23 दिसंबर से शुरू होने वाले अंडर-19 एशिया कप के लिए बीसीसीआई ने 20 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा कर दी है। इस बार टीम की कमान दिल्ली के यश धुल संभालते हुए नजर आएंगे। यश धुल के क्रिकेट में पहचान बनाने की कहानी काफी इमोशनल और दिल को छू लेने वाली है।

विराट कोहली, ऋषभ पंत और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों ने भी दिल्ली की गलियों से नेशनल टीम तक का सफर तय किया है, ऐसे में यश धुल के पास यूएई में होने वाले एशिया कप का खिताब जीतकर इन दिग्गजों की तरह ही अपनी पहचान बनाने का सुनहार मौका है।

यश धुल के क्रिकेटर बनने का सफर

दिल्ली के जनकपुरी के यश धुल का भी दूसरे बच्चों की तरह क्रिकेट से काफी लगाव रहा। 4 साल की ही उम्र से उन्होंने बल्ला पकड़ लिया था और 12 साल की ही उम्र में वह दिल्ली की अंडर-14 टीम का अहम हिस्सा बन गए थे। धुल यहीं नहीं रुके और उनके दमदार प्रदर्शन के कारण उनको अंडर-16 दिल्ली की कमान मिली।

इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह दिल्ली की अंडर-19 टीम के भी कप्तान बने, जिसके बाद अब वह भारत के अंडर-19 टीम का एशिया कप में नेतृत्व करते हुए नजर आएंगे।

पिता ने छोड़ी नौकरी, दादा की पेंशन पर चलता था घर

यश धुल की मां ने 4 साल की ही उम्र में उनके अंदर छिपे टैलेंट को पहचान लिया था, जिसके बाद उन्हें बचपन में ही एक क्रिकेट क्लब में भेज दिया गया। पिता के मुताबिक धुल की मां के ही कहने पर उन्होंने अपने बेटे के क्रिकेट में करियर बनाने के लिए पूरी जान लगा दी। पिता ने यश को एक अच्छा क्रिकेटर बनाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। उनके परिवार का खर्च यश के दादा जी की पेंशन पर चलता था।

धुल के पिता ने ये भी बताया कि घर वालों ने अपनी जरुरत की चीजें नहीं खरीदा, सिर्फ इसलिए कि हमारे बच्चे को किसी चीज की कमी न हो। उन्होंने अलग-अलग जगह नौकरियां की। दादा की पेंशन से घर का खर्चा निकलता था। जब भी यश के पिता किसी काम में व्यस्त होते थे, तो उनके दादा उनको ग्राउंड पर ले जाते थे।

लॉकडाउन में पिता बने कोच

कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में यश भी अपनी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे, जिसके बाद उनके पिता ने घर की छत पर ही नेट लगाकर उन्हें ट्रेनिंग करवाई। उनके पिता कोच राजेश नागर से ट्रेनिंग को लेकर फोन पर बात करते थे और कोच को बल्लेबाजी प्रैक्टिस की वीडियो भी शेयर करते थे, जिसके कारण लॉकडाउन में भी धुल अपनी प्रैक्टिस जारी रख सके और उन्होंने इस दौरान अपनी बल्लेबाजी में भी सुधार किया।

यश ने अंडर 19 कप्तान बनने पर क्या कहा

यश मध्यक्रम में बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं और वे थोड़ा कम बोलने वाले व्यक्ति हैं। वह ज्यादा जोशीले स्वभाव के खिलाड़ी नहीं हैं। जब उनसे भारतीय अंडर-19 कप्तान बनने की फीलिंग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुरा कर कहा कि, अभी तो शुरुआत कर रहा हूं। उन्होने कहा कि अगर वह ईमानदारी से खेलते रहेंगे तो एक दिन अच्छे लेवल पर जरूर पहुंचेंगे।