर मैट बिछाकर कमर के बल सीधे लेट जाएं।
  • अपने हाथों को सीधा पीठ के बगल में जमीन से टिका लें।
  • अब, सांस अंदर लेते हुए दोनों टांगों को उठाकर अर्ध हलासन में आएं।
  • इस दौरान कोहनियों को जमीन पर टिकाए रखें और हाथों से पीठ को सहारा दें।
  • इस मुद्रा में सांस लेते रहें।
  • अब, धड़ और टांगों को उठाकर बिलकुल सीधा कर लें।
  • अपनी क्षमता के मुताबिक 30 से 60 सेकेंड तक ऐसे ही रहें। इसके बाद धीर-धीरे सांस लेते हुए नीचे आ जाएं।
  • शुरुआत में इस योगासन को करने के लिए आप दीवार का सहारा ले सकते हैं।

भस्त्रिका प्राणायाम

इसके अलावा आप भस्त्रिका प्राणायाम का सहारा भी ले सकते हैं। योग विशेषज्ञ के मुताबिक, भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, साथ ही इसके नियमित अभ्यास से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होती है, जो स्किन को कई तरह से फायदा पहुंचता है। ऐसे में बेहतर स्किन पाने के लिए आप भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं।

कैसे करें भस्त्रिका प्राणायाम?

  • भस्त्रिका प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले किसी भी शांत वातावरण में सिद्धासन, वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
  • इस दौरान अपनी गर्दन, शरीर और सिर को सीधा रखें।
  • इसके बाद अपनी आंखें और अपना मुंह बंद कर लें।
  • योग शुरू करने से पहले अपने नथनों को भी अच्छी तरह साफ कर लें।
  • अब अपने हाथों को चीन या ज्ञान मुद्रा में रखें।
  • धीरे-धीरे सांस खींचते हुए अपनी सांस को बलपूर्वक छोड़ दें।
  • अब एक बार फिर अपनी सांस बलपूर्वक खींचे और वैसे ही उसे छोड़ें।
  • भस्त्रिका प्राणायाम करते वक्त धौंकनी की तरह आपको अपनी छाती को फुलाना और पिचकाना है।
  • इस आसन को भी 3 से 4 बार दोहराएं।