डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज। दोनों तरह की डायबिटीज के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। बार-बार यूरिन डिस्चार्ज होना, प्यास ज्यादा लगना, घाव भरने में समय लगना और आंखों की रोशनी पर असर पड़ना डायबिटीज के मुख्य लक्षण हैं। डायबिटीज की बीमारी तब होती है जब पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है या फिर कम कर देता है। इंसुलिन के कम उत्पादन की वजह से ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है।

डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वो ब्लड शुगर को कंट्रोल करें। शुगर कंट्रोल करने के लिए डाइट में हेल्दी फूड्स को शामिल करें। ऐसे फूड्स खाएं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम हो और जो शुगर को भी आसानी से कंट्रोल कर सके। डायबिटीज के मरीजों के लिए मशरूम सब्जी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। आइए जानते हैं कि शुगर के मरीजों के लिए मशरूम का सेवन कैसे असरदार साबित होता है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए मशरूम का सेवन कैसे असरदार है:

मशरूम में विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन डी, कॉपर, प्रोटीन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सेलेनियम, फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बॉडी को हेल्दी रखते हैं। पोषण तत्वों से भरपूर मशरूम में बीटा ग्लूकोन मौजूद होता है। एंटी इनफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर मशरूम डायबिटीज से बचाने में असरदार साबित होता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए मशरूम का सेवन करने से वजन भी कम होता है।

लो ग्लाइसेमिक फूड है मशरूम:

डायबिटीज के मरीजों को किसी भी फूड का सेवन करते समय उसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स का जरूर ध्यान रखना चाहिए। मशरूम एक ऐसी सब्जी है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली ये सब्जी ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है। मशरूम में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और विटामिन बी भरपूर मौजूद होता है। ये सब्जी डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और दिल के रोगों से बचाव करती है।

मशरूम कैसे डायबिटीज के मरीजों को हेल्दी रखता है:

मशरूम पोषक तत्वों का ख़ज़ाना है जिसमें 90 प्रतिशत पानी होता है। ये सब्जी कैलोरी को कंट्रोल करती है और वजन को घटाने में असरदार साबित होती है। मशरूम का सेवन डायबिटीज को नेचुरली कंट्रोल करने में मददगार होता है।