युवराज सिंह ने आज अन्तरर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। युवराज सिंह ने अपने लंबे क्रिकेट करियर पर संतोष जाहिर किया। हालांकि शानदार करियर के बावजूद युवराज सिंह को एक अफसोस रह गया। युवराज सिंह ने कहा कि ‘टेस्ट मैचों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने का उन्हें हमेशा मलाल रहेगा। यदि उन्होंने और 40 टेस्ट खेले होते तो यह शानदार होता।’ बता दें कि युवराज सिंह की गिनती व्हाइट बॉल क्रिकेट के सबसे स्टाइलिश और शानदार खिलाड़ियों में होती है। लेकिन युवराज सिंह का टेस्ट करियर उतना प्रभावशाली नहीं रहा।
युवराज सिंह ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान 40 टेस्ट खेले और उनके खाते में 1900 रन ही हैं। ये रन युवराज ने 33.92 के औसत से बनाए हैं, जिनमें 3 शतक और 11 अर्द्धशतक शामिल हैं। युवराज सिंह का टेस्ट में उच्चतम स्कोर 169 रन है। टेस्ट रिकॉर्ड को देखकर लगता है कि युवराज सिंह एक सामान्य खिलाड़ी रहे, लेकिन जैसे ही युवराज के वनडे करियर पर निगाह डालते हैं तो तस्वीर एकदम ही पलट जाती है। युवराज ने 304 वनडे मैचों में 8701 रन बनाए। इस दौरान युवराज का औसत 36.55 रहा और उन्होंने 14 शतक और 52 अर्द्धशतक लगाए। वनडे में युवराज के खाते में 111 विकेट भी हैं।
सोमवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में युवराज सिंह ने औपचारिक रुप से अन्तरर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर से संन्यास की घोषणा कर दी। हालांकि युवराज का फ्रीलांस क्रिकेट करियर अभी जारी रहेगा और वह आईसीसी से अप्रूव विदेशी टी20 लीग में अपना जलवा बिखेरते रहेंगे। साल 2011 का क्रिकेट वर्ल्ड कप युवराज सिंह के लिए यादगार रहा और उस टूर्नामेंट में युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे। अपने संन्यास का ऐलान करते हुए युवराज सिंह ने कहा कि “पिछले 25 साल 22 यार्ड के आसपास और करीब 17 साल अन्तरर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बिताने के बाद अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया है। इस खेल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। इस खेल ने मुझे लड़ना, गिरना और फिर गिरकर उठना सिखाया।”

