बॉडी की फंक्शनिंग को मेंटेन करने के लिए हमारे फेफड़े महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फेफड़ों के जरिए ही वातावरण में मौजूद हवा फिल्टर होकर ऑक्सीजन के रूप में खून के कतरे-कतरे तक पहुंती हैं और कार्बनडायऑक्साइड बॉडी से बाहर आती है। हालांकि, इस समस बढ़ता प्रदूषण और स्मोग तेजी से फेफड़ों को सड़ाने का काम कर रहा है, इसके चलते व्यक्ति को ना केवल सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि लंबे समय पर ये अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और लंग्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा रहा है।

इसी कड़ी में इस आर्टिकल में हम आपको 2 ऐसे योगासन बताने जा रहे हैं, जिनका नियमित अभ्यास फेफड़ों में जमती पॉल्यूशन की गंदगी को साफ करने में मददगार साबित हो सकता है। साथ ही ये योगासन फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

कपालभाति

कैसे है फायदेमंद?

  • कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास फेफड़ों को मजबूती देकर श्वसन संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करता है।
  • कपालभाति करने से वायु मार्ग में फंसे बलगम और गंदगी को भी आसनी से साफ किया जा सकता है।
  • इसके अलावा ये फेफड़ों और वायु मार्ग की सूजन को कम करने में भी असरदार है।

ऐसे में खासतौर पर अस्थमा से पीड़ित लोगों को कपालभाति करने की सलाह दी जाती है। ये उन्हें वायु प्रदूषण से होने वाले जोखिमों से सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकता है।

कैसे करें कपालभाति?

  • कपालभाति करने के लिए सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
  • इसके बाद अपने दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं और इसे अपने दोनों घुटनों पर रखें।
  • अब, गहरी सांस अंदर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें। ऐसा कुछ मिनट तक लगातार करते रहें।
  • अगर आप कपालभाति की शुरुआत कर रहे हैं, तो 35 से शुरू करें और दिन के हिसाब से इसे बढ़ाते जाएं।

भस्त्रिका प्राणायाम

कैसे है फायदेमंद?

  • इस योग को करने से गले से संबंधित सभी तकलीफें खत्म हो जाती हैं।
  • योग विशेषज्ञ फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए और फेफड़ों में जमा गंदगी को साफ रखने के लिए भी भस्त्रिका प्राणायाम करने की सलाह देते हैं।
  • इन सब के अलावा भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ावा देकर कार्बनडाईऑक्साइड के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।

कैसे करें भस्त्रिका प्राणायाम?

  • भस्त्रिका प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले किसी भी शांत वातावरण में सिद्धासन, वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
  • इस दौरान अपनी गर्दन, शरीर और सिर को सीधा रखें।
  • इसके बाद अपनी आंखें और मुंह बंद कर लें।
  • योग शुरू करने से पहले अपने नथनों को भी अच्छी तरह साफ कर लें।
  • अब अपने हाथों को चीन या ज्ञान मुद्रा में रखें।
  • धीरे-धीरे सांस खींचते हुए अपनी सांस को बलपूर्वक छोड़ दें।
  • अब एक बार फिर अपनी सांस बलपूर्वक खींचे और वैसे ही उसे छोड़ें।
  • भस्त्रिका प्राणायाम करते वक्त धौंकनी की तरह आपको अपनी छाती को फुलाना और पिचकाना है।
  • ऐसा करने पर बढ़ते प्रदूषण स्तर से होने वाली बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।