भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने पहलवानों के प्रदर्शन मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है। रोजर बिन्नी ने पीटीआई को बताया, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के विपरीत मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मैंने पहलवानों के विरोध की मौजूदा स्थिति के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है। मुझे विश्वास है कि सक्षम अधिकारी इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर होने के नाते मेरा मानना है कि खेल को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
दरअसल, रोजर बिन्नी का यह स्पष्टीकरण देने के लिए इसलिए जरूरत पड़ी क्योंकि 2 जून 2023 को भारत की 1983 विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के जीवित सदस्यों की ओर से पीटीआई को बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि वे इस सप्ताह की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रमुख भारतीय पहलवानों के साथ सुरक्षा कर्मियों द्वारा जोर-जबरदस्ती किए जाने से व्यथित और परेशान थे।
चूंकि रोजर बिन्नी भी 1983 विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम का हिस्सा थे, ऐसे में माना गया कि वह भी पहलवानों की स्थिति से व्यथित और परेशान हैं। हालांकि, बाद में रोजर बिन्नी ने बयान जारी कर खुद को इस मामले से पूरी तरह अलग कर लिया। बता दें कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी पहलवानों के विरोध मामले से पल्ला झाड़ लिया था।
सौरव गांगुली ने कहा था कि यह पहलवानों की लड़ाई है और उन्हें इसे खुद लड़ना चाहिए। गांगुली के इस बयान के बाद विनेश फोगाट ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान पर तंज भी कसा था। विनेश फोगाट ने कहा था, सब अपना घर भरो, जनता भाड़ में जाए। अगर गांगुली को मामले के बारे में जानना है तो हमारे पास आएं और हम उन्हें सब कुछ समझाएंगे।
रविवार 28 मई 2023 को विनेश फोगट, साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों को दिल्ली में जंतर-मंतर से घसीटते हुए ले जाने की तस्वीरें सामने आई थीं। दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई तब की जब प्रदर्शनकारी पहलवान नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे थे। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था।