Wrestlers Returns Medal: 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों ने आखिरकार अपने घर का रास्ता पकड़ लिया है। बीते एक महीने से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवान मंगलवार को अपने मेडल बहाने हरिद्वार पहुंचे थे। नरेश टिकैत के कहने पर खिलाड़ियों ने मेडल तो नहीं बहाए लेकिन वह लौटकर दिल्ली भी नहीं आए। हरिद्वार से साक्षी मलिक को छोड़कर बाकी सभी पहलवान अपने-अपने घर चले गए हैं। एक और खिलाड़ी धरना स्थल छोड़ घर गए वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन्हीं पहलवानों के समर्थन में कोलकाता में रैली निकाल रही हैं।
मेडल बहाना चाहते थे रेसलर
28 मई को पहलवान नई संसद पर महापंचायत करना चाहते थे। हालांकि दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था। सभी पहलवानों का हिरासत में लिया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। खिलाड़ियों को उसी दिन रिहा कर दिया गया था। अगले दिन ही पहलवानों ने ऐलान किया था कि हरिद्वार जाकर अपने मेडल बहा देंगे। हालांकि नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया।
मौन व्रत पर थे पहलवान
खिलाड़ियों ने हरिद्वार में मीडिया से बात नहीं की। वह पूरा समय शांत ही रहे क्योंकि उन्होंने मौन व्रत लिया हुआ था। साक्षी मलिक फिलहाल दिल्ली में है लेकिन बाकी सभी खिलाड़ी घर लौट चुके हैं। वह कब लौटेंगे और उनका आगे का क्या प्लान है इसे लेकर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है।
ममता बनर्जी के अगुवाई में कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पहलवानों के समर्थन में रैली में शामिल की गई. समर्थकों के हाथों में ‘वी वांट जस्टिस’ का पोस्टर लिए वह भारत के पहलवानों को न्याय देने की मांग कर रही थीं. उन्होंने कहा, “हमें अपने पहलवानों पर गर्व है.”
बृजभूषण सिंह ने कहा- सबूत दो
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायलय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है। मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। अगर आरोपों में कोई सच्चाई है, तो गिरफ्तारी की जाएगी। वे अपने पदक गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार गए थे लेकिन बाद में उन्होंने इसे टिकैत को सौंप दिया। यह उनका स्टैंड है, हम क्या कर सकते हैं?”