इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि एक बार धर्म परिवर्तन अवैध होने पर धर्मांतरण के बाद शादी करने वाले युगल को कानून की नजर में शादीशुदा जोड़े के तौर पर नहीं माना जा सकता। न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने कुछ व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता ने अदालत से प्रतिवादियों को उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में दखल नहीं देने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि युवक मुस्लिम समुदाय से आता है, जबकि युवती हिंदू धर्म से थी। युवती ने 22 फरवरी, 2025 को इस्लाम स्वीकार कर लिया और उसी दिन खानकाहे आलिया अरिफिया द्वारा इसका प्रमाण पत्र जारी किया गया था।
उन्होंने कहा कि 26 मई, 2025 को युवक ने युवती से मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह किया और संबंधित काजी द्वारा विवाह प्रमाण पत्र भी जारी किया गया।
धर्मांतरण प्रमाण पत्र फर्जी पर अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता क्या कहा?
हालांकि, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने इस आधार पर याचिका का विरोध किया कि कथित तौर पर खानकाहे आलिया अरिफिया द्वारा जारी धर्मांतरण प्रमाण पत्र फर्जी है क्योंकि जामिया अरिफिया, कौशांबी के सचिव/प्रबंधक सैयद सरवान द्वारा बताया गया कि 22 फरवरी, 2025 को उनके संस्थान द्वारा कभी कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।
अदालत ने कहा, “संबंधित पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने और संपूर्ण रिकॉर्ड पर गौर करने के बाद एक बात एकदम साफ है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर धर्मांतरण, उप्र गैर कानूनी धर्मांतरण अधिनियम में उल्लिखित आवश्यक तत्वों में से किसी का निर्धारण नहीं कर सकता।”
अदालत ने कहा, “दोनों पक्षों के बीच ऐसी शादी कानून की नजर में भी कहीं नहीं टिकती क्योंकि मुस्लिम कानून के मुताबिक, शादी इस्लाम को मानने वालों के बीच एक अनुबंध है। एक बार धर्म परिवर्तन अवैध होने पर कानून की नजर में उस दंपति को शादीशुदा दंपति के तौर पर नहीं माना जा सकता।”
कोर्ट ने कहा – दोनों याचिकाकर्ताओं विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह करने के पात्र
हालांकि, अदालत ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह करने के पात्र हैं जिसके लिए धर्म परिवर्तन की जरूरत नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत जारी प्रमाण पत्र के प्राप्त होने तक याचिकाकर्ता महिला को प्रयागराज के महिला संरक्षण गृह में रखा जाएगा क्योंकि महिला अपने माता पिता के साथ रहने की इच्छुक नहीं है और उसने महिला संरक्षण गृह जाने की इच्छा जताई है।