बवासीर या पाइल्स (piles)एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज के एनस के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है। इसके अलावा इसमें से कई बार खून निकलने के साथ ही दर्द भी होता है। बवासीर के साथ होने वाला दर्द, रक्तस्राव और तेज खुजली बेहद परेशान करती है। सूजी हुई नसें गुदा और मलाशय के निचले हिस्सों में उभार कर सकती हैं। अगर इस परेशानी का उपचार नहीं किया जाए तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

बवासीर की बीमारी कब्ज़, पाचन संबंधी दिक्कतें, गैस की परेशानी और मोटापा की वजह से पनप सकती है। इस परेशानी की वजह से स्टूल पास करने में दिक्कत होती है। एनस के आस-पास सूजन या गांठ बन जाती है। बवासीर की परेशानी की वजह से स्टूल पास करने के बाद भी पेट साफ नहीं रहता। बवासीर दो तरह की होती है खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते हैं और उनसे ब्लड आता है, जबकि बादी बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में दर्द और सूजन की शिकायत होती है।

बवासीर की बीमारी में डाइट का ध्यान रखना बेहद जरुरी है। उजाला सायगनोस के मुताबिक ये बीमारी तुरंत ठीक नहीं होती लेकिन अगर खान-पान का ध्यान रखा जाए तो इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। डाइट में कुछ फूड से परहेज करने पर इस बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि पाइल्स के मरीज किन 5 चीजों से दूर रहें।

मिर्च से करें परहेज: बवासीर के मरीज डाइट में हरी और लाल मिर्च से परहेज करें। मिर्च का सेवन करने से बवासीर के जख्म जल्दी ठीक नही होती। खाने में हरी और लाल मिर्च का सेवन बंद करें।

फास्ट फूड से बनाएं दूरी: पाइल्स के मरीज फास्ट फूड का सेवन करने से परहेज करें। पाइल्स के मरीज राजमा और दूसरी दालें जैसे मसूर खाने से भी परहेज करें।

घी और तेल बढ़ा सकता है मुश्किल: जिन लोगों को पाइल्स की परेशानी है वो खाने में घी और तेल का सेवन कम करें। घी और तेल का सेवन मुश्किल बढ़ा सकता है।

डेयरी फूड से परहेज करें: पाइल्स के मरीज डेरी उत्पाद जैसे दूध और पनीर से परहेज करें। डेयरी उत्पाद कब्ज और गैस की परेशानी बढ़ा सकते हैं। कब्ज की परेशानी पाइल्स के लक्षणों को बढ़ाती है।

नशीले पदार्थों से दूर रहें: नशीले पदार्थ जैसे सुपारी, गुटखा, पान मसाला और सिगरेट पीने से भी बवासीर की समस्या बढ़ सकती है। इन सभी नशीले पदार्थों से दूर रहें बवासीर के लक्षण दूर होंगे।