Yuvraj Singh and Harbhajan Singh questioned the Board of Control for Cricket: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नियमो पर सवाल खड़े किए हैं। डकवर्थ लुईस नियम के कारण पंजाब की टीम को विजय हजारे ट्रॉफी से बाहर होना पड़ा था, जो बात युवराज सिंह को नागवार गुजरी। तीसरा क्वार्टर फाइनल मैच में डकवर्थ लुईस नियम के अनुसार पंजाब को जीत के लिए 39 ओवर में 195 रनों का टारगेट मिला था। पंजाब 12.2 ओवर में 2 विकेट पर 52 रन बना चुकी थी, लेकिन तभी बारिश के कारण मैच को रोक दिया गया। इसके बाद तमिलनाडु को जीत का हकदार माना गया और पंजाब सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गई। युवराज ने सोशल मीडिया पर निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, ‘विजय हजारे टूनामेंट में तमिलनाडु के खिलाफ पंजाब अनलकी रही। खराब मौसम की वजह से टीम को हार का सामना करना पड़ा। हमारे पास रिजर्व डे होने चाहिए। क्या घरेलू टूनामेंट बीसीसीआई के लिए कोई महत्व नहीं रखते हैं?

युवराज सिंह से पहले उनके साथी क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी बीसीसीआई के इस नियम की आलोचना की थी। वहीं कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी इस तरह मैच का फैसला होने पर अपनी निराशा जताई थी। पंजाब के कप्तान मनदीप सिंह भी इस फैसले से नाखुश नजर आए थे। तीसरे क्वार्टर फाइनल मैच में पहले बल्लेबाजी का निमंत्रण मिलने के बाद तमिलनाडु ने बाबा अपराजित (56) की अर्धशतक के दम पर 39 ओवर में छह विकेट पर 174 रन बनाये। लेग स्पिनर मयंक मार्कंडेय और गुरकीरत सिंह ने दो-दो विकेट लिये जबकि संदीप शर्मा और करण कालिया को एक-एक सफलता मिली।

बारिश के खलल के बाद पंजाब को जीत के लिए वीजेडी पद्धति से 39 ओवर में 195 रन बनाने का लक्ष्य मिला। पंजाब की पारी के दौरान 13वें ओवर में एक बार फिर से बारिश ने खलल डाला जिससे मैच को रोकना पड़ा। मैच रोके जाते समय पंजाब ने 12.2 ओवर में दो विकेट पर 52 रन बना लिये थे। सलामी बल्लेबाज सनवीर सिंह 21 रन पर खेल रहे थे जबकि कप्तान मनदीप सिंह 10 रन पर क्रीज पर मौजूद थे। ग्रुप चरण मे तमिलनाडु की टीम ने नौ मैचों में नौ जीत दर्ज की थी जबकि पंजाब ने आठ में से पांच मैच अपने नाम किए थे।