Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने एक कोविड-19 के मुआवजे मामले में बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि समाज को मेडिकल प्रोफेशनल्स के साथ खड़ा होना चाहिए। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि अगर हम अपने डॉक्टरों का ध्यान नहीं रखेंगे तो यह समाज हमें कभी नहीं भूलेगा।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, पीठ कोविड-19 महामारी के दौरान जान गंवाने वाले मेडिकल प्रोफेशनल्स के परिजनों द्वारा केंद्र सरकार की ‘कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना’ के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस नरसिम्हा ने टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर हम अपने डॉक्टरों का ध्यान नहीं रखेंगे तो समाज हमें नहीं भूलेगा। लोगों की जिंदगी की रक्षा करने वाला पहला पेशा डॉक्टर है। अगर हम डॉक्टरों के साथ खड़े नहीं होंगे और उनकी देखभाल नहीं करेंगे तो यह देश हमें नहीं भूलेगा।”

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क्या था पूरा मामला?

यह पूरा मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में एक महिला की तरफ से दायर की गई याचिका से शुरू हुआ। इसमें उसने अपने पति की मृत्यु के कारण मुआवजा देने से इनकार करने का आरोप लगाया था, जिसे राज्य सरकार ने महामारी के दौरान अपनी डिस्पेंसरी खुली रखने के लिए कहा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य याचिकाकर्ताओं को भी कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत दे दी। ऐसा इस वजह से क्योंकि यह एक देशव्यापी चिंता का मामला है।

हमें आंकड़े दीजिए- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने आज कहा कि वह व्यक्तिगत दावों की जांच नहीं करेगा, बल्कि दावों पर फैसला लेने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा। कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा , ” हमें आंकड़े दीजिए और वर्तमान प्रधानमंत्री योजना के अलावा अन्य योजनाओं के बारे में भी जानकारी दीजिए। हम कुछ सिद्धांत तय करेंगे।”