उस दिन शालिनी अग्निहोत्री अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थीं। जिस सीट पर वो बैठी थीं, उसके बगल में एक शख्स खड़ा था और वो बार-बार उनकी सीट के हैंडल को पकड़ रहा था। इससे उन्हें परेशानी हो रही थी। उन्होंने शख़्स से हाथ हटाने के लिए कई बार कहा, लेकिन उसने अनसुना कर दिया। उल्टा ताने मारा – ”तुम कहीं की डीसी को क्या, जो तुम्हारे आदेशों का पालन करना जरूरी है?”। शालिनी उस समय काफी छोटी थीं और उन्हें नहीं पता था कि डीसी क्या होता है। लेकिन इतना जरूर समझ में आ गया कि ये कोई बड़ी और शक्तिशाली पोस्ट है।
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के थाथल गाँव की रहने वालीं शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri ) की जिंदगी इस घटना के बाद बदल गई। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। बता दें कि शालिनी के पिता रमेश, एक बस कंडक्टर और माँ गृहिणी हैं। बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वालीं शालिनी जी-जान से मेहनत में जुटी रहीं और यूपीएससी में सफलता हासिल कर ही दम लिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, शालिनी ने न कोई कोचिंग ली और न ही किसी बड़े शहर का रुख किया। अपनी मेहनत से उन्होंने यूपीएससी में 285वीं रैंक हासिल की और भारतीय पुलिस सेवा को चुना। अब उनकी गिनती देश के तेज-तर्रार IPS अफसरों में होती है। उनका नाम सुनकर अपराधी कांपते हैं।
देर रात तक करती थीं पढ़ाई: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शालिनी देर रात 3 बजे तक पढ़ाई करती थीं। दिन में वह एमएससी की कक्षाएं लेती थीं और फिर घर लौटने के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट जातीं। बता दें कि शालिनी ने धर्मशाला के DAV स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल की थी और फिर हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
बचपन से थीं ‘पढ़ाकू’ : बता दें कि शालिनी बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थीं और इस वजह से उनके माता-पिता को लगता था कि वह लाइफ में कुछ अच्छा करेंगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, शालिनी ने जब यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू की थी तो उनके परिवार में इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी। उन्होंने इंटरनेट की मदद से परीक्षा के लिए मैटेरियल जुटाए। इसके अलावा मैगजीन, न्यज पेपर और किताबें पढ़कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की।
यूपीएससी क्लियर करने के बाद उन्होंने अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी थी। बता दें कि शालिनी के परिवार में माता-पिता के अलावा बड़ी बहन रजनी, जो डॉक्टर हैं और भाई आशीष, जो इंडियन आर्मी में हैं। शालिनी के भाई आशीष भी उन्हीं की तरह पढ़ाई में काफी होशियार थे और उन्होंने पहली बार में ही एनडीए का टेस्ट क्लियर कर लिया था।