Ayurvedic Treatment in Hindi: अमूमन बुखार आने पर हम सभी डॉक्टर के पास जाते हैं लेकिन घर में कुछ आयुर्वेदित तकनीकों का इस्तेमाल करके आप इससे निजात पा सकते हैं। इन तरीकों का जिक्र पुराने समय से चला आ रहा है। आयुर्वेद में बुखार और जुखाम को प्रतिश्य का नाम दिया गया है।

आपके घर में मौजूद कई चीजें ऐसी स्थिति में आपकी सहायता कर सकती हैं। इससे ना केवल डॉक्टर को दी जाने वाली फीस बच जाएगी बल्कि आप प्राकृतिक तौर पर स्वस्थ भी हो जाएंगे। आज हम आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ उपचार के बारे में।

कैसिया (चाइनीज दालचीनी): कैसिया की जड़े बुखार और जुखीम को ठीक करने में काफी लाभदायक होती हैं। आमतौर पर इसकी जड़ों को जलाकर इसे धुएं को बेहतर इलाज के लिए सूंघा जाता है। इसकी मदद से शरीर में जमा बलगम बाहर आ जाता है और बुखार भी ठीक हो जाता है।

दालचीनी: आयुर्वेद में हमेशा से दालचीनी को बुखार के उपचार के लिए बेहतर माना जाता है। एक गिलास पानी में दालचीनी, एक चुटकी काली मिर्च और शहद मिलाकर उबाल लें। इस मिश्रण को पीने से गले से जुड़ी सभी परेशानियों के साथ ही आपका जुखाम निमोनिया या इनफ्यूएंजा जैसी बीमारी का रूप लेने से बच जाएगा।

जीरा: आयुर्वेदिक जगत में जब भी बुखार का जिक्र होता है उसमें जीरा का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। कई दिनों से जारी बुखार के साथ अगर आपको जुखाम है तो यह आपके लिए बेहतरीन दवा का काम करेगा।

अदरक: बुखार में आप दिन में कई बार अदरक का सत्व ले सकते हैं। यह खांसी और जुखाम की भी अचूक दवा है। अदरक से बनी हुई चाय की मदद से आप सर्दी-खांसी ठीक कर सकते हैं।

प्याज: सब्जियों में इस्तेमाल होने वाला प्याज बड़े काम का है। इसके सेवन से बलगम पतला होकर आपकी नाक के जरिए बाहर निकल जाता है।

नींबू: बुखार से पीड़ित शख्स को ढाई कप गर्म पानी में 2 नींबू का रस मिलाकर शहद के साथ पी लेना चाहिए। बेहतर परिणाम के लिए रात को सोते समय इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

कालीमिर्च: सिर में तेज दर्द होने पर एक कप दूध के साथ एक चम्मच काली मिर्च का पाउडर और एक चुटकी हल्दी मिलाकर गर्म कर लें। 3 दिनों तक दिन में एक बार इसका सेवन करें सिर दर्द छूमंतर हो जाएगा