Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इंटरनेट पर प्रत्येक सामग्री को बहुत सावधानी से डाला जाना चाहिए, विशेषकर तब जब अपलोड करने वाले के पास बड़ी संख्या में दर्शक हों और समाज पर उसका प्रभाव हो।

हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त वाक्य और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल उस पर लगाए गए युक्तिसंगत प्रतिबंधों की सीमाओं के भीतर किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि जब कोई अभिव्यक्ति अपमान, अपमानजनक व्यवहार या उकसावे की सीमा पार कर जाती है, तो वह मान-सम्मान के अधिकार से टकरा जाती है।

यह भी पढ़ें- जाति आधारित रैली को लेकर हाई कोर्ट ने योगी सरकार से मांगा जवाब

जस्टिस रविंदर डुडेजा ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों के लिए बस एक चेतावनी। इंटरनेट ने ज्ञान के प्रसार को तीव्र करके उसे आसानी से सुलभ बना दिया है। इसके साथ ही, इसने हर आयु वर्ग के लोगों को एक बड़ा दर्शक वर्ग भी दिया है।

कोर्ट ने यह टिप्पणी अभिनेता एजाज खान को जमानत देते हुए की, जिन पर यूट्यूबर हर्ष बेनीवाल की मां और बहन के खिलाफ सोशल मीडिया पर अश्लील टिप्पणी करने का आरोप है। अदालत ने कहा कि चूंकि खान और बेनीवाल दोनों ही ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर’ हैं और उनके पास बड़ी संख्या में दर्शक हैं, इसलिए उन्हें अपनी पोस्ट को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

यह भी पढ़ें- 48 घंटे के भीतर हटाएं स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ अपमानजनक सामग्री- इलाहाबाद हाई कोर्ट