राजस्थान में बढ़ते सड़क हादसों और हाईवे को ‘शराब-फ्रेंडली कॉरिडोर’ बनाने पर सख्त नाराजगी जताते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वो हाईवे से 500 मीटर के दायरे में आने वाली 1,102 शराब की दुकानों को दो महीने के अंदर हटा दे।

हाईकोर्ट ने यह आदेश साल 2023 की एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। यह याचिका चूरू के कनहैयालाल सोनी और मनोज नाई ने दायर की थी। उन्होंने इस याचिका में शिकायत की थी कि शराब की दुकानें आबकारी अधिनियम और उसके नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।

जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस संजीत पुरोहित की बेंच द्वारा पास किए गए ऑर्डर में कहा गया, “इस कोर्ट का मानना ​​है कि नेशनल या स्टेट हाईवे से 500 मीटर की लिमिट के अंदर कोई भी शराब की दुकान चालू नहीं रहनी चाहिए। रेस्पोंडेंट्स को निर्देश दिया जाता है कि वे प्रतिबंधित जोन में आने वाली सभी शराब की दुकानों को हटा दें या दूसरी जगह ले जाएं, चाहे वे म्युनिसिपल एरिया, लोकल सेल्फ-गवर्निंग बॉडी या स्टैच्युटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी के अंदर आती हों। रेस्पोंडेंट्स को दो महीने के अंदर इन 1,102 शराब की दुकानों को 500 मीटर से ज्यादा सही जगहों पर शिफ्ट करने या दूसरी जगह ले जाने की छूट होगी।”

विज्ञापन की भी इजाजत नहीं

कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकार से कहा कि वह यह सुनिश्चित करे कि शराब या शराब की दुकानों की उपलब्धता से संबंधित कोई होर्डिंग्स, साइनेज या विज्ञापन राष्ट्रीय या राज्य राजमार्गों से दिखाई ने दें, भले ही दुकानों को 500 मीटर की अनिवार्य दूरी से आगे शिफ्ट किया जा रहा हो।

यह आदेश तब आया जब हाईकोर्ट ने देखा कि राजस्थान में 2025 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में लगभग 8% की तेज बढ़ोतरी हुई है। 2024 में ऐसे 40,715 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2025 में सितंबर तक यह संख्या बढ़कर 43,788 हो गई। यह लगभग 7.55% की चिंताजनक वृद्धि है। कोर्ट ने कहा कि यह आंकड़ों की कोई सामान्य बढ़ोतरी नहीं है, बल्कि इससे जनता की सुरक्षा और लोगों की जान पर गंभीर और बार-बार पड़ने वाला असर साफ दिखाई देता है।

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