90 के दशक में हरिद्वार में स्कूटर से घर-घर जाकर दवाइयां बेचने वाले बाबा रामदेव आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। योग को घर-घर तक पहुंचाने वाले रामदेव की गिनती अब भारत के अमीर उद्योगपतियों में होने लगी है। बाबा रामदेव योग के जरिए डायबिटीज से लेकर ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं और अक्सर अपनी मिसाल दिया करते हैं।
हालांकि योग को इस तरीके से आत्मसात करना बाबा रामदेव के लिए भी आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें अपने खान-पान से लेकर लाइफस्टाइल तक में बदलाव करना पड़ा। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वक्त ऐसा था जब बाबा रामदेव रोटी और चावल की तरफ देखते भी नहीं थे। उन्होंने 18 साल तक रोटी और चावल को हाथ नहीं लगाया। बाद में विशेषज्ञों की सलाह पर इसे खाना शुरू किया। वे अभी भी स्ट्रिक्ट दिनचर्या व खानपान को फॉलो करते हैं।
नहीं करते हैं नाश्ता: तड़के 4 बजे जगने वाले बाबा रामदेव नाश्ता नहीं करते हैं बल्कि अपने दिन की शुरुआत आंवला-एलोवेरा जूस के साथ करते हैं। नित्य क्रिया से निवृत्त होने और योग साधना के बाद स्नान करते हैं और फिर आधा लीटर पानी पीते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बाबा रामदेव दिन भर में सिर्फ दो बार भोजन करते हैं।
सुबह 10 बजे के करीब लंच करते हैं, जिसमें मौसमी सब्जी, दो से तीन रोटी और एक कटोरी चावल शामिल होता है। इसके बाद शाम को 7 से 8 के बीच डिनर जरूर कर लेते हैं। जिसमें मौसमी और हरी सब्जियों को प्राथमिकता देते हैं।
बाबा रामदेव डिनर के बाद दूध जरूर लेते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वे गाय का दूध पसंद करते हैं। आपको बता दें कि बाबा रामदेव का पतंजलि दूध के बिजनेस में भी है। एक इंटरव्यू में जब बाबा रामदेव से यह पूछा गया कि जब वे किसी योग शिविर या दूसरे कार्यक्रम में कहीं जाते हैं तब किस तरह की डाइट होती है। तब उन्होंने कहा कि लोग प्रेम से जो खिला देते हैं वो खा लेता हूं।
हर काम का शेड्यूल है फिक्स: बाबा रामदेव का सुबह जगने से लेकर शाम को सोने तक का शेड्यूल फिक्स रहता है। लंच के बाद वे पतंजलि के कारोबार से जुड़ी तमाम बैठकों में शामिल होते हैं। फिर लोगों से मुलाकात करते हैं। मुलाकात का मौका भी उन्हीं लोगों को मिलता है जिन्होंने पहले से अपॉइंटमेंट ले रखा हो।