Defamation Case: दिल्ली की एक कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जिसमें अनुरोध किया गया था कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती को मानहानि के एक मामले में वकील के तौर पर उनकी पत्नी की ओर से पेश होने से रोकने का निर्देश दिया जाए।
भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने सीतारमण के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाते हुए आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। सीतारमण की याचिका में कहा गया कि सोमनाथ भारती शिकायतकर्ता के पति हैं। इस प्रकार, इस मामले के व्यक्तिगत और आर्थिक रूप से लाभार्थी हैं। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, यह स्थिति बार काउंसिल नियमों के नियम 6 और 9 के विरुद्ध है। नियम 9 के अनुसार, वकीलों को अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने वाले मुवक्किलों का प्रतिनिधित्व करने से बचना चाहिए। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल सीतारमण की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
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कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह कोर्ट पता है कि पति या पत्नी द्वारा अपने जीवनसाथी के खिलाफ अभियोजन चलाने या उसकी ओर से बचाव करने पर कोई रोक नहीं है। जीवनसाथी अपने पति या पत्नी के खिलाफ अभियोजन या बचाव करते हुए अधिकतम संभव सजा या मुआवजे की मांग भी कर सकता/सकती है। इस पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है।
अदालत ने कहा कि कानून की दृष्टि में पति और पत्नी दो अलग-अलग प्राकृतिक व्यक्ति हैं, और उनके आर्थिक हित भिन्न हो सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, जज ने मित्रा की उस याचिका को भी खारिज किया, जिसमें उन्होंने मामले में उपस्थित न होने के कारण उन पर लगाए गए 5,000 रुपये के जुर्माने से छूट मांगी थी। अब इस मामले में 1 नवंबर को पूर्व-समन साक्ष्य के लिए सुनवाई तय की गई।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता लिपिका मित्रा ने सीतारमण के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया। इसमें उन पर भारतीय दंड संहिता, 2023 (BNS) की धारा 356(1) और 356(2) के तहत कथित तौर पर उनके खिलाफ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणियां करने और प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि सीतारमण ने यूट्यूब पर प्रकाशित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मानहानिकारक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए, जिसका प्रसारण 17 मई को रिपब्लिक टीवी और एनडीटीवी समाचार चैनलों पर किया गया।
मित्रा ने आरोप लगाया कि सीतारमण ने ये बयान 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए, जिसका एकमात्र उद्देश्य उनके पति की प्रतिष्ठा को धूमिल करना और इंडिया अलायंस के उम्मीदवार के रूप में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से उनकी जीत की संभावनाओं को कमजोर करना था। शिकायत में कहा गया कि कथित बयानों से भारती को भारी मानसिक पीड़ा हुई। एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में उनकी सार्वजनिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।
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