International Online Chess Championship: पुणे की यरवदा जेल की एक शतरंज टीम ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए हाल ही में विश्व शतरंज महासंघ (फिडे) द्वारा कैदियों के लिए आयोजित अंतर महाद्वीपीय ‘आजादी के लिए शतरंज’ ऑनलाइन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। यह पहला अवसर है, जब भारतीय कैदियों की टीम ने किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था।
इस प्रतियोगिता में 46 देशों की 86 टीमों ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम को भारतीय तेल निगम (आईओसी) की ‘परिवर्तन- जेल से लेकर गौरव तक’ पहल के तहत तैयार किया गया था। आईओसी ने एक बयान में यह जानकारी दी। इस प्रतियोगिता को कैदियों के लिए शतरंज ओलंपियाड भी कहा जा सकता है।
भारतीय टीम में 6 सदस्य शामिल थे। भारतीय टीम ने अल सल्वाडोर को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। फिलीपींस की टीम ने स्वर्ण पदक, जबकि कोलंबिया की टीम ने रजत पदक जीता। इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए इस महीने की शुरुआत में अखिल भारतीय अंतर कारागार शतरंज टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। उस टूर्नामेंट में 21 टीमों ने हिस्सा लिया था।
आईओसी में कार्यरत ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे ने बताया, ‘बहुत से कैदी-शतरंज के खिलाड़ी बहुत शानदार हैं। उनमें से कुछ तो शतंरज में शुरुआत करने वाले लोगों के लिए कोच भी बन सकते हैं।’ अभिजीत कुंटे के मुताबिक, प्रतियोगिता के लिए भारत की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के बीच से चयन किया जाना था। पुरुष वर्ग में पुणे स्थित यरवदा जेल के कैदियों की टीम पहले स्थान पर रही। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले स्थित नैनी जेल की टीम रही। दिल्ली की तिहाड़ जेल से महिला और जुवेनाइल (किशोर) वर्ग की टीमें थीं।
यरवदा जेल के अधीक्षक शिवशंकर पाटिल ने कहा, ‘यरवदा जेल की टीम ने अल सल्वाडोर की टीम को 3-1 से हराया… यह उन कैदियों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है जिन्होंने हिस्सा लिया। उनकी यह जीत दूसरों के लिए प्रेरणा साबित होगी। इस तरह की प्रतियोगिताओं के लिए पिछले चार महीने से 6 टीमों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था।’