Cough Syrup Deaths Case: राजस्थान और मध्य प्रदेश में कथित पर जहरीली कफ सिरप से बच्चों की हुई मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में दवा सुरक्षा तंत्र की विफलता को लेकर दाखिल की गई एक जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमत हो गया है।

सीजेआई बी.आर. गवई, जस्चिस उज्ज्वल भुयान और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने जनहित याचिका को तत्काल सुनवाई योग्य माना है। यह PIL वकील विशाल तिवारी ने दायर की थी। पीठ ने याचिका पर 10 अक्टूबर को सुनवाई करने पर सहमति जताई।

याचिका में इन घटनाओं की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन का आग्रह किया गया है।

जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि राज्यों में जहरीली कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मौत से संबंधित सभी लंबित एफआईआर और जांच सीबीआई को ट्रांसफर की जाएं। इसमें निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की गई है।

यह भी पढ़ें- कफ सिरप केस: श्रीसन फार्मा के मालिक गिरफ्तार

याचिका में कहा गया है कि अलग-अलग राज्य स्तरीय जांच के कारण जवाबदेही बिखरी हुई है, जिससे बार-बार चूक हो रही है और खतरनाक फॉर्मूलेशन बाजार तक पहुंच रहे हैं। यह याचिका मध्य प्रदेश और राजस्थान से आई उन खबरों के बीच आई है, जहां कथित तौर पर एक विशेष प्रकार की कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई।

याचिका में न्यायालय से केंद्र सरकार को उन नियामकीय विफलताओं की पहचान करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिनके कारण घटिया दवाएं बाजार में पहुंच गईं। याचिका में न्यायालय से यह भी आग्रह किया कि आगे किसी भी प्रकार की बिक्री या निर्यात की अनुमति देने से पहले सभी संदिग्ध उत्पादों का एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से विष विज्ञान परीक्षण अनिवार्य (Toxicological Testing) किया जाए।

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट बार ने वकील राकेश किशोर की सदस्यता रद्द की