भारतीय क्रिकेट टीम जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज के दो टेस्ट के दौरे के साथ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2023-25 चक्र में अपने अभियान की शुरुआत करेगी। यहां ऐसे 6 संभावित खिलाड़ी हैं जो अगले दो वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से डेब्यू कर सकते हैं।
सरफराज खान: प्रथम श्रेणी में डॉन ब्रैडमैन के बाद हैं दूसरे नंबर पर
सरफराज को लेकर एक धारणा बन गई है कि वह ‘क्रिकेट के लिए फिट’ नहीं हैं, लेकिन यदि आप 3 साल से सीजन दर सीजन उनके रनों को गौर करते हैं तो यह तर्क महत्वहीन लगता है। सरफराज खान प्रथम श्रेणी औसत में डॉन ब्रैडमैन के बाद दूसरे नंबर (उन बल्लेबाजों में जिन्होंने कम से कम 50 पारियां खेली हैं) पर हैं। सरफराज का औसत 79.65 का है। इसमें 13 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि, वह भारत ए के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। उनके खेल में कुछ विशेष रूप से शॉर्ट बॉल के खिलाफ तकनीकी खामियां भी हैं। इन पर वह कोच के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। सरफराज खान अभी 26 साल से भी कम हैं। ऐसे में उनके पास अगला कदम उठाने के लिए काफी समय है।
यशस्वी जायसवाल: हाल ही में ईरानी कप में रच चुके हैं इतिहास
आप प्रथम श्रेणी में 26 पारियों में 80.21 के औसत वाले किसी बल्लेबाज को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं? यशस्वी जायसवाल ने गेंदबाजों पर आक्रमण करने की अपनी क्षमता के साथ-साथ एक ठोस तकनीक के कारण घरेलू सर्किट में तहलका मचा दिया है। इसकी झलक उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए शीर्ष क्रम में जोस बटलर के साथ ओपनिंग करते हुए दिखाई भी है। यशस्वी जयसवाल की हालिया प्रथम श्रेणी पारी ईरानी कप में आई। वहां उन्होंने शेष भारत की ओर से खेलते हुए मध्य प्रदेश के खिलाफ कुल 357 (213 और 144) रन बनाए। यह ईरानी कप के किसी भी मैच में किसी भी बल्लेबाज के सबसे ज्यादा रन हैं। यशस्वी जयसवाल न सिर्फ ओपनिंग करने की क्षमता रखते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने की भी क्षमता रखते हैं।
ऋतुराज गायकवाड़: चेन्नई सुपर किंग्स के कोच स्टीफन फ्लेमिंग तक हैं बहुत प्रभावित
ऋतुराज गायकवाड़ की हालिया अधिकांश सफलता सफेद गेंद वाले क्रिकेट में रही है, लेकिन उनकी दृढ़ता और देर तक खेलने की प्रवृत्ति ने कई लोगों को उनकी प्रतिभा की तुलना रोहित शर्मा से करने के लिए प्रेरित किया है। ऋतुराज गायकवाड़ का रेड बॉल फॉर्मेट में रिकॉर्ड बहुत प्रभावशाली नहीं है। ऋतुराज गायकवाड़ ने 28 प्रथम श्रेणी मैच में 42.19 के औसत से ही रन बनाए हैं, लेकिन उनमें सुधार हो रहा है। उनका 2022-23 में पहली बार रणजी ट्रॉफी सीजन में औसत 50 से ऊपर रहा। चेन्नई सुपर किंग्स में उनके कोच स्टीफन फ्लेमिंग गायकवाड़ के लेंथ पकड़ने की क्षमता से बहुत प्रभावित हैं।
तिलक वर्मा: ठेठ हैदराबादी फ्लेयर
ठेठ हैदराबादी फ्लेयर। आईपीएल 2023 के दौरान रोहित शर्मा ने मुंबई इंडियंस के लिए तिलक वर्मा की कई पारियों में से एक का वर्णन करते हुए यही कहा था। तिलक वर्मा चोट के कारण 2022-23 रणजी सीजन से चूक गए, लेकिन उनके स्वभाव और तकनीक की सचिन तेंदुलकर सहित कई विशेषज्ञों ने सराहना की है। उनके पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक बहुत अधिक अनुभव नहीं है, लेकिन पिछले साल घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड ए के खिलाफ भारत ए के लिए खेलते हुए उनकी प्रतिभा की झलक दिखी है। तब उन्होंने अपना अब तक का एकमात्र प्रथम श्रेणी शतक बनाया था। तिलक वर्मा की अभी कड़ी परीक्षाएं होंगी होंगी, लेकिन संकेत आशाजनक हैं।
अभिमन्यु ईश्वरन: भारत ए के लिए खेलते हुए खुद को कर चुके हैं साबित
इस मौजूदा बल्लेबाजी समूह में शायद सबसे उम्रदराज 28 साल के अभिमन्यु ईश्वरन पिछले कुछ समय से भारत ए के लिए काफी सफल रहे हैं। उनकी तकनीक बहुत अच्छी है, जिससे उन्हें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सफलता मिली है। दिसंबर 2013 में प्रथम श्रेणी में पदार्पण करने के बाद वह पिछले तीन वर्षों में सलामी बल्लेबाजों (रेड बॉल फॉर्मेट) की बात करें तो वह भारत के अगली कतार में शामिल हो गए हैं। ईश्वरन की कुल प्रथम श्रेणी संख्या जबरदस्त है। वह 150 पारियों में 47.85 के औसत से 6556 रन बना चुके हैं। इसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 233 रन है। यशस्वी जायसवाल की तरह वह भी खुद को नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार कर सकते हैं। भारत ए के लिए वह इस भूमिका में खेले भी हैं। इस सूची में अन्य लोगों के विपरीत ईश्वरन के पास आईपीएल अनुबंध नहीं है, लेकिन पिछले चार वर्षों से बांग्लादेश की प्राथमिक लिस्ट-ए प्रतियोगिता, ढाका प्रीमियर लीग में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है।
मुकेश कुमार: प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार है काम
खुद को जोश हेज़लवुड के अनुरूप ढालने के बाद बंगाल के मुकेश कुमार ने एक अथक परिश्रमी व्यक्ति के रूप में ख्याति अर्जित की है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान किया है। दो सीजन से भारत ए का नियमित सदस्य होने के कारण उनकी टेस्ट टीम में पदोन्नति स्वाभाविक ही लगती है। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मुकेश का काम शानदार है। उन्होंने 39 मैच में 21.55 के औसत से 149 विकेट लिए हैं। इशान पोरेल और आकाश दीप के साथ वह बंगाल के त्रिस्तरीय तेज आक्रमण का हिस्सा रहे हैं। इसी पेस बैटरी ने 2019-20 और 2022-23 में बंगाल को दो बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंचाया है। मुकेश कुमार का भारत ए रिकॉर्ड भी प्रभावशाली है। उन्होंने 17.50 के औसत से 18 विकेट लिए हैं। इसमें न्यूजीलैंड ए और बांग्लादेश ए के खिलाफ पांच विकेट शामिल हैं