तुलसी एक ऐसा पौधा है जो हर घर में मौजूद है। सदियों से इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है और इसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। इस मेडिसिनल प्लांट के कई फायदे हैं। इसका उपयोग कई दवाईयों में और खाना पकाने में किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी सेहत के साथ ही स्किन के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसका इस्तेमाल स्किन पर करने से स्किन में चमक आती है।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई में ट्राइकोलॉजिस्ट और एस्थेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ.तृप्ति डी.अग्रवाल ने कहा कि ताजी तुलसी स्किन की देखभाल के लिए बेहतरीन औषधी है। यह विटामिन ए, सी, और के, साथ ही मैंगनीज जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें कॉपर, कैल्शियम,आयरन, मैग्नीशियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड मौजूद होता है। पोषक तत्वों से भरपूर तुलसी का इस्तेमाल स्किन पर बेहद असरदार साबित होता है। आइए जानते हैं कि तुलसी का इस्तेमाल स्किन की कौन-कौन सी परेशानियों को दूर करता है और इसका कैसे इस्तेमाल करें।
बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करता है:
उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।आहार और जीवनशैली में बदलाव के जरिए इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर तुलसी एक एक एंटी-एजिंग सामग्री है। यह मुक्त कणों से स्किन को होने वाले नुकसान से बचाता है,जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को बढ़ाता है। एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर तुलसी स्किन की रेडनेस को दूर करती है और स्किन की जलन को दूर करने में मदद करती है। तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करके आप जवां त्वचा पा सकते हैं।
तुलसी के पत्ते मुंहासे का इलाज करते हैं
तुलसी के पत्तों में प्राकृतिक एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो मुंहासों का बेहतरीन तरीके से उपचार करते हैं। तुलसी की पत्तियां उन कीटाणुओं को खत्म करने में भी मदद कर सकती हैं जो मुंहासे निकलने का कारण बनते हैं। यह पौधा मुंहासों के अन्य कारकों जैसे बंद छिद्रों और सूजन को भी कम कर सकता है। ये स्किन के अतिरिक्त तेल और नमी को अवशोषित करके मुंहासे को कम करने में मदद करता हैं।
स्किन को हाइड्रेट करते हैं तुलसी के पत्ते:
अपने मॉइस्चराइजिंग गुणों के कारण तुलसी के पत्ते स्किन को कोमल बनाने में मदद करते हैं। इसमें आवश्यक तेल भी होता हैं जो स्किन को हाइड्रेट करता है और ड्राई स्किन को पोषण देता है। आप तुलसी के पत्तों के अर्क या तेल का उपयोग करके त्वचा की नमी को बरकरार कर सकते हैं।