Delhi Jantar Mantar Wrestlers Protest: भारत के शीर्ष पहलवानों ने कई राजनेताओं और किसान संगठनों के समर्थन के बीच मंगलवार 25 अप्रैल 2023 को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया। पहलवानों का कहना है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष की गिरफ्तारी नहीं होने तक वे धरना स्थल से नहीं जाएंगे।
बाहुबल का सहारा ले रहे बृजभूषण शरण सिंह: विनेश, साक्षी और बजरंग
विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत पहलवानों ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख अब बाहुबल का सहारा ले रहे हैं और धमकी तथा रिश्वत देकर ‘पीड़ितों’ को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। विनेश ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह को पीड़ितों के नाम लीक किए हैं। बृजभूषण शरण सिंह हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश और कोच महाबीर प्रसाद बिश्नोई का इस्तेमाल उन महिला पहलवानों के परिवारों को डराने-धमकाने के लिए कर रहे हैं जिन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
पहलवानों का आरोप- पुलिस ने बृजभूषण को लीक किए पीड़ितों के नाम
विनेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘बृजभूषण अब शिकायतकर्ताओं के नाम जानते हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें नाम लीक कर दिए हैं। वे धमकियां दे रहे हैं। वे पीड़ितों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए प्राथमिकी दर्ज करने में देरी हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने सोचा था कि खेल मंत्रालय हमें न्याय देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। अगर उच्चतम न्यायालय इस मामले से जुड़ी हर चीज को अपने अधीन ले लेता है तो हमें यकीन है कि कोई ‘खेल’ नहीं खेला जाएगा, तभी हम धरनास्थल छोड़ेंगे।’
सिर्फ FIR दर्ज करने से नहीं चलेगा काम
विनेश ने कहा, ‘अगर सिर्फ एक प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो हम यहां से नहीं जाएंगे। उसे सलाखों के पीछे डालना होगा। अगर वह बाहर रहेगा तो हम सुरक्षित नहीं रहेंगे। अगर वह खुले में घूम रहा है तो हम ट्रेनिंग कैसे करेंगे।’ अगर पुलिस प्राथमिकी दर्ज करती है और जांच शुरू करती है तो क्या वे संतुष्ट होंगे? के सवाल पर विनेश ने कहा, ‘लोगों के खिलाफ सैकड़ों और हजारों प्राथमिकी दर्ज हैं लेकिन यह न्याय का सवाल है। जब हमें यकीन हो जाएगा कि हमें बहकाया नहीं जाएगा तो हम विरोध खत्म कर देंगे, नहीं तो हम यहां डटे हुए हैं।’
महाबीर प्रसाद का आरोपों से इंकार
इस बीच, कोच महाबीर प्रसाद ने आरोपों से इंकार किया। महाबीर प्रसाद ने पीटीआई से कहा, ‘मैं नहीं जानता कि पीड़ित कौन हैं। मुझे इसमें घसीटा जा रहा है, क्योंकि मैंने पहलवानों का पक्ष लेने से इंकार कर दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘वे चाहते थे कि मैं विरोध में उनके साथ रहूं, लेकिन मैंने उनसे कहा कि वे मुझे प्रिय हैं और मैं कोचिंग के हिस्से में मदद कर सकता हूं, भले ही वे मुझे तड़के बुलाएं लेकिन मैं एक तरफ खड़ा नहीं रहूंगा, क्योंकि महासंघ ने मेरे करियर में भी मेरी मदद की है।’ कोच ने कहा, ‘मैंने तटस्थ रहना चुना। पहलवानों को यह पसंद नहीं आया, इसलिए वे मुझ पर आरोप लगा रहे हैं।’
इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई राजनेताओं तथा खाप नेताओं ने मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलकर उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के एक अन्य नेता उदित राज, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की बृंदा करात का पहलवानों ने स्वागत किया। इससे पहले जनवरी में पहलवानों ने बृंदा करात को प्रदर्शन का हिस्सा बनने से रोक दिया था।
पहलवानों ने सोमवार को तमाम पक्षों से समर्थन की मांग की थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगभग 35 मिनट जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ बिताए। पहलवान जनवरी से ही भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उन्होंने यौन उत्पीड़न और डराने धमकाने के आरोप लगे हैं।
बच्चों ने पहलवानों को सौंपी अपनी गुल्लक
भारत किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने भी पहलवानों के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। कुछ बच्चों ने पहलवानों को अपनी गुल्लक भेंट की। इनमें से एक बच्चा भोपाल से आया था। बजरंग पूनिया ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘आपका बहुत बड़ा दिल है।’ यह कहते हुए गुल्लक लौटा दी।
जीत आपकी होगी: कांग्रेस नेता उदित राज
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जहां कोई बात नहीं की, वहीं उदित राज ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से उसी तरह अपनी मांग पर अडिग रहने के लिए कहा जिस तरह से किसान अपनी मांगों पर डटे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जीत आपकी होगी।’ इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज न किए जाने का आरोप लगाने वाली सात महिला पहलवानों की याचिका पर दिल्ली सरकार तथा अन्य को नोटिस जारी किए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये ‘गंभीर आरोप’ हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है। उच्चतम न्यायालय ने पहले कहा था कि महिला पहलवानों की याचिका को सुनवाई के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जा सकता है। हालांकि, मामले का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की कुछ दलीलों पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीधे मामले पर सुनवाई करने का फैसला किया।
पीठ ने कहा कि सामान्य तौर पर, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (संज्ञेय मामलों की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की शक्ति) के तहत पुलिस के पास जाने का उपाय उपलब्ध है। कपिल सिब्बल ने बताया कि एक नाबालिग पहलवान समेत सात पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, लेकिन इस पहलू पर बहुत स्पष्ट कानून होने के बावजूद अब तक कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई है।
