टीम इंडिया जब बुधवार से लंदन के द ओवल स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में उतरेगी तो 10 साल का सूखा खत्म करना चाहेगी। साल 2013 के बाद पहली बार आईसीसी ट्रॉफी जीतना चाहेगी। इस महामुकाबले से पहले दोनों टीमों ने पूरे दो साल की साइकल में उतार-चढ़ाव देखा है।

2014/15 से दोनों देशों के बीच खेली जाने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत का पलड़ा भारी रहा है। तटस्थ स्थान पर मैच होने के बाद भी रिकी पोंटिंग और वसीम अकरम जैसे पूर्व क्रिकेटरों ने ऑस्ट्रेलिया को फेवरेट बताया है, लेकिन भारत ने हाल के समय में इंग्लैंड की परिस्थितियों में और ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है। आइए जानते हैं कि भारत क्यों ऑस्ट्रेलिया से मैच छीन सकता है।

ओवल में ऑस्ट्रेलिया का खराब रिकॉर्ड

ऑस्ट्रेलिया ने 1880 में द ओवल में इंग्लैंड में पहला टेस्ट खेला था। उसने साउथ लंदन के प्रसिद्ध मैदान पर 38 टेस्ट में से केवल सात जीत हासिल की है। यहां टीम की सफलता दर 18.42 प्रतिशत है, जो इंग्लैंड के मैदान पर सबसे खराब है। पिछले 50 सालों में कंगारुओं ने ओवल में सिर्फ दो बार जीत हासिल की है।

ओवल में भारत का हाल में प्रदर्शन

भारत ने भी ओवल में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। टीम दो मैच जीती है और सात मैच ड्रा रहे हैं और पांच में हार का सामना किया है, लेकिन रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम को 2021 में इंग्लैंड पर 157 रन की जीत से आत्मविश्वास मिलेगी, जो 40 साल में इस मैच पर पहली टेस्ट जीत थी। फाइनल में भारत उस यादगार जीत से प्रेरणा ले सकता है।

विराट कोहली की फॉर्म में वापसी

विराट कोहली ने इस साल की शुरुआत में अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में शतक के सूखे को खत्म किया था। फॉर्म में वापसी के बाद 34 वर्षीय बल्लेबाज ने तीनों प्रारूपों में शतक बनाया है। उन्होंने आईपीएल 2023 में लगातार दो शतक लगाए। पैट कमिंस की टीम के खिलाफ भी कोहली का रिकॉर्ड अच्छा है। उन्होंने कंगारुओं के खिलाफ 48.27 की औसत से 1979 रन बनाए। उन्होंने उनके खिलाफ आठ शतक भी जड़े हैं।

शुभमन गिल बनाम मिचेल स्टार्क

दाएं हाथ का यह युवा ओपनर शुभमन गिल इस साल सभी प्रारूपों में शानदार फॉर्म में रहे हैं। हाल ही में समाप्त हुए आईपीएल 2023 में वह अपने खेल को एक नए स्तर पर ले गए। कोहली की तरह गिल ने भी अहमदाबाद टेस्ट में शतक जड़ा था। मिचेल स्टार्क विश्व क्रिकेट में नई गेंद के घातर गेंदबाजों में से एक हैं। वह गिल के खिलाफ संघर्ष करते हैं। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को गिल का विकेट लेना बाकी है। अगर वह स्टार्क के खिलाफ आक्रामक शुरुआत करते हैं और उन्हें लय में नहीं आने देते तो भारत को काफी फायदा होगा।

रविंद्र जडेजा का प्रभाव

घुटने की चोट से वापसी के बाद से 34 साल के इस खिलाड़ी ने जो कुछ भी छुआ है वह सोने में बदल गया है। जडेजा भारत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्लेयर ऑफ द सीरीज थे। हालांकि, इंग्लैंड की परिस्थितियां पूरी तरह से अलग हो सकती हैं, लेकिन जडेजा द्वारा गेंद से दिए गए घाव अभी भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के जेहन में ताजा होंगे। उन्होंने सीरीज में 22 विकेट लिए। बल्ले से भी वह हाल के दिनों में शानदार फॉर्म में रहे हैं और उन्होंने मध्यक्रम में कुछ उपयोगी योगदान दिया है।