ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट की अगुआई में प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मंगलवार 30 मई 2023 को अपने पदकों को गंगा नदी में ‘विसर्जित’ करने की घोषणा की थी। वे हरिद्वार में हर की पौड़ी पहुंचे, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के इस आग्रह पर कि वे 5 दिन के लिए अपना फैसला टाल दें, पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में नहीं बहाए।

हालांकि, द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भाजपा नेता के फोन और परिवार के दबाव के चलते पहलवानों ने अपना प्लान बदला। इस बीच, रेसलिंग की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के बाद मामले में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) की भी एंट्री हो गई है।

पहलवानों का मिला मांगे पूरी होने का आश्वासन

नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर एक पहलवान ने बताया, ‘हमें आश्वासन दिया गया था कि हमारी मांगें मानी जाएंगी, इसलिए हम पीछे हट गए। हालांकि, अगर सरकार अपने वादे से मुकरती है, तो हम फिर से गंगा लौट आएंगे।’ पहलवानों के हर की पौड़ी छोड़ने के बाद नरेश टिकैत ने कहा, ‘हमने पांच दिन का समय मांगा है और पहलवानों से इंतजार करने को कहा है। उसके बाद हम महापंचायत करेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे।’

केंद्रीय मंत्री ने भी की पहलवानों से मुलाकात

माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से एक केंद्रीय मंत्री भी पहलवानों के पास पहुंचे और उनसे अपने पदक ‘विसर्जित’ नहीं करने का आग्रह किया। बाद में नरेश टिकैत ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पहलवान गुस्से में कोई कदम न उठाएं। बच्चे गुस्से में वहां चले गए…। हमने उन्हें मना किया कि आप ऐसा मत करो…।’

भारतीय पहलवानों संग जो हुआ वह बहुत परेशान करने वाला: IOC

द इंडियन एक्सप्रेस के एक सवाल के जवाब में स्विट्जरलैंड के लुसाने से आईओसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘सप्ताहांत में एथलीट्स के साथ जो व्यवहार हुआ, जिस तरह उनके साथ मारपीट की गई और घंटों हिरासत में रखा गया, वह बहुत परेशान करने वाला था।’ आईओसी ने साथ ही रेखांकित किया, ‘हम आग्रह करते हैं कि इस प्रक्रिया के दौरान इन एथलीट्स की सुरक्षा और भलाई पर विधिवत विचार किया जाए और यह जांच तेजी से संपन्न हो।’

आईओसी ने पीटी उषा की अध्यक्षता वाले आईओए से भी एथलीट्स की सुरक्षा करने का आग्रह किया। हालांकि, दो एफआईआर का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह का नाम नहीं लिया। आईओसी ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, ‘सप्ताहांत में भारतीय पहलवानों के साथ जैसा व्यवहार हुआ वह बहुत परेशान करने वाला था।’

प्रवक्ता ने कहा, ‘आईओसी जोर देकर कहता है कि पहलवानों के आरोपों का स्थानीय कानून के अनुसार निष्पक्ष जांच हो। हम समझते हैं कि इस दिशा में पहला कदम उठाया जा चुका है, लेकिन ठोस कार्रवाई सामने आने से पहले और कदम उठाने होंगे।’

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (United World Wrestling) पहले ही 28 मई 2023 को जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान भारत के शीर्ष पहलवानों को हिरासत में लिए जाने और उनके साथ हुए व्यवहार की निंदा कर चुका है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि 45 दिन के भीतर चुनाव नहीं होते हैं तो रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को निलंबित कर दिया जाएगा। हालांकि, पहलवान तटस्थ ध्वज तले खेल पाएंगे।